भारत-अमेरिका ट्रेड डील पर नया मोड़, टैरिफ में छूट या नई रणनीति?

भारत और अमेरिका के बीच प्रस्तावित बाइलेट्रल ट्रेड एग्रीमेंट (BTA) को लेकर चर्चाएं तेज़ हो गई हैं, लेकिन टैरिफ यानी शुल्क में पूरी छूट (zero-for-zero tariff strategy) की संभावना अभी भी अनिश्चित बनी हुई है। दोनों देशों की आर्थिक स्थिति में भारी अंतर है, जिससे इस तरह की रणनीति पर सहमति बनना मुश्किल लगता है।

कुछ व्यापार विशेषज्ञों का मानना है कि भारत, अमेरिका द्वारा लगाए गए जवाबी शुल्कों (retaliatory tariffs) का सामना करने के लिए ‘शून्य-के-लिए-शून्य’ शुल्क रणनीति का प्रस्ताव दे सकता है। यह प्रस्ताव अमेरिका को आकर्षित करने और दोनों देशों के बीच संतुलित व्यापार सुनिश्चित करने का एक तरीका हो सकता है।

अमेरिका-यूरोपीय संघ में संभव है Zero-for-Zero मॉडल

एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, अमेरिका और यूरोपीय संघ के बीच यह मॉडल सफल हो सकता है क्योंकि दोनों ही विकसित और आर्थिक रूप से समृद्ध देश हैं। पर भारत और अमेरिका के बीच व्यापार संतुलन और प्राथमिकताएं अलग हैं, इसलिए वहां इस रणनीति को लागू करना उतना सहज नहीं होगा।

भारत-अमेरिका व्यापार में ‘पैकेज डील’ की संभावना

अधिकारी ने साफ किया कि भारत-अमेरिका समझौता केवल टैरिफ तक सीमित नहीं रहेगा। यह एक पैकेज डील होगी जिसमें गैर-शुल्क बाधाएं (Non-Tariff Barriers), उत्पाद मानक, सेवाएं और तकनीकी नियम जैसे पहलू भी शामिल होंगे।

“हम हर सेक्टर में टैरिफ मैच नहीं कर सकते”

अधिकारी ने यह भी कहा कि यह गलत धारणा है कि अगर अमेरिका किसी सेक्टर, जैसे इलेक्ट्रॉनिक्स, में शुल्क घटाता है, तो भारत को भी उसी सेक्टर में ऐसा करना होगा। व्यापार समझौते इस तरह से नहीं होते। इसमें प्राथमिकताओं और राष्ट्रीय हितों के अनुसार बातचीत होती है।

2030 तक 500 अरब डॉलर का लक्ष्य

फिलहाल भारत और अमेरिका का द्विपक्षीय व्यापार 191 अरब डॉलर के आंकड़े पर है। बीटीए का उद्देश्य 2030 तक इसे 500 अरब डॉलर तक पहुंचाना है। दोनों देशों ने सितंबर-अक्टूबर 2025 तक समझौते के पहले चरण को अंतिम रूप देने का लक्ष्य रखा है।

अगले कुछ हफ्तों में होगी क्षेत्रवार वार्ता

29 मार्च को संपन्न हुई चार दिवसीय बैठक के बाद भारत और अमेरिका के वरिष्ठ अधिकारियों ने अगले कुछ हफ्तों में सेक्टर-विशेष वार्ताएं करने का निर्णय लिया है। इससे उम्मीद की जा रही है कि BTA पर ठोस प्रगति होगी और एक नया व्यापारिक युग शुरू हो सकता है।