न परमीशन-न डायसर्वन, नाले के किनारे काट दी illegal colony

स्वतंत्र समय, इंदौर

नगर निगम द्वारा अवैध कॉलोनियों ( illegal colony ) के खिलाफ की जा रही कार्रवाई का एक नया मामला सामने आया है, जिसमें जोन 13 के अंतर्गत ग्राम बिलावली में में अवैध कॉलोनी के निर्माण और सरकारी नियमों के उल्लंघन को लेकर शिकायत की गई। शिकायतकर्ता का आरोप है कि बिना अनुमति के कॉलोनी काट दी गई, जिससे न केवल सरकार को राजस्व की हानि हो रही, बल्कि भोली-भाली जनता के साथ धोखाधड़ी की जा रही है।

illegal colony को भंवरकुआ थाने में FIR दर्ज


शिकायत के बाद अवैध कॉलोनी ( illegal colony ) विकसित करने और बिना विकास अनुमति के भूखंडों का विक्रय करने वाले पांच लोगों के खिलाफ थाना भंवरकुआं में एफआईआर दर्ज कराई गई है। जोन 13 के भवन अधिकारी सत्येंद्र राजपूत ने बताया कि बिलावली क्षेत्र के खसरा क्रमांक 81/2, 86/1, 87/1, 88/1/1, 88/2, 88/1/2, 91/2, और 85/1/2 पर बिना विकास अनुमति के कॉलोनी का निर्माण कर भूखंडों को बेचा जा रहा था। इस कार्य में शामिल जमीन मालिकों और भवन स्वामियों दशरथ राठौर, लीलाधर चौहान, गुलाब सिंह पटेल, आरती शादिजा और जितेंद्र शादिजा ने नगर निगम की मंजूरी के बिना भूखंडधारियों को भूखंड बेचने और कुछ स्थानों पर भवन निर्माण शुरू करवा दिया। हालांकि नगर निगम के भवन अनुज्ञा शाखा द्वारा संबंधित जमीन मालिकों को पहले ही सूचना पत्र जारी कर अवैध निर्माण हटाने का निर्देश दिया गया था। लेकिन उन्होंने न तो अवैध निर्माण को हटाया और न ही संतोषजनक जवाब प्रस्तुत किया। यह कार्यवाही मध्यप्रदेश नगर पालिका अधिनियम, 1956, मध्यप्रदेश भूमि विकास नियम, 2012, और मध्यप्रदेश नगर पालिका (कॉलोनी विकास) नियम, 2021 का स्पष्ट उल्लंघन है। भवन अनुज्ञा और कॉलोनी सेल विभाग द्वारा की गई संयुक्त जांच और सत्यापन के बाद भवन अधिकारी सत्येंद्र राजपूत ने थाना भंवर कुआं में एफआईआर दर्ज कराई। एफआईआर में अवैध कॉलोनी विकसित करने और भूखंडों का अवैध विक्रय करने के आरोप लगाए गए हैं। अब यह देखना होगा कि नगर निगम इस मामले में क्या ठोस कदम उठाता है। क्या अवैध निर्माण हटाए जाएंगे, या यह मामला भी अन्य मामलों की तरह फाइलों में दबकर रह जाएगा? शिकायतकर्ता के हाईकोर्ट और लोकायुक्त में जाने की तैयारी से यह मामला तूल पकड़ सकता है।

पहले की गई थी शिकायत, पर नहीं हुई कार्रवाई

शिकायतकर्ता ने कहा कि उन्होंने इस मामले को पहले भी नगर निगम और कलेक्टर कार्यालय के सामने रखा था। उन्होंने 5 आवेदन दिए थे, जिसके बाद कलेक्टर महोदय ने कालोनी सेल विभाग को जांच का आदेश दिया था। इसके बाद 5 फरवरी 2020 को विभाग ने पत्र के. 4402 जारी किया, लेकिन आज तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। 28 अक्टूबर 2024 को फिर से उन्होंने कलेक्टर कार्यालय में आवेदन दिया, जिसके बाद 6 नवंबर 2024 को कालोनी सेल विभाग को पत्र भेजा गया था, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।

नाले के पास होने का आरोप

शिकायतकर्ता हरपाल सिंह अरोरा, निवासी पलसीकर कालोनी ने नगर निगम के झोन 13 और वार्ड 77 के अधिकारियों को शिकायत भेजी थी, जिसके आधार पर यह एफआईआर हुई है। उन्होंने शिकायत में कहा था कि बिलावली क्षेत्र में जिस जमीन पर कॉलोनी विकसित की जा रही है, उसकी न तो कोई टीएनसीपी (टाउन एंड कंट्री प्लानिंग) से नक्शा पास करवाया गया और न ही डायवर्शन कराया गया है। इसके अलावा, कॉलोनी के लिए जरूरी सुविधाएं जैसे कि सडक़, बिजली, जल आपूर्ति, और ड्रेनेज सिस्टम का निर्माण भी नहीं किया गया है। शिकायतकर्ता के अनुसार, यह जमीन नाले के पास स्थित है, और जल स्त्रोत से दूरी का जो नियम है, उसका उल्लंघन किया गया है। इसके अलावा, बिजली कंपनी से बिना एन.ओ.सी. लिए कॉलोनी में बिजली का उपभोग किया जा रहा है, अवैध बोरिंग के जरिए पानी की आपूर्ति की जा रही है, जो शासन के नियमों के खिलाफ है। यहां प्लॉटों की रजिस्ट्री की जा रही है और लोन भी दिए जा रहे हैं, जो शासन के राजस्व को नुकसान पहुंचा रहे हैं। म.प्र. भू विकास अधिनियम के अनुसार, बिना उचित अनुमति के कॉलोनी का निर्माण करना अपराध है, और दोषियों पर पेनल्टी भी लग सकती है।

यदि कार्रवाई नहीं हुई तो हाईकोर्ट और लोकायुक्त का रास्ता

शिकायतकर्ता हरपाल सिंह ने स्पष्ट किया है कि यदि नगर निगम इस मामले में जल्द कोई ठोस कार्रवाई नहीं करता, तो वह उच्च न्यायालय में याचिका दायर करेंगे और लोकायुक्त में भी शिकायत करेंगे। उन्होंने कहा कि भू-माफिया सरकार के नियमों का उल्लंघन करते हुए अवैध कॉलोनियों का निर्माण कर रहे हैं और आम जनता से धोखाधड़ी कर रहे हैं। शिकायतकर्ता का कहना है, यह मामला सिर्फ एक कॉलोनी का नहीं, बल्कि सरकारी राजस्व की चोरी और नागरिकों के साथ धोखाधड़ी का है। यह मामला सिर्फ एफआईआर तक सीमित नहीं रहना चाहिए। नगर निगम की जिम्मेदारी है कि वह इन सभी पर सख्त कार्रवाई करे। अगर निगम ने कार्रवाई में देरी की, तो हम उच्च न्यायालय और लोकायुक्त का रुख करेंगे। क्योंकि नगर निगम की ओर से अब तक की गई कार्रवाइयों का असर जमीन पर नजर नहीं आता। शहर में कई अवैध कॉलोनियां और निर्माण अब भी फल-फूल रहे हैं। एफआईआर दर्ज करने से कुछ नहीं होगा, जब तक कि अवैध निर्माण को हटाया नहीं जाता और दोषियों को दंडित नहीं किया जाता

नगर निगम की निष्क्रियता पर सवाल

शहर में अवैध निर्माण और कॉलोनियों की समस्या कोई नई बात नहीं है। स्थानीय निवासियों और शिकायतकर्ताओं का कहना है कि नगर निगम केवल कागजों पर कार्रवाई कर रहा है, जबकि जमीनी स्तर पर स्थिति जस की तस बनी हुई है। बिलावली क्षेत्र में अवैध कॉलोनी के निर्माण की जानकारी लंबे समय से मिल रही थी, लेकिन निगम ने कार्रवाई करने में काफी देर की। स्थानीय रहवासियों का कहना है कि नगर निगम ने भले ही एफआईआर दर्ज कर दी है, लेकिन यह देखना होगा कि कार्रवाई कितनी प्रभावी होगी। पहले भी ऐसे मामलों में केवल एफआईआर दर्ज कर फाइल बंद कर दी गई है।

की जाएगी सख्त कार्रवाई

नगर निगम शहर में अवैध निर्माणों और कॉलोनियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर रहा है। यह हमारी प्राथमिकता है कि शहर में अवैध गतिविधियों पर लगाम लगाई जाए। बिलावली के मामले में एफआईआर दर्ज हो चुकी है और आगे की कार्रवाई की जाएगी।
-शिवम वर्मा, निगमायुक्त।