प्रॉपर्टी रजिस्ट्री के नए नियम, अब OTP के बिना नहीं होगी रजिस्ट्री

उत्तर प्रदेश सरकार ने जमीन की खरीद-फरोख्त में फर्जीवाड़े को रोकने के लिए रजिस्ट्री विभाग के नियमों में बड़े बदलाव किए हैं। अब संपत्ति रजिस्ट्री की प्रक्रिया में शामिल सभी पक्षकारों के मोबाइल नंबर पर वन-टाइम पासवर्ड (OTP) भेजा जाएगा, जिसे बिना सत्यापन के रजिस्ट्री पूरी नहीं होगी। इसके अलावा, कृषि भूमि की रजिस्ट्री के लिए ग्राम कोड और खतौनी संख्या दर्ज करना अनिवार्य कर दिया गया है। इन कदमों का मुख्य उद्देश्य फर्जी दस्तावेज और जालसाजी को रोकना तथा रजिस्ट्री प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित करना है।

हर साल होती हैं लाखों रजिस्ट्री और बढ़ती फर्जीवाड़े की घटनाएं

उत्तर प्रदेश में हर साल करीब 50 लाख संपत्तियों की रजिस्ट्री होती है। लेकिन इनमें अक्सर फर्जी नाम, नकली पैन कार्ड, आधार कार्ड और पता दोहराव जैसी अनियमितताएं सामने आती हैं। हाल ही में एक गिरोह का खुलासा हुआ, जिसने 1500 से अधिक आधार कार्डों में नाम, पता और जन्म-तिथि बदलकर फर्जी रजिस्ट्रियां की थीं। यह गिरोह नकली दस्तावेज, जन्म प्रमाण पत्र और राशन कार्ड का इस्तेमाल कर आधार में बायोमेट्रिक बदलाव करता और काले धन को वैध करने में मदद करता था।

नई व्यवस्था कैसे काम करेगी?

रजिस्ट्री विभाग ने इस तरह की जालसाजी रोकने के लिए नई प्रक्रिया लागू की है। अब संपत्ति खरीदने और बेचने वाले सभी पक्षकारों के मोबाइल नंबर पर OTP भेजा जाएगा, और OTP के बिना रजिस्ट्री प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ेगी। इससे फर्जी दस्तावेज या बिना सहमति के संपत्ति रजिस्ट्री होने की संभावना पूरी तरह खत्म हो जाएगी।

पैन कार्ड और कृषि भूमि के दस्तावेजों की जांच

नई प्रणाली के तहत रजिस्ट्री के समय खरीदार के पैन कार्ड की वैधता मौके पर ही एनएसडीएल की वेबसाइट पर चेक की जाएगी। अगर संपत्ति कृषि भूमि से संबंधित है, तो ग्राम कोड और खतौनी संख्या भी दस्तावेज में दर्ज करना अनिवार्य होगा। यह कदम जमीन की स्थिति और दस्तावेज की पहचान को सुनिश्चित करेगा। विशेष रूप से यह नीति उन जिलों में लागू होगी, जहां खसरा-खतौनी दस्तावेजों में अस्पष्टता और जालसाजी की शिकायतें अधिक हैं।

फर्जीवाड़े पर कसी जाएगी नकेल

रजिस्ट्री विभाग का कहना है कि नए नियमों से न केवल जालसाजी रुकेगी, बल्कि जमीन के सौदों में पारदर्शिता भी बढ़ेगी। वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि फर्जी दस्तावेजों के जरिए संपत्ति का हस्तांतरण और कालेधन को वैध करने की घटनाएं लगातार सामने आ रही थीं। OTP सत्यापन और ग्राम कोड-खतौनी जैसे कदम यह सुनिश्चित करेंगे कि केवल वैध और वास्तविक पक्षकार ही रजिस्ट्री प्रक्रिया में शामिल हों।