इस वर्ष नवरात्रि को लेकर श्रद्धालुओं के बीच कुछ असमंजस की स्थिति बनी हुई है। सामान्यतः नवरात्रि नौ दिनों तक चलती है, लेकिन इस बार यह पर्व दस दिन तक मनाया जा रहा है। इसका कारण यह है कि इस वर्ष चतुर्थी तिथि दो दिन पड़ी थी। इस वजह से गणना के अनुसार 28 सितंबर को नवरात्रि का सातवां दिन है, लेकिन पूजा मां दुर्गा के छठे स्वरूप मां कात्यायनी की ही की जाएगी। यह विशेष स्थिति भक्तों के लिए रोचक और अद्भुत मानी जा रही है।
मां कात्यायनी का स्वरूप और महत्व
नवरात्रि के छठे दिन जिन देवी का पूजन किया जाता है, वे हैं मां कात्यायनी। इनका रंग सोने की तरह तेजस्वी और चमकीला बताया गया है। इनके चार भुजाएं हैं – बाईं ओर ऊपर वाला हाथ तलवार धारण किए हुए है और नीचे वाले हाथ में कमल का फूल सुशोभित है। दाहिनी ओर ऊपर वाला हाथ अभय मुद्रा में है, जो भक्तों को निडरता और आत्मविश्वास प्रदान करता है, वहीं नीचे का हाथ वरद मुद्रा में है, जो इच्छाओं की पूर्ति और आशीर्वाद का प्रतीक है।
मां कात्यायनी की उपासना का महत्व
पुराणों और धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, मां कात्यायनी की पूजा करने से व्यक्ति जीवन के भय और संकटों से मुक्त हो जाता है। जिन लोगों को लंबे समय से विवाह में बाधाओं का सामना करना पड़ रहा है या संतान के विवाह के लिए अच्छे रिश्ते की तलाश है, उनके लिए मां कात्यायनी की आराधना विशेष रूप से लाभकारी मानी गई है। स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों और मानसिक भय को भी यह पूजा दूर करती है। कहा जाता है कि मां की कृपा से साधक को आत्मबल, साहस और स्वास्थ्य लाभ प्राप्त होता है।
मां कात्यायनी के मंत्र (Navratri 6th Day Mantra)
नवरात्रि के छठे दिन मां कात्यायनी की आराधना विशेष मंत्रों के साथ करने का विधान है। इन मंत्रों के जप से साधक को आध्यात्मिक शांति, आत्मबल और वैवाहिक जीवन में सुख मिलता है।
1. “सर्व मंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके। शरण्ये त्र्यम्बके गौरी नारायणी नमोस्तुते॥”
2. “ॐ क्लीं कात्यायनी महामाये महायोगिन्यधीश्वरी। नन्दगोपसुतं देवि पतिं मे कुरुते नमः॥”
इन मंत्रों का श्रद्धापूर्वक जाप करने से मन को शांति मिलती है और इच्छाओं की पूर्ति होती है।
मां कात्यायनी का प्रिय भोग
धार्मिक मान्यता है कि देवी कात्यायनी को गुड़ और शहद से बने व्यंजन बहुत प्रिय होते हैं। इस दिन भक्त माता को विशेष रूप से गुड़ का हलवा या शहद मिश्रित प्रसाद अर्पित करते हैं। यह भोग माता को अत्यंत प्रिय माना जाता है और इसे चढ़ाने से भक्तों के जीवन में समृद्धि और सुख-शांति आती है।
नवरात्रि के छठे दिन का शुभ रंग
हर दिन की तरह छठे दिन भी एक विशेष रंग का महत्व है। इस बार मां कात्यायनी की पूजा के लिए हरा, आसमानी और नारंगी रंग शुभ माने गए हैं। भक्त इन रंगों के वस्त्र पहनकर या सजावट में इनका प्रयोग करके देवी की कृपा प्राप्त कर सकते हैं। यह रंग जीवन में सकारात्मकता, नई ऊर्जा और सफलता का प्रतीक माने जाते हैं।