पटना: बिहार की सियासत में एक और बड़े फेरबदल के साथ, नीतीश कुमार ने दसवीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेकर एक नया रिकॉर्ड बनाएँगे। रविवार शाम को पटना स्थित राजभवन में आयोजित एक समारोह में राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ भी दिलाएगे। इस बार नीतीश कुमार ने आरजेडी और कांग्रेस वाले ‘महागठबंधन’ को छोड़कर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) में वापसी की है।
इस नई सरकार में भाजपा कोटे से दो उपमुख्यमंत्री बनाए गए हैं। प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा ने भी उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली। यह घटनाक्रम आगामी लोकसभा चुनाव से ठीक पहले हुआ है और इसे राष्ट्रीय राजनीति के लिए भी एक महत्वपूर्ण मोड़ माना जा रहा है।
NDA नेताओं का जमावड़ा, 19 चार्टर्ड प्लेन से पटना पहुंचे दिग्गज
नीतीश कुमार के शपथ ग्रहण समारोह को यादगार बनाने के लिए एनडीए के शीर्ष नेताओं का पटना में जमावड़ा लगा। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा, लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के प्रमुख चिराग पासवान समेत कई केंद्रीय मंत्री और सांसद इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए विशेष रूप से पटना पहुंचे।
इस वीवीआईपी मूवमेंट के चलते पटना के जय प्रकाश नारायण अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर गहमागहमी का माहौल रहा। सूत्रों के अनुसार, एनडीए के विभिन्न नेताओं को लाने के लिए लगभग 19 चार्टर्ड विमान पटना हवाई अड्डे पर उतरे। यह एनडीए की ओर से एक शक्ति प्रदर्शन के तौर पर भी देखा गया, जो बिहार में गठबंधन की नई शुरुआत का संकेत देता है।
मंत्रिमंडल का स्वरूप: JDU-BJP के अलावा ‘हम’ और निर्दलीय भी शामिल
मुख्यमंत्री और दो उपमुख्यमंत्रियों के अलावा, छह अन्य मंत्रियों ने भी शपथ ली। नई कैबिनेट में सामाजिक और क्षेत्रीय समीकरणों को साधने की कोशिश की गई है। शपथ लेने वाले अन्य मंत्रियों में शामिल हैं:
- डॉ. प्रेम कुमार (भाजपा)
- विजेंद्र प्रसाद यादव (जदयू)
- विजय कुमार चौधरी (जदयू)
- श्रवण कुमार (जदयू)
- संतोष कुमार सुमन (हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा)
- सुमित कुमार सिंह (निर्दलीय)
इस मंत्रिमंडल गठन से स्पष्ट है कि जदयू और भाजपा के अलावा, एनडीए के अन्य सहयोगियों को भी सरकार में उचित प्रतिनिधित्व दिया गया है।
क्यों छोड़ा ‘महागठबंधन’? नीतीश ने बताई वजह
शपथ ग्रहण से पहले नीतीश कुमार ने मीडिया से बातचीत में महागठबंधन छोड़ने की वजह बताई। उन्होंने कहा कि गठबंधन में “सब कुछ ठीक नहीं चल रहा था” और सहयोगियों से राय लेने के बाद उन्होंने अलग होने का फैसला किया। उन्होंने कहा, “हम एक साथ काम करने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन चीजें सही दिशा में नहीं जा रही थीं। इसी वजह से हमने यह कदम उठाया है।”
वहीं, भाजपा अध्यक्ष जे.पी. नड्डा ने इस मौके पर कहा कि नीतीश कुमार का एनडीए में वापस आना बिहार के विकास के लिए एक सकारात्मक कदम है। उन्होंने विश्वास जताया कि एनडीए गठबंधन आगामी लोकसभा चुनाव में बिहार की सभी 40 सीटों पर जीत हासिल करेगा।