Nifty 14 महीने बाद 26,295 के नए रिकॉर्ड स्तर पर, निवेशकों की संपत्ति 96,000 करोड़ रुपये बढ़ी

घरेलू शेयर बाजार में लंबे इंतजार के बाद रौनक लौटी है और प्रमुख सूचकांक निफ्टी 50 ने 14 महीने बाद अपना पिछला रिकॉर्ड तोड़ दिया है। मंगलवार को कारोबार के दौरान निफ्टी करीब 90 अंक चढ़कर 26,295.55 के अपने अब तक के सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गया। इससे पहले, पिछले साल सितंबर में इंडेक्स ने 26,277.35 का रिकॉर्ड बनाया था।

बाजार में आई इस मजबूती से निवेशकों की संपत्ति में भी भारी इजाफा हुआ। बीएसई पर लिस्टेड कंपनियों का कुल बाजार पूंजीकरण (मार्केट कैप) एक ही दिन में 96 हजार करोड़ रुपये बढ़ गया। हालांकि, बीएसई का सेंसेक्स अभी अपने रिकॉर्ड हाई से थोड़ा दूर है, लेकिन उसमें भी अच्छी तेजी देखी जा रही है। सेंसेक्स 300 अंकों की बढ़त के साथ 85,912.94 पर कारोबार कर रहा था, जो अपने 85,978.25 के रिकॉर्ड स्तर के काफी करीब है।

बाजार का हाल और टॉप शेयर्स

मंगलवार को बीएसई पर कुल 3,424 शेयरों में ट्रेडिंग हुई। बाजार की चाल मिली-जुली रही, जहां 1,904 शेयरों में मजबूती दिखी, वहीं 1,904 शेयरों में गिरावट रही। 211 शेयरों के भाव में कोई बदलाव नहीं हुआ। सेंसेक्स के 30 शेयरों में से 19 में तेजी और 11 में गिरावट दर्ज की गई।

सबसे ज्यादा तेजी दिखाने वाले शेयरों में बजाज फाइनेंस और बजाज फिनसर्व टॉप पर रहे। वहीं, जोमैटो और कोटक महिंद्रा बैंक के शेयरों में बिकवाली का दबाव देखने को मिला। सेक्टोरल इंडेक्स की बात करें तो पीएसयू बैंक, कंज्यूमर और ऑयल एंड गैस सेक्टर को छोड़कर बाकी सभी सेक्टर्स में खरीदारी का माहौल रहा।

बाजार में उछाल के पीछे की वजहें

बाजार जानकारों का मानना है कि इस तेजी के पीछे कई घरेलू और अंतरराष्ट्रीय कारण हैं। इनमें सबसे अहम भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर संजय मल्होत्रा का हालिया बयान माना जा रहा है। सोमवार, 24 नवंबर को एक इंटरव्यू में उन्होंने संकेत दिया था कि भविष्य में नीतिगत ब्याज दरों में और कटौती की गुंजाइश है।

इसके अलावा, बाजार में आई इस तेजी के कुछ अन्य कारण भी हैं। एक्सपर्ट्स के मुताबिक, सितंबर 2024 के बाद बाजार में बड़ी गिरावट आई थी, क्योंकि कई कंपनियों के शेयरों का वैल्यूएशन काफी बढ़ गया था। साथ ही, कंपनियों के मुनाफे में कमी के चलते विदेशी संस्थागत निवेशक (FII) लगातार बिकवाली कर रहे थे। अब ये स्थितियां सुधर रही हैं, जिससे बाजार को समर्थन मिला है।

वैश्विक स्तर पर भी दुनिया के अन्य केंद्रीय बैंकों द्वारा ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदें बढ़ गई हैं। वहीं, भारत में जीएसटी दरों में कमी की संभावना से आर्थिक विकास को गति मिलने का अनुमान है। इन सभी सकारात्मक संकेतों ने मिलकर बाजार में एक नया जोश भर दिया है।