पलट-पलट कर नौवीं बार सीएम बने नीतीश, 28 साल में तीसरी बार भाजपा के साथ सरकार बनाई

स्वतंत्र समय, पटना

बिहार में सियासी उलटफेर की अटकलें एक बार फिर सही साबित हुईं। नीतीश कुमार ने रविवार सुबह वही किया, जिसका पिछले दिनों से अंदाजा लगाया जा रहा था। रविवार सुबह उन्होंने राज्यपाल राजेंद्र अर्लेकर को इस्तीफा सौंप दिया। उन्होंने राज्यपाल को बताया कि वे महागठबंधन से अलग होने का फैसला कर चुके हैं। इसके बाद शाम होते-होते उन्होंने नौंवी बार भाजपा के समर्थन से सीएम पद की शपथ भी ले ली।

बिहार में अब आगे क्या?

जदयू का भाजपा से गठबंधन तय है। नीतीश कुमार ने राज्यपाल को भाजपा के समर्थन का पत्र सौंप दिया है। राज्यपाल ने समर्थन पत्र स्वीकार कर लिया है। इसके बाद साफ हो गया है कि बिहार में नीतीश कुमार एक बार फिर भाजपा के समर्थन में सरकार बनाएंगे। विधानसभा में भाजपा के 78, जदयू के 45 और हम के 4 विधायक हैं। 243 सदस्यीय विधानसभा में तीनों दलों को मिलाकर यह आंकड़ा 127 होता है, जो बहुमत के 122 के आंकड़े से पांच ज्यादा है।उधर, नजरें राजद और खासकर लालू प्रसाद और तेजस्वी के बयानों पर रहेंगी। अतीत में जब नीतीश ने राजद से नाता तोड़ा था, तब आपसी तल्खी चरम पर पहुंच गई थी।

पीएम मोदी ने दी बधाई

शपथ ग्रहण समारोह के समापन के बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने एक्स कर बधाई दी। उन्होंने एक्स कर लिखा- बिहार में बनी एनडीए सरकार राज्य के विकास और यहां के लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेगी। नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री, सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा को उप मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने पर बहुत-बहुत बधाई। मुझे विश्वास है कि यह टीम पूरे समर्पण भाव से राज्य के मेरे परिवारजनों की सेवा करेगी।

आठवीं बार मुख्यमंत्री पद छोड़ा, नौवीं बार दोबारा ली शपथ

  • नीतीश कुमार पहली बार 3 मार्च 2000 को सीएम बने थे। हालांकि, बहुमत न जुटा पाने की वजह से उन्हें 10 मार्च 2000 को पद से इस्तीफा देना पड़ा था।
  • बिहार में 2005 में हुए चुनाव में नीतीश भाजपा के समर्थन से दूसरी बार मुख्यमंत्री पद पर काबिज हुए।
  • 2010 में हुए विधानसभा चुनाव के बाद एक बार फिर नीतीश सीएम बने।
  • लोकसभा चुनाव में भाजपा के खिलाफ पार्टी के खराब प्रदर्शन की वजह से उन्होंने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया। इस दौरान उन्होंने जीतनराम मांझी को मुख्यमंत्री पद सौंपा। हालांकि, 2015 में जब पार्टी में अंदरुनी कलह शुरू हुई तो नीतीश ने मांझी को हटाकर एक बार फिर खुद सीएम पद ग्रहण किया।
  • 2015 के विधानसभा चुनाव में महागठबंधन (जदयू, राजद, कांग्रेस और लेफ्ट गठबंधन) की एनडीए के खिलाफ जीत के बाद नीतीश कुमार एक बार फिर बिहार के मुख्यमंत्री बने। यह कुल पांचवीं बार रहा, जब नीतीश ने सीएम पद की शपथ ली।

ये बने मंत्री

विजय चौधरी, बिजेंद्र प्रसाद यादव, प्रेम कुमार, श्रवण कुमार, संतोष कुमार सुमन (संतोश मांझी), सुमित कुमार सिंह ने मंत्री पद की शपथ ली। इन मंत्रियों में सबसे अधिक चर्चा एनडीए के घटक दल हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा के संरक्षक जीतन राम मांझी ने बेटे संतोष कुमार सुमन की हुई। वे पिछले तीन दिन से चर्चा में थे। इनकी पार्टी से चार विधायक हैं। मंत्रियों की शपथ के बाद समारोह का समापन हो गया, अब एक दूसरे को बधाई देने का सिलसिला चल रहा है।