अब हर आतंकी हमला माना जाएगा ‘युद्ध’, – पाकिस्तान की नापाक हरकतों पर भारत का प्रचंड प्रहार

पाकिस्तान ने दुस्साहस की सारी हदें पार करते हुए लगातार दूसरे दिन भारत के 20 से अधिक शहरों पर ड्रोन हमले किए। बताया जा रहा है कि इन हमलों में तुर्की-निर्मित उन्नत ड्रोन का इस्तेमाल किया गया। लेकिन भारतीय सेना ने मुस्तैदी दिखाते हुए दुश्मन के सभी ड्रोन हवा में ही ध्वस्त कर दिए, पाकिस्तान का विदेशी हथियारों पर घमंड पलभर में चकनाचूर हो गया। इन कायराना हमलों का जवाब अब पहले जैसा नहीं होगा क्योंकि भारत सरकार ने बड़ा ऐलान करते हुए स्पष्ट कर दिया है: “अब से किसी भी आतंकी कार्रवाई को भारत के खिलाफ युद्ध माना जाएगा।” भारत का यह प्रहार सिर्फ जवाब नहीं, बल्कि एक चेतावनी है—अब यदि कोई भारत की ओर आंख उठाकर देखेगा, तो उसे वही आंख हमेशा के लिए बंद करनी पड़ेगी।

अब देश झुकेगा नहीं, सीधा लड़ेगा!
सीमा पर माहौल तनावपूर्ण है, लेकिन देशवासियों में जोश चरम पर है। अब देश झुकेगा नहीं, सीधा लड़ेगा! भारत और पाकिस्तान के बीच सीमा पर तनाव ने गंभीर मोड़ ले लिया है। हालात इतने तनावपूर्ण हो चुके हैं कि पंजाब के पठानकोट में रेड अलर्ट जारी कर दिया गया है। शहर की सभी दुकानें बंद कर दी गई हैं और पुलिस ने लोगों से घर में ही रहने की अपील की है। गुरदासपुर और दीनानगर में भी हालात युद्ध जैसे हैं—जिला प्रशासन ने आम नागरिकों से कहा है कि वे बिना वजह घर से बाहर न निकलें।

जैसलमेर और बाड़मेर में बढ़ाई सुरक्षा
जैसलमेर और बाड़मेर में भी सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद कर दी गई है। बाड़मेर में डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर टीना डाबी ने नागरिकों से सार्वजनिक स्थानों से दूर रहने को कहा है, जबकि जैसलमेर में भी आमजन को अलर्ट मोड पर रखा गया है। इस बीच, अमृतसर में ड्रोन के इस्तेमाल पर पूरी तरह रोक लगा दी गई है। जिला प्रशासन ने विशेष नोटिस जारी करते हुए किसी भी तरह की अनधिकृत हवाई गतिविधि पर सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी है।

डलझील में हुआ धमाका
सबसे चौंकाने वाली घटना श्रीनगर की डल झील में सामने आई, जहां स्थानीय लोगों ने सुबह एक मिसाइल जैसी चीज को झील में गिरते देखा। इसके बाद जोरदार धमाका हुआ और झील के पानी से धुआं उठता देखा गया। पूरे इलाके में दहशत का माहौल है। पाकिस्तान की बौखलाहट अब धार्मिक स्थलों को भी नहीं छोड़ रही। जम्मू-कश्मीर के प्रसिद्ध शंभु मंदिर पर पाकिस्तानी ड्रोन से हमला किया गया, जिसमें मंदिर को काफी नुकसान हुआ और कई श्रद्धालु घायल हो गए।

उच्चस्तरीय बैठक संपन्न
इस स्थिति को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली में उच्चस्तरीय आपात बैठक बुलाई। बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, सीडीएस और तीनों सेनाओं के प्रमुख शामिल रहे। इसके बाद भारत ने निर्णय लिया है कि अब कोई भी हमले के युद्ध की चेतावनी मानते हुए सामना करेगा।