नटवरलाल दलालों ने इंदौर का Property मार्केट डुबोया


राजेश राठौर
EXCLUSIVE

स्वतंत्र समय, इंदौर

इंदौर में प्रापर्टी ( Property ) का कारोबार जैसे-जैसे बढऩे लगा, वैसे-वैसे प्रापर्टी दलाल भी बढ़ते गए। एक जमाना था जब इंदौर में प्रापर्टी दलाल अपने ग्राहकों के साथ धोखाधड़ी नहीं करते थे। जो सही प्रापर्टी होती थी, उसी में ही प्लाट दिलाते थे। अब तो अधिक कमीशन और स्क्वेयर फिट की धांधली ने प्रापर्टी दलालों को बेईमान बना दिया। ‘हथेली पर चंद्रमा’ दिखाने की तर्ज पर ठगौरे कालोनाइजरों के दलाल बनकर प्रापर्टी दलालों ने इंदौर के प्रापर्टी मार्केट को ऐसा डुबाया है कि इसका भविष्य फिलहाल अंधकार में है।

हर घर में Property दलाल है

पिछले 3 महीने से लगातार प्रापर्टी ( Property ) मार्केट में आई मंदी के सबसे बड़े गुनाहगारों में से एक प्रापर्टी दलाल भी हैं जिन्होंने लोगों को लूटने और ठगने से बचाने की बजाय झांसे में लेने का काम शुरू कर दिया। हालत यह हो गई है कि अब हर घर में एक प्रापर्टी दलाल हो गया है। जिसको देखो वो ये कहता है कि मैं प्रापर्टी का काम करता हूं। एक ही प्रापर्टी के सौंदे में तीन-तीन, चार-चार दलाल रहते हैं, ये सब ग्राहक को चूना लगाने की मास्टर डिग्री हासिल कर चुके हैं। हालत यह है कि टोपीबाज कालोनाइजर का रंगीन फोल्डर लेकर ये दलाल ग्राहक के पास जाते हैं और उसको ऐसा मूर्ख बनाते हैं कि अच्छे-अच्छे समझदार भी ‘डिजीटल अरेस्ट’ की तरह फंस जाते हैं। हर प्रापर्टी दलाल ये कहता है कि फलां-फलां कालोनी में आप प्लाट खरीद लो, बस दो-तीन महीने में रेट बढ़ जाएंगे, एक-दो किस्त भरकर ही डायरी पलटा देंगे। जिनकी हैसियत एक डायरी या एक प्लाट बुक करने की है वो भी इस ‘चकरी’ के चक्कर में ऐसे फंसते हैं कि तीन-तीन, चार-चार प्लाट बुक कर लेते हैं। बस यहीं से फर्जी कालोनाइजरों की दुकान चलने लग जाती है। हर बेरोजगार को बस एक ही काम ‘प्रापर्टी की दलाली’ कर लो, कोई न कोई ग्राहक तो फंस ही जाएगा। कालोनाइजर इन दलालों को गोआ, बैंकाक और पटाया जैसी जगह ले जाकर हर सुविधा उपलब्ध कराते हैं। कॉकटेल पार्टी तो भगवान के भंडारे की तरह कभी भी होती रहती है। इन दलालों को कालोनाइजर दिनभर अपने पास बुलाकर बड़े-बड़े लालच देते हैं। दलालों का ऐसा काकस बन गया है जो इनके काकस में फंस जाता है फिर वो दिवालिया होकर ही बाहर निकल पाता है। प्लाट, फ्लैट, दुकान हो या फार्म हाउस, सब के सब बिना अनुमति के काटे जा रहे हैं। एक गेट बना दो, वहां पर प्रापर्टी का मेला लगा दो, पहले प्लाट बुक करने वाले को सोने या चांदी का सिक्का दे दो, कुछ कलाकार कालोनाइजर तो और महंगे गिफ्ट, कार तक दे देते हैं।

‘भगवान बचाए इन ठगौरों से’

दलालों की हालत इतनी अच्छी हो गई है कि कई दलाल तो खुद कालोनाइजर बन बैठे हैं। टोपीबाज दलाल नकली साधु-महात्माओं की तरह अपने आफिस कम आश्रम में चार-पांच भक्त यानि ग्राहक बिठाकर रखते हैं, जो यह बताते हैं कि भैया के कहने पर हमने प्रापर्टी ली थी, चार-छह महीने में ही दो-तीन गुना भाव हो गए थे। हम तो जो भी प्रापर्टी खरीदते हैं वो सब इनके भरोसे खरीदते हैं। आने वाला ग्राहक बेचारा अपने पूरे जीवन की पूंजी लगाकर एक प्लाट खरीदता है और उसके बाद सालों तक अपने प्लाट पर खेती होते हुए देखता है। दलालों के लिए यही कहा जा सकता है ‘भगवान बचाए इन ठगौरों से’। ग्राहकों को तो सीधे कालोनाइजर से बात करना चाहिए ताकि दलाल जो कालोनाइजर से दलाली लेता है उस पैसे का भी लाभ मिल सकता है। हमने तो अपनी तरफ से समझा दिया, लेकिन क्या करें…मूर्खों की जमात है, तेजी से करोड़पति बनने के चक्कर में लोग मूर्ख बनते आए हैं और बनते ही रहेंगे…जय श्री राम।