मध्य प्रदेश में पुरानी गाड़ियां बेचना अब होगा आसान, इस दिन से लागू होंगे नए नियम

पुरानी गाड़ियों की खरीद-बिक्री को लेकर केंद्र सरकार ने नियमों में एक बड़ा और महत्वपूर्ण बदलाव किया है। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने सेकंड हैंड वाहनों के बाजार को पारदर्शी बनाने और धोखाधड़ी रोकने के लिए नई गाइडलाइन जारी की है। ये नए नियम 1 अप्रैल 2026 से पूरे देश में प्रभावी होंगे।

मध्य प्रदेश में भी इन नियमों का सीधा असर देखने को मिलेगा। वर्तमान में पुरानी गाड़ियों का बाजार काफी असंगठित है, जहां कई बार खरीदारों को गाड़ी की स्थिति या कागजों को लेकर गुमराह किया जाता है। नए नियमों का उद्देश्य इसी अव्यवस्था को खत्म करना है।

सिर्फ रजिस्टर्ड डीलर ही बेच सकेंगे गाड़ियां

नए नियमों के मुताबिक, अब पुरानी गाड़ियां बेचने का अधिकार केवल अधिकृत और रजिस्टर्ड डीलरों के पास ही होगा। इसका मतलब है कि कोई भी व्यक्ति अब सीधे तौर पर या बिना रजिस्ट्रेशन वाले एजेंट के माध्यम से गाड़ी बेचने के बजाय, एक व्यवस्थित प्रक्रिया का पालन करेगा। डीलरों को परिवहन विभाग में अपना रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य होगा।

परिवहन विभाग अब ऐसे डीलरों को एक विशेष अधिकार पत्र (ऑथोराइजेशन सर्टिफिकेट) जारी करेगा। इस सर्टिफिकेट की वैधता पांच साल की होगी। यह कदम यह सुनिश्चित करेगा कि गाड़ी बेचने वाला व्यक्ति या संस्था सरकार की नजर में है और जवाबदेह है।

धोखाधड़ी पर लगेगी लगाम

अक्सर देखा गया है कि पुरानी गाड़ी खरीदने के बाद खरीदार को पता चलता है कि गाड़ी पर पहले से चालान बकाया हैं या वह किसी आपराधिक गतिविधि में इस्तेमाल हुई है। नए नियमों के तहत, अब डीलर को गाड़ी अपने कब्जे में लेते ही इसकी जानकारी ऑनलाइन पोर्टल पर दर्ज करनी होगी।

गाड़ी के मालिक और डीलर के बीच एक इलेक्ट्रॉनिक एग्रीमेंट साइन होगा। जैसे ही गाड़ी डीलर को सौंपी जाएगी, गाड़ी के पुराने मालिक की जिम्मेदारी खत्म हो जाएगी और सारी जिम्मेदारी डीलर की होगी। इससे गाड़ी बेचने वाले मूल मालिक को भविष्य में होने वाली किसी भी कानूनी परेशानी से सुरक्षा मिलेगी।

फिटनेस और मेंटेनेंस की जिम्मेदारी

नए नियमों में यह भी स्पष्ट किया गया है कि डीलर अपने पास रखी गई गाड़ियों का मेंटेनेंस कर सकेंगे। वे गाड़ियों की मरम्मत करा सकते हैं और टेस्ट ड्राइव के लिए उनका उपयोग कर सकते हैं। हालांकि, उन्हें गाड़ियों को सार्वजनिक सड़कों पर सामान्य यातायात के लिए चलाने की अनुमति नहीं होगी।

इसके अलावा, डीलरों को गाड़ियों के फिटनेस सर्टिफिकेट रिन्यू कराने, डुप्लीकेट आरसी बनवाने, एनओसी (NOC) लेने और ओनरशिप ट्रांसफर करने का भी अधिकार दिया गया है। यह पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन होगी, जिससे पारदर्शिता बनी रहेगी।

नियम तोड़ने पर भारी जुर्माना

सरकार ने नियमों का पालन सुनिश्चित करने के लिए जुर्माने का भी प्रावधान किया है। अगर कोई डीलर नियमों का उल्लंघन करता पाया जाता है, तो उस पर भारी जुर्माना लगाया जा सकता है। यह कदम बाजार में अनुशासन बनाए रखने के लिए उठाया गया है।

विशेषज्ञों का मानना है कि इस बदलाव से सेकंड हैंड गाड़ियों के बाजार में भरोसा बढ़ेगा। खरीदारों को अच्छी कंडीशन वाली और साफ-सुथरे कागजों वाली गाड़ियां मिल सकेंगी, वहीं बेचने वालों को भी अपनी गाड़ी की सही कीमत और कानूनी सुरक्षा मिलेगी।