इंदौर में ‘नो कार डे’: महापौर ने साइकिल चलाकर दिया संदेश, जनता-जनप्रतिनिधियों ने भी कारों को दी छुट्टी

आज इंदौर में ‘नो कार डे’ मनाया गया। इस अवसर पर शहर के महापौर पुष्यमित्र भार्गव स्वयं साइकिल चलाकर लोगों को पर्यावरण संरक्षण और स्वास्थ्य के लिए जागरूक करते नजर आए। उन्होंने पूरे दिन दोपहिया वाहन का उपयोग करने का संकल्प लिया और नागरिकों से भी अपील की कि वे इस अभियान में अपना योगदान दें।

महापौर का संदेश

महापौर भार्गव ने कहा कि लोग अक्सर यह सवाल उठाते हैं कि “एक दिन कार न चलाने से आखिर क्या फर्क पड़ेगा?” उन्होंने इस पर जवाब देते हुए बताया कि यह पहल आने वाले समय के लिए दिशा दिखाने वाली है। उनका मानना है कि जब लोग एक दिन कार से परहेज़ करेंगे तो वे सार्वजनिक परिवहन, साइकिल और ई-रिक्शा जैसे विकल्पों को अपनाने के लिए प्रेरित होंगे। यही आदतें भविष्य में ट्रैफिक दबाव कम करने और प्रदूषण घटाने में सहायक होंगी।

ट्रैफिक और स्वास्थ्य पर असर

महापौर ने स्पष्ट किया कि इंदौर जैसे तेजी से बढ़ते शहर में ट्रैफिक का दबाव दिन-प्रतिदिन बढ़ रहा है। यदि लोग छोटी दूरी के लिए साइकिल, ई-रिक्शा या पब्लिक ट्रांसपोर्ट का उपयोग करना शुरू कर देंगे तो न केवल सड़कों पर भीड़ कम होगी, बल्कि प्रदूषण का स्तर भी नीचे आएगा। इसके अलावा, पैदल चलने और साइकिल चलाने जैसी आदतें नागरिकों को स्वस्थ और फिट रखने में अहम भूमिका निभाती हैं।

इंदौर का नेतृत्व

भार्गव ने यह भी बताया कि इंदौर देश का पहला शहर है, जिसने ‘नो कार डे’ मनाने की परंपरा शुरू की है। उन्होंने विश्वास जताया कि आने वाले समय में यह पहल अन्य शहरों के लिए भी मार्गदर्शक साबित होगी। यह केवल एक दिन का अभियान नहीं है, बल्कि यह लोगों के जीवनशैली में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास है।

नागरिकों और अधिकारियों का सहयोग

इस विशेष दिन पर इंदौर के नागरिकों के साथ-साथ जनप्रतिनिधि, प्रशासनिक अधिकारी और न्यायपालिका से जुड़े लोग भी अपनी-अपनी कारों को घर पर ही छोड़कर सार्वजनिक या दोपहिया साधनों का उपयोग कर रहे हैं। महापौर ने इस सहयोग और जागरूकता के लिए सभी को धन्यवाद देते हुए कहा कि इसी सामूहिक प्रयास से शहर को और बेहतर बनाया जा सकता है।