NEET PG 2025- परीक्षा बोर्ड ने किया प्रतिभागियों को सजग, शरारती तत्वों से रहे सावधान- अफवाहों पर ना दें ध्यान

राष्ट्रीय बोर्ड परीक्षा ने परीक्षा में शामिल होने वाले प्रतिभागियों को सावधान रहने की एक एडवाईजरी जारी की है जिसमें बताया गया है कि शरारती तत्व नीट-2025 परीक्षा की तारीख में बदलाव, परीक्षा स्थगन या प्रश्नपत्र लीक जैसी झूठी सूचनाएं फैंलाते रहते है। इसलिए कोई भी प्रतिभागी सोशल मीडिया पर चलने वाले किसी भी परीक्षा संबंधी सूचना पर तुरंत ध्यान ना दे। प्रतिभागी यदि कोई सूचना सोशल मीडिया पर देखते है तो इसकी पुष्टि अवश्य करें। फर्जी संदेशों में अक्सर आधिकारिक लेटरहेड और डिजाइन की नकल की जाती है, ताकि उम्मीदवारों को यह असली लगे।

फैलाई जा रही है भ्रामक खबरें
राष्ट्रीय बोर्ड परीक्षा ने स्पष्ट चेतावनी जारी की है कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म, मैसेजिंग ऐप और यहां तक कि ई-मेल के जरिए फैलाई जा रही कई सूचनाएं पूरी तरह फर्जी हैं। बोर्ड ने कहा है कि परीक्षार्थियों को किसी भी नोटिस या सूचना पर भरोसा करने से पहले उसे केवल आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर ही सत्यापित करें, क्योंकि यह देखा गया है कि फर्जी नोटिसों के जरिए परीक्षार्थियों को भ्रमित करने और अफवाह फैलाने का सिलसिला तेज हो गया है। इन सूचनाओं पर ध्यान दे कर कोई भी अपनी परीक्षा देने के लेकर कोई निर्णय ना लें।

झूठी सूचनाओं का जाल
राष्ट्रीय बोर्ड परीक्षा के मुताबिक, कुछ शरारती तत्व नीट-2025 परीक्षा की तारीख में बदलाव, परीक्षा स्थगन या प्रश्नपत्र लीक जैसी झूठी सूचनाएं प्रसारित कर रहे हैं। इन फर्जी संदेशों में अक्सर आधिकारिक लेटरहेड और डिजाइन की नकल की जाती है, ताकि उम्मीदवारों को यह असली लगे। कई बार इन संदेशों में लिंक भी दिए जाते हैं, जो देखने में आधिकारिक वेबसाइट जैसे लगते हैं लेकिन वास्तव में फर्जी डोमेन होते हैं।

कई डेटा की डिटेल्स खतरे में
इस तरह के लिंक पर क्लिक करने से उम्मीदवारों की व्यक्तिगत जानकारी, पंजीकरण विवरण और यहां तक कि वित्तीय डेटा भी खतरे में पड़ सकता है। बोर्ड ने यह भी साफ किया है कि नीट पीजी से संबंधित किसी भी आधिकारिक अपडेट के लिए केवल अधिकृत वेबसाइट को ही देखा जाए। किसी अन्य प्लेटफॉर्म या निजी चैनल पर जारी सूचना को बिना पुष्टि के मानना उम्मीदवारों के लिए जोखिम भरा हो सकता है।

परीक्षा तिथि टालने का मिली थी जानकारी
हाल में सामने आए कुछ मामलों में उम्मीदवारों को मैसेज और ई-मेल के जरिए परीक्षा तिथि टलने की सूचना दी गई थी, जबकि बोर्ड की ओर से ऐसा कोई फैसला नहीं लिया गया था। यह अफवाहें इंटरनेट मीडिया पर तेजी से फैलीं और कई परीक्षार्थी अनावश्यक रूप से तनाव में आ गए थे।

पेपर लीक के नाम पर रकम की डिमांड
इस फर्जी सूचना अभियान का एक और खतरनाक पहलू यह है कि कुछ संदेशों में ‘प्रश्नपत्र लीक’ के नाम पर रकम मांगी जाती है. इसमें कहा जाता है कि यदि उम्मीदवार एक निश्चित राशि का भुगतान करें, तो उन्हें परीक्षा से पहले पेपर मिल जाएगा। बोर्ड ने इस तरह की धोखाधड़ी को गंभीर आपराधिक अपराध बताया है और चेतावनी दी है कि ऐसे किसी भी व्यक्ति के संपर्क में आने पर तुरंत पुलिस या साइबर क्राइम सेल में शिकायत दर्ज कराएं।