इंदौर: शहर की ट्रैफिक व्यवस्था को सुधारने और हादसों पर लगाम लगाने की दिशा में एक बड़ी पहल हुई है। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने इंदौर के तीन प्रमुख और सबसे व्यस्त चौराहों पर सिक्स-लेन ओवरब्रिज के निर्माण को मंजूरी दे दी है। इन परियोजनाओं पर कुल 161.99 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।
इन ओवरब्रिज का निर्माण राऊ सर्कल, तेजाजी नगर और देपालपुर तिराहे पर किया जाएगा। ये तीनों स्थान लंबे समय से ट्रैफिक जाम और दुर्घटनाओं के लिए जाने जाते थे। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी की घोषणा के बाद अब इन परियोजनाओं को धरातल पर उतारने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। NHAI जल्द ही इसके लिए टेंडर जारी करेगा।
कहां और कितनी लागत से बनेंगे ब्रिज?
NHAI द्वारा स्वीकृत की गई योजना के अनुसार, तीनों ओवरब्रिज सिक्स-लेन के होंगे ताकि भविष्य में ट्रैफिक का दबाव बढ़ने पर भी यातायात सुगम बना रहे।
- तेजाजी नगर जंक्शन: इंदौर-एदलाबाद हाईवे (NH-347BG) पर बनने वाले इस ब्रिज के लिए सबसे अधिक 77.83 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं। यह जंक्शन बायपास और खंडवा रोड को जोड़ता है और यहां अक्सर भारी जाम लगता है।
- राऊ सर्कल: इंदौर बायपास पर स्थित इस व्यस्ततम चौराहे पर ब्रिज निर्माण के लिए 43.62 करोड़ रुपये की स्वीकृति मिली है। यहां पीथमपुर औद्योगिक क्षेत्र और शहर का ट्रैफिक एक साथ मिलता है।
- देपालपुर तिराहा: इंदौर-अहमदाबाद नेशनल हाईवे पर बनने वाले इस ओवरब्रिज पर 40.54 करोड़ रुपये खर्च होंगे।
मानसून के बाद शुरू होगा काम, 2 साल में पूरा करने का लक्ष्य
अधिकारियों के अनुसार, NHAI की मंजूरी के बाद अब टेंडर प्रक्रिया जल्द ही शुरू की जाएगी। उम्मीद है कि मानसून सीजन खत्म होने के बाद इन तीनों महत्वपूर्ण परियोजनाओं पर निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा। इन ब्रिजों को बनाने के लिए डेढ़ से दो साल की समय-सीमा तय की गई है। स्थानीय सांसद शंकर लालवानी लंबे समय से इन परियोजनाओं के लिए प्रयास कर रहे थे, जिनकी मांग अब पूरी हो गई है।
क्यों जरूरी थे ये ओवरब्रिज?
इंदौर के ये तीनों जंक्शन ट्रैफिक के नजरिए से ‘ब्लैक स्पॉट’ बन चुके थे। राऊ सर्कल पर हर दिन हजारों वाहन पीथमपुर, महू और शहर के बीच आवागमन करते हैं, जिससे सुबह-शाम यहां कई किलोमीटर लंबा जाम लग जाता है। इसी तरह, तेजाजी नगर चौराहा भी बायपास का ट्रैफिक खंडवा रोड की ओर मोड़ने का मुख्य बिंदु है, जहां भारी वाहनों की आवाजाही से दुर्घटनाओं का खतरा बना रहता है। इन ब्रिजों के बनने से न केवल लाखों लोगों को रोजाना के जाम से मुक्ति मिलेगी, बल्कि सड़क हादसों में भी भारी कमी आने की उम्मीद है।