नितिन गडकरी : केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने राज्यसभा में जानकारी दी कि मार्च 2025 तक पूरी होनी वाली लगभग 489 सड़क परियोजनाएं अभी भी अधूरी हैं। इन परियोजनाओं में देरी की वजह जमीन खरीदने में दिक्कत, वन विभाग और वन्यजीव संरक्षण की मंजूरी में देर और रेलवे से जुड़ी मंजूरियों का देर से मिलना है। मंत्री ने कहा कि इन कारणों से सड़क परियोजनाएं समय पर पूरी नहीं हो पा रही हैं। सरकार इन समस्याओं को जल्द सुलझाने के लिए काम कर रही है ताकि सड़क निर्माण जल्दी पूरा हो सके।
गडकरी ने कहा- लंबित सड़क परियोजनाओं को पूरा करने में देरी के कई कारण
केंद्रीय मंत्री गडकरी ने बताया कि सरकार लंबित सड़क परियोजनाओं को पूरा करने के लिए राज्य सरकारों और अन्य संबंधित पक्षों के साथ मिलकर काम कर रही है। उनका लक्ष्य है कि सभी समस्याओं का समाधान जल्द हो। उन्होंने कहा कि कुछ परियोजनाओं में देरी के कारण लागत बढ़ गई है। इसकी वजहें हैं जमीन और मुआजे की बढ़ी कीमत, वस्तुओं के दाम में बढ़ोतरी, जीएसटी का असर, जनता की मांग पर अतिरिक्त पैदल अंडरपास बनाना, और रेलवे नियमों के कारण पुलों के डिजाइन में बदलाव। सरकार इन मुद्दों को हल करने की कोशिश कर रही है।
देरी पर अनुबंध खत्म होंगे, राजमार्गों की अधिकतम गति 120 किमी: गडकरी
गडकरी ने कहा कि अगर किसी सड़क परियोजना में बहुत ज्यादा देरी हो जाती है और मौजूदा कॉन्ट्रैक्ट के तहत काम आगे नहीं बढ़ सकता, तो उस कॉन्ट्रैक्ट को खत्म कर दिया जाता है। फिर परियोजना को दोबारा सौंपा जाता है, चाहे उसमें कोई बदलाव हो या नहीं। उन्होंने यह भी बताया कि राष्ट्रीय राजमार्गों का निर्माण भारतीय सड़क कांग्रेस के नियमों के अनुसार होता है। अलग-अलग जगहों पर राजमार्ग की अधिकतम गति 120 किलोमीटर प्रति घंटा होती है, जो एक्सप्रेसवे के लिए है, और अन्य राष्ट्रीय राजमार्गों पर 100 किलोमीटर प्रति घंटा की गति तय की गई है।