BCCI की नई गाइडलाइन ने बदली तस्वीर, गेमिंग और जुआ सेक्टर हुआ बाहर

भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने 2 सितंबर 2025 को भारतीय क्रिकेट टीम की टाइटल स्पॉन्सरशिप के अधिकारों के लिए नई बिडिंग प्रक्रिया की शुरुआत कर दी है। इस बार बोर्ड ने नियम पहले से काफी कड़े कर दिए हैं। सरकार के हालिया कानूनों के तहत अब किसी भी रियल मनी गेमिंग, जुए, सट्टेबाजी या क्रिप्टोकरेंसी से जुड़ी कंपनी को इस रेस में शामिल होने की अनुमति नहीं होगी।

Dream11 और My11Circle जैसी कंपनियां हुईं बाहर

गौर करने वाली बात है कि बीते कुछ वर्षों में Dream11 और My11Circle जैसी कंपनियों ने BCCI को लगभग 1,000 करोड़ रुपये तक की स्पॉन्सरशिप दी थी। लेकिन नए नियम लागू होने के बाद ये ब्रांड अब भारतीय क्रिकेट से पूरी तरह बाहर हो गए हैं। Dream11 ने तो टीम इंडिया की टाइटल स्पॉन्सरशिप का अपना करार समय से पहले ही खत्म कर दिया।

Dream11 ने क्यों छोड़ा करार?

Dream11 ने 2023 में 358 करोड़ रुपये खर्च कर भारतीय टीम की टाइटल स्पॉन्सरशिप 2026 तक के लिए हासिल की थी। हालांकि हाल ही में भारत सरकार ने रियल मनी गेमिंग पर रोक लगा दी, जिसके चलते कंपनी ने अपना भारतीय कारोबार बंद कर दिया। यही वजह रही कि उसे यह करार भी बीच में छोड़ना पड़ा। राहत की बात यह है कि BCCI ने कंपनी पर किसी तरह का जुर्माना नहीं लगाया।

किन कंपनियों पर लगा प्रतिबंध

BCCI के नए दिशा-निर्देशों में साफ कहा गया है कि कोई भी कंपनी जो जुआ, सट्टेबाजी, ऑनलाइन मनी गेमिंग या क्रिप्टो जैसी गतिविधियों से जुड़ी है, वह इस प्रक्रिया में हिस्सा नहीं ले सकती। इसके अलावा शराब, तंबाकू और पोर्नोग्राफी जैसे नैतिक रूप से विवादित सेक्टर की कंपनियों को भी बाहर कर दिया गया है।

सरोगेट ब्रांडिंग पर भी रोक

बोर्ड ने यह भी स्पष्ट किया है कि कोई भी कंपनी सरोगेट ब्रांडिंग के जरिए चुपके से बोली लगाने की कोशिश नहीं कर पाएगी। अगर कोई ब्रांड कई तरह के कारोबार करता है और उनमें से एक भी गतिविधि प्रतिबंधित कैटेगरी में आती है, तो वह कंपनी भी स्पॉन्सरशिप की दौड़ से बाहर मानी जाएगी।

वित्तीय योग्यता भी जरूरी

स्पॉन्सरशिप की दौड़ में शामिल होने वाली कंपनियों के लिए वित्तीय कसौटी भी तय की गई है। इच्छुक ब्रांड का औसत वार्षिक टर्नओवर या नेटवर्थ पिछले तीन वित्तीय वर्षों में कम से कम 300 करोड़ रुपये होना अनिवार्य है। इसके लिए EOI (Expression of Interest) दस्तावेज खरीदने की अंतिम तारीख 12 सितंबर रखी गई है, जबकि बोली लगाने की आखिरी तिथि 16 सितंबर तय की गई है।