वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने GST काउंसिल की बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में कई अहम फैसलों का ऐलान किया है। इन फैसलों में कुछ उत्पादों पर टैक्स दरों में बदलाव, किसानों को राहत, और छोटे व्यवसायों के लिए नई सुविधाओं की घोषणा की गई है। आइए, विस्तार से जानते हैं उन प्रमुख निर्णयों के बारे में।
फोर्टिफाइड राइस पर टैक्स में कमी
वित्त मंत्री ने बताया कि फोर्टिफाइड राइस केरनल्स पर पहले जो 18% GST था, अब उसे घटाकर 5% कर दिया गया है। यह निर्णय खाद्य सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए लिया गया है।
पॉपकॉर्न पर विभिन्न टैक्स श्रेणियाँ
पॉपकॉर्न पर टैक्स दरों में भी बदलाव किए गए हैं:
- साधारण नमक और मसालों से बने पॉपकॉर्न पर 5% GST लगेगा, अगर यह पैकेज्ड और लेबल्ड नहीं है।
- पैकेज्ड और लेबल्ड पॉपकॉर्न पर 12% GST लगेगा।
- चीनी या कारमेल से बने पॉपकॉर्न पर 18% GST लागू होगा।
यह निर्णय विभिन्न प्रकार के पॉपकॉर्न को अलग-अलग टैक्स श्रेणियों में रखने के उद्देश्य से लिया गया है।
जीन थेरेपी पर जीएसटी से छूट
वित्त मंत्री ने जीन थेरेपी को पूरी तरह से जीएसटी के दायरे से बाहर कर दिया है, जिससे इसके उपचार में इस्तेमाल होने वाली दवाओं पर कोई कर नहीं लगेगा।
किसानों के लिए राहत: काली मिर्च और किशमिश
वित्त मंत्री ने किसानों के लिए बड़ी राहत की घोषणा करते हुए कहा कि अगर कोई किसान काली मिर्च और किशमिश बेचता है, तो उस पर जीएसटी नहीं लगेगा। यह निर्णय कृषि उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए लिया गया है।
2000 से कम पेमेंट वाले पेमेंट एग्रीगेटर्स को जीएसटी से छूट
सरकार ने पेमेंट एग्रीगेटर्स को राहत देते हुए कहा कि यदि उनका लेन-देन 2000 रुपये से कम है, तो उन्हें जीएसटी से छूट दी जाएगी। इसके अलावा, अगर पेमेंट एग्रीगेटर्स एनबीएफसी से लंबी अवधि के लिए लोन लेते हैं, तो उस पर भी जीएसटी नहीं लगेगा।
हेल्थ इंश्योरेंस पर कोई बदलाव नहीं
वित्त मंत्री ने स्पष्ट किया कि हेल्थ इंश्योरेंस और टर्म इंश्योरेंस पर जीएसटी दर में कोई बदलाव नहीं किया गया है। अभी तक इन पर 18% का GST लगता है, और इसे लेकर भविष्य में और विचार किया जाएगा।
छोटी कंपनियों के लिए आसान रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया
छोटी कंपनियों के लिए रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए सरकार ने एक कॉन्सेप्ट नोट तैयार किया है। इसके जरिए कंपनियों को अब नया रजिस्ट्रेशन प्रोसेस मिलेगा, जिससे उनके लिए यह प्रक्रिया और भी आसान हो जाएगी। इसके लिए कानून में बदलाव भी किया जाएगा।
क्विक कॉमर्स पर चर्चा, लेकिन कोई निर्णय नहीं
वित्त मंत्री ने कहा कि क्विक कॉमर्स (तेजी से सामान डिलीवर करने वाली कंपनियों) पर विस्तार से चर्चा की गई, लेकिन इस पर अभी कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया।
इलेक्ट्रिक वाहनों पर जीएसटी संबंधी निर्णय
- नई ईवी (इलेक्ट्रिक वाहन) खरीदने पर 5% जीएसटी लगेगा।
- यूज्ड ईवी खरीदने और बेचने पर कोई जीएसटी नहीं लगेगा।
- हालांकि, अगर कोई कंपनी ईवी खरीदती और बेचती है, तो उसे 18% जीएसटी देना होगा, जैसा कि पेट्रोल-डीजल वाहनों पर होता है।
सरकार ने यह भी कहा कि वे इसे 5% पर लाने के लिए प्रयासरत हैं।