अब मलेशिया में भी चलेगा भारतीय यूपीआई, सेकेंडों में करें पेमेंट बिना करेंसी बदले

भारत की आधुनिक डिजिटल पेमेंट प्रणाली यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) ने एक और वैश्विक उपलब्धि हासिल की है। ‘मेक इन इंडिया’ की इस शानदार पहल ने अब दक्षिण-पूर्व एशिया के देश मलेशिया में भी अपनी मौजूदगी दर्ज करा ली है।

भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) की अंतरराष्ट्रीय शाखा एनपीसीआई इंटरनेशनल पेमेंट्स लिमिटेड (NIPL) ने मलेशिया में आधिकारिक तौर पर अपनी सेवाएं शुरू कर दी हैं। इस लॉन्च के साथ मलेशिया, यूपीआई को अपनाने वाला दुनिया का 9वां देश बन गया है, जो भारत के डिजिटल ‘नवरत्न’ देशों की सूची को पूर्ण करता है।

भारतीय पर्यटकों के लिए बड़ी राहत, अब नकद की झंझट खत्म

मलेशिया की यात्रा करने वाले भारतीय सैलानियों के लिए यह कदम किसी वरदान से कम नहीं है। अब वहां घूमने या खरीदारी करने के लिए उन्हें विदेशी मुद्रा या नकदी साथ रखने की आवश्यकता नहीं होगी। भारतीय पर्यटक अपने पसंदीदा यूपीआई ऐप्स जैसे गूगल पे, फोनपे, पेटीएम आदि का सीधा उपयोग कर स्थानीय दुकानों या सेवा प्रदाताओं को भुगतान कर सकेंगे। यह सुविधा रेजरपे कर्लक (Razorpay Curlec) के प्लेटफ़ॉर्म के माध्यम से संभव हो पाई है, जो इस पूरे भुगतान ढांचे की तकनीकी रीढ़ है।

इस नई व्यवस्था से पर्यटकों को मुद्रा विनिमय या कार्ड शुल्क की चिंता नहीं रहेगी। मलेशिया में अब पेमेंट प्रक्रिया उतनी ही सरल होगी जितनी भारत में किसी चाय स्टॉल पर क्यूआर कोड स्कैन करके पेमेंट करना।

मलेशियाई कारोबारियों को भी मिलेगा बड़ा आर्थिक फायदा

यह प्रणाली केवल भारतीय पर्यटकों के लिए ही फायदेमंद नहीं है, बल्कि मलेशियाई व्यापारियों और स्थानीय अर्थव्यवस्था के लिए भी यह सौदा लाभदायक साबित होगा। हर साल लाखों भारतीय मलेशिया की यात्रा करते हैं, लेकिन अब तक सीमित भुगतान विकल्पों के कारण खरीदारी की संभावनाएं घट जाती थीं।

यूपीआई भुगतान शुरू होने से अब मलेशिया के व्यापारी सीधे भारतीय ग्राहकों से भुगतान प्राप्त कर सकेंगे, जिससे उनके व्यवसाय में लेनदेन की सहजता और बिक्री में वृद्धि होगी। भुगतान जितना आसान होगा, ग्राहक उतनी ही सहजता से खर्च करेगा — और यह मलेशियाई बाजारों के लिए राजस्व बढ़ाने का एक नया अवसर बनेगा। इस तरह, यह सहयोग दोनों देशों के बीच पर्यटन और व्यापारिक संबंधों को और मजबूत करेगा।

तकनीकी साझेदारी से बना वैश्विक डिजिटल पुल

एनपीसीआई इंटरनेशनल पेमेंट्स लिमिटेड (NIPL) और Razorpay Curlec के बीच हुआ यह सहयोग भारत की डिजिटल कूटनीति (Digital Diplomacy) का एक उत्कृष्ट उदाहरण है। यह साझेदारी इस बात का प्रमाण है कि भारत न केवल तकनीक विकसित कर रहा है, बल्कि उसे दुनिया भर में साझा भी कर रहा है।

NIPL के प्रबंध निदेशक और सीईओ रितेश शुक्ला ने इस अवसर पर कहा, “हमारा लक्ष्य यूपीआई की पहुंच को वैश्विक बनाना है, ताकि विदेशों में यात्रा करने वाले भारतीयों के लिए भुगतान पूरी तरह निर्बाध और सुलभ हो सके।” उन्होंने इस सहयोग को एक समावेशी और इंटरऑपरेबल वैश्विक भुगतान प्रणाली के निर्माण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बताया।

भारत के डिजिटल विस्तार का वैश्विक नक्शा

मलेशिया, यूपीआई को अपनाने वाला नवां देश बन चुका है। इससे पहले यह प्रणाली फ्रांस, संयुक्त अरब अमीरात (UAE), मॉरीशस, श्रीलंका, सिंगापुर, भूटान, नेपाल और हाल ही में कतर में लागू की जा चुकी है। यह तेजी से बढ़ता डिजिटल नेटवर्क भारत की तकनीकी क्षमता और नवाचार की वैश्विक पहचान को और सशक्त कर रहा है।

यह विस्तार दर्शाता है कि भारत का यूपीआई अब केवल घरेलू नहीं, बल्कि वैश्विक भुगतान समाधान बन चुका है—जो सीमाओं के पार भी भारतीयों को उसी सहजता से डिजिटल लेनदेन करने की स्वतंत्रता देता है, जैसी उन्हें अपने देश में मिलती है।

मलेशिया में यूपीआई का लॉन्च केवल एक वित्तीय कदम नहीं, बल्कि भारत के आत्मनिर्भर डिजिटल इकोसिस्टम की वैश्विक स्वीकृति का प्रतीक है। इस पहल से भारत ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि उसकी तकनीक केवल घरेलू जरूरतों के लिए नहीं, बल्कि विश्वस्तरीय समाधान देने में सक्षम है।