अब आयकर विभाग के रडार पर क्रिप्टो से कमाई हुई इनकम, शुरू हुई कड़ी निगरानी

अगर आपने क्रिप्टोकरेंसी से अच्छा-खासा मुनाफा कमाया है, लेकिन इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) में इसका ज़िक्र नहीं किया, तो अब सतर्क हो जाइए। आयकर विभाग ने ऐसे हजारों लोगों को ईमेल भेजना शुरू कर दिया है जिन्होंने बिटकॉइन, एथेरियम जैसी वर्चुअल करेंसी से कमाई तो की, लेकिन अपनी आय में इसे छिपा लिया। ये नोटिस विशेष तौर पर वित्त वर्ष 2023-24 और 2024-25 के दौरान किए गए लेनदेन से संबंधित हैं।

सीबीडीटी को शक: क्रिप्टो के ज़रिए मनी लॉन्ड्रिंग

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) को संदेह है कि कुछ लोग बेहिसाब (undisclosed) इनकम को क्रिप्टो निवेश के जरिए छिपा रहे हैं और इसे मनी लॉन्ड्रिंग के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं। विभाग के अनुसार, ये “हाई रिस्क” करदाता संभावित रूप से टैक्स चोरी में शामिल हो सकते हैं। इसलिए अब टैक्स अधिकारियों ने ऐसे व्यक्तियों को रडार पर लेना शुरू कर दिया है।

ई-मेल के ज़रिए नोटिस: जल्द भरिए ITR

आयकर विभाग ने स्पष्ट तौर पर ऐसे सभी करदाताओं को ITR दाखिल करने और क्रिप्टो से हुई आय की सही जानकारी देने के लिए ई-मेल के ज़रिए नोटिस भेजा है। अगर किसी ने जानबूझकर कम टैक्स भरा है, या गलत जानकारी दी है, तो अब उस पर कार्रवाई संभव है।

धारा 115BBH के अनुसार, क्रिप्टो इनकम पर 30% टैक्स के साथ-साथ अधिभार और उपकर भी लगाया जाता है। इस धारा के तहत क्रिप्टो से जुड़े किसी भी अन्य खर्च की कटौती नहीं की जा सकती, और न ही इससे होने वाले घाटे को किसी अन्य आय के खिलाफ समायोजित किया जा सकता है।

आईटीआर में VDA से जुड़ी जानकारी छुपाई

विभाग की जांच में सामने आया है कि बड़ी संख्या में टैक्सपेयर्स ने ITR की वीडीए (Virtual Digital Asset) से जुड़ी जानकारी वाली अनुसूची (Schedule) को या तो खाली छोड़ दिया या गलत भरकर टैक्स चोरी की। कुछ ने तो लागत सूचकांक (indexation benefit) का दावा करके टैक्स बचाने की कोशिश भी की, जो कि कानून के खिलाफ है।

TDS डेटा से हो रही क्रॉस चेकिंग

आयकर विभाग ने क्रिप्टो एक्सचेंज से मिली TDS (Tax Deducted at Source) की जानकारी को टैक्सपेयर्स के ITR से मिलाना शुरू कर दिया है। जिन लोगों के लेनदेन और ITR में मेल नहीं है, उन्हें आगे जांच के लिए चिन्हित किया जा रहा है। इस कार्रवाई का मकसद टैक्स सिस्टम में पारदर्शिता लाना है। CBDT ने कहा कि यह कदम “ट्रस्ट-बेस्ड टैक्सेशन” मॉडल के तहत उठाया गया है, यानी सरकार मानती है कि करदाता ईमानदारी से टैक्स भरते हैं। लेकिन अगर कोई जानबूझकर नियमों का उल्लंघन करता है, तो सख्त जांच और दंड तय