मिसाइल नहीं अब मोबाइल से भारत देंगा पाकिस्तान को शिकस्त, तैयार हो रही फौज-ट्रेनिंग ले रहे कंमाडो

देश में जिस तरह से टेक्नोलॉजी विकसित हो रही है। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि अब आगामी युद्ध मिसाइल की बजाए कंप्युटर से होंगा। जहां पर तैनात किए जाएंगे इंटेलिजेंट कमांडो जो अब बंदुक और मिसाइल के ट्रेकर नही दबाए जाएंगे बल्कि किया जाएगा क्लिक, जी हां हम बात कर रहे है साइबर युग की जहां हर कुछ अब एक क्लिक में होगा। तो आइए जानते है एक नई तकनीकी फोज के बारे में जिसकी ट्रेनिंग भोपाल, ग्वालियर में दी जा रही है। यहां के इंजीनियरिंग कॉलेजो में अब कमांडो तैयार हो रहे है जो अपने एक क्लिक से दुश्मनों के छक्के छुड़ा देंगे। दरअसल, तेजी से बढ़ते साइबर अटैक से निपटने के लिए अब देशभर में साइबर कमांडो तैयार किए जा रहे हैं। जो पाकिस्तान द्वारा किए जा रहे साइबर अटैक, हैंकिंग जैसे हमलों का जवाब देंगे। ये साइबर कमांडो देश के ऐसे संस्थानों के डाटा की निगरानी करेंगे जिसका डाटा हमारे देश की सुरक्षा से लेकर जुड़ा होता है।

डिजिटल सीमाएं की जाएंगी तैयार
देश में अब एक ऐसी सीमा तैयार की जाएंगी जो साइबर अटैक की निगरानी करेगी। यदि अन्य देशों से कोई ऐसा साइबर अटैक किया जाता है जो देश को हानि पहुंचाने वाला है तो उससे यह साइबर कमांडो निपटेंगे और देश की रक्षा से जुड़े डाटा को सुरक्षित सीमा के अंदर रखेगे। यह बड़ा नेटवर्क होगो जिसें तैयार करने की तैयारी हमारे देश की टेक्नोलॉजी में किया जा रहा है।

ग्वालियर- में तैयार होंगे कमांडो
अब ग्वालियर इस दिशा में एक अहम केंद्र बनने जा रहा है। मुरैना रोड स्थित प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग कॉलेज ट्रिपल आइटीएम (ITM University) में साइबर कमांडो को प्रशिक्षण देने की संभावनाएं तलाशी जा रही है। इसी के चलते केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधीन कार्यरत इंडियन साइबर क्राइम को-ऑर्डिनेशन सेंटर (I4C) के डायरेक्टर अरविंद कुमार अपनी टीम के साथ ग्वालियर पहुंचे और संस्थान का गहन निरीक्षण किया।

सुरक्षा प्रणालियों के लूप होल्स खोजेंगे
‘सायबर कमांडो’ मुख्य रूप से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग जैसी आधुनिक तकनीकों का उपयोग कर साइबर अपराधियों को ट्रैक करेंगे और उनकी धरपकड़ सुनिश्चित करेंगे. सरकारी विभागों की महत्वपूर्ण वेबसाइटों और डेटाबेस की सुरक्षा का नियमित ऑडिट कर कमजोरियों की पहचान करेंगे और उन्हें दूर करवाएंगे. साइबर हमलों को शुरुआती चरण में ही रोकने के लिए नेटवर्क फायरवॉल और अन्य सुरक्षा प्रणालियों को लगातार अपग्रेड और मजबूत करेंगे. विभिन्न सरकारी और निजी सॉफ्टवेयर्स में मौजूद सुरक्षा खामियों (लूप होल्स) की पहचान कर उन्हें सुधारने में मदद करेंगे. ऑनलाइन ठगी और हैकिंग के मामलों में तकनीकी जांच कर अपराधियों को पकड़ने और उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई में पुलिस की मदद करेंगे.

पाकिस्तानी हैकर्स को मिलेगा करारा जवाब
पाकिस्तान की ओर से भारतीय सरकारी वेबसाइट्स और नागरिकों पर लगातार साइबर अटैक किए जा रहे है। इस नई साइबर कमांडो यूनिट की मदद से मध्य प्रदेश ऐसे हमलों को रोकने और उनका प्रभावी जवाब देने में पहले से कहीं अधिक सक्षम होगा. मध्य प्रदेश सायबर क्राइम के ADCP शैलेंद्र सिंह चौहान ने इस पहल के महत्व पर जोर देते हुए बताया कि अब हम न सिर्फ छोटे-मोटे साइबर अपराध रोक पाएंगे, बल्कि बड़े स्तर के डिजिटल युद्ध जैसे हालातों में भी जवाब देने में पूरी तरह सक्षम हैं. यह ट्रेनिंग हमें अज्ञात दुश्मनों से देश के महत्वपूर्ण डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर को बचाने में मदद करेगी।