NCR को मिलेगा नया आर्थिक इंजन, जेवर एयरपोर्ट से बढ़ेगा निवेश

नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट केवल एक विशाल ढांचा नहीं, बल्कि देश के विमानन क्षेत्र के लिए एक नई छलांग है। यह परियोजना दिल्ली के आईजीआई एयरपोर्ट का दबाव कम करने के साथ-साथ भारत को वैश्विक विमानन मानचित्र पर एक प्रमुख केंद्र के रूप में स्थापित करेगी। रोजगार, कनेक्टिविटी और क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था—तीनों मोर्चों पर इसका प्रभाव सीधे तौर पर दिखाई देने वाला है।

एशिया का सबसे बड़ा एयरपोर्ट बनने की तैयारी

एयरपोर्ट पूरी तरह तैयार होने पर एशिया के सबसे विशाल एयरपोर्ट के रूप में सामने आएगा। अत्याधुनिक टर्मिनल, मॉडर्न रनवे और वर्ल्ड-क्लास सुविधाएँ यात्रियों को अंतरराष्ट्रीय स्तर का अनुभव देंगी। यह प्रोजेक्ट सिर्फ यात्रा को आसान नहीं बनाएगा, बल्कि एनसीआर को विश्व बाजारों से जोड़कर व्यापार और पर्यटन को नई रफ्तार देगा। टिकाऊ डिजाइन के साथ विकसित हो रहा यह केंद्र भारत की एविएशन रणनीति में महत्वपूर्ण योगदान देगा।

ग्रेटर नोएडा बनेगा नया इंडस्ट्रियल हब

जेवर एयरपोर्ट के तेजी से विकसित होने के साथ-साथ पूरी यमुना एक्सप्रेसवे बेल्ट में उद्योगों की मांग बढ़ गई है। आईटी सेक्टर, टेलीकॉम इक्विपमेंट निर्माता और डेटा सेंटर कंपनियाँ यहाँ तेजी से निवेश कर रही हैं।

विदेशी एयरोस्पेस कंपनियों की दिलचस्पी इस क्षेत्र को भविष्य में एक बड़े टेक्नोलॉजी और मैन्युफैक्चरिंग ज़ोन के रूप में विकसित करेगी। स्थानीय युवाओं के लिए हजारों रोजगार के अवसर पैदा होने वाले हैं।

अब देश में ही होगी हवाई जहाजों की मरम्मत

जेवर एयरपोर्ट की प्रमुख विशेषताओं में इसका विशाल MRO (मेंटेनेंस, रिपेयर एंड ओवरहॉल) सेंटर शामिल है। अभी तक भारतीय एयरलाइंस को अपने विमानों की मरम्मत और सर्विसिंग के लिए विदेश जाना पड़ता था, जिससे समय और धन दोनों खर्च होते थे।

यह नया सेंटर इस निर्भरता को खत्म करेगा और भारत की एविएशन इंफ्रास्ट्रक्चर क्षमता को कई गुना बढ़ाएगा। इसके साथ ही OEMs और सप्लाई चेन पार्टनर्स भी इस क्षेत्र में आएंगे, जिससे पूरा क्षेत्र एक एयरोस्पेस क्लस्टर के रूप में विकसित होगा।

यूपी में बदलाव लाने वाला एयरपोर्ट

जेवर एयरपोर्ट उत्तर प्रदेश के लिए गेम-चेंजर साबित हो रहा है। इसका सीधा कनेक्शन अलीगढ़, कानपुर, झांसी और लखनऊ जैसे डिफेंस नोड्स से बनेगा, जिससे सिविल और डिफेंस एविएशन के लिए एक मजबूत इकोसिस्टम तैयार होगा। एयरपोर्ट के आसपास 1,000 एकड़ में प्रस्तावित एविएशन मैन्युफैक्चरिंग ज़ोन में विमान असेंबलिंग से लेकर उत्पादन तक की सुविधाएँ विकसित की जाएंगी।

रोजगार और आर्थिक विकास की नई लहर

एयरपोर्ट से इंजीनियरिंग, ग्राउंड ऑपरेशंस, ट्रांसपोर्टेशन, कैटरिंग और लॉजिस्टिक्स जैसे क्षेत्रों में भारी संख्या में नौकरियाँ पैदा होंगी। रियल एस्टेट मार्केट भी नई संभावनाओं के साथ तेजी से विस्तार कर रहा है, जहाँ कमर्शियल और रिहायशी प्रोजेक्ट्स गति पकड़ रहे हैं। कुल मिलाकर, जेवर एयरपोर्ट आने वाले वर्षों में पूरे क्षेत्र की आर्थिक तस्वीर बदलने जा रहा है।