पाकिस्तान की तरह Nepal भी हो जायेगा कंगाल,राजनैतिक अस्थिरता का माहौल

पहले Nepal इकलौता ऐसा देश हुआ करता था जहां राजशाही होती थी

भारत के पडोसी देश भूटान और बांग्लादेश के आर्थिक हालात बिगड़ रहे हैं और इससे हर तरफ राजनैतिक अस्थिरता का माहौल बना हुआ है | Nepal के हाल भी कुछ ठीक नहीं हैं | 28 मई 2008 को नवनिर्वाचित संविधान सभा द्वारा नेपाल को एक संघीय लोकतात्रिक गणराज्य घोषित करने के बाद से अब तब नेपाल में 11 अलग-अलग सरकारें बन चुकी हैं | हालात इतने बुरे है की नेपाल का भविष्य भारत पर निर्भर होता जा रहा है

हाल ही में Nepal के दूसरे सबसे बड़े राजनैतिक दल सीपीएन-यूएमएल द्वारा सोमवार को प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड के नेतृत्व वाली सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया गया है | यह फैसला राष्ट्रपति चुनाव को लेकर उभरे मतभेद के बाद लिया गया जिसके बाद से ही नेपाल की सत्ता में संकट साफ दिखाई दे रहा है | नेपाल की 275 सदस्यों की संसद में यूएमएल 79 सांसद हैं |

पहले Nepal इकलौता ऐसा देश हुआ करता था जहां राजशाही होती थी | जब से नेपाल में राजशाही ख़त्म हुई तभी से यहाँ राजनैतिक उथल पुथल लगातार जारी है | लगातार चल रही अस्थिरता से नेपाल को कई आर्थिक चुनौतियों का सामना भीं करना पड़ा है और अब भारत से भी उसके संबंध पहले जैसे नहीं रहे है |अब नेपाल चीनी चालों में फंसकर कई तरह की परेशानियों से लगातार गुजर रहा है |

Nepal के राजनेता भारत को चीन के खिलाफ दिखाकर अपने आर्थिक ढाचे की सहायता प्राप्त करने में लगे हैं | नेपाल ने अपने राजनैतिक एजेंडे के लिए भारत पर प्रहार करने का कोई मौका नहीं छोड़ा | अगर नेपाली रुपया 1.6 भारतीय रुपये पर नहीं आंका गया होता तो नेपाल की हालत श्रीलंका और पाकिस्तान की तुलना में सबसे बदत्तर होती | अगर भारत उसे असीमित रुपया उधार नही देता तब भी नेपाल की स्थिति बिगड सकती थी | जब तक दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था भारत को नुकसान नहीं होता तब तक नेपाल को ज्यादा संकट का सामना नहीं करना पड़ेगा |

श्रीलंका पर संकट आने पर भारत ने बड़ी मदद की
भारत ही इकलौता ऐसा देश है जो अपने पड़ोसियों की मदद को आगे आ आता है | आर्थिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका को भारत द्वारा सहायता के तौर पर 4 बिलियन अमेरिकी डॉलर दिए हैं |