डिजिटल पेमेंट की दुनिया में एक और बड़ी क्रांति आ चुकी है। अब आप अपने लिक्विड म्यूचुअल फंड से सीधे UPI के जरिए पेमेंट कर सकते हैं। हाल ही में लॉन्च हुए ‘Pay with Mutual Fund’ फीचर के जरिए निवेशक अपनी लिक्विड फंड होल्डिंग्स को सीधे पेमेंट सोर्स की तरह इस्तेमाल कर सकते हैं — बिलकुल ऐसे, जैसे बैंक अकाउंट से पेमेंट करते हैं।
कैसे करता है काम ये नया फीचर?
अगर आपके पास लिक्विड म्यूचुअल फंड में निवेश है और आपका फंड हाउस इस सुविधा को सपोर्ट करता है, तो अब आप अपने फंड से सीधे UPI पेमेंट कर सकते हैं। पेमेंट की राशि जितनी भी होगी, उतनी यूनिट्स तुरंत रिडीम हो जाएंगी और उतनी रकम आपके UPI अकाउंट के ज़रिए ट्रांसफर कर दी जाएगी।
फिलहाल यह सुविधा ICICI Prudential Mutual Fund और Bajaj Finserv AMC द्वारा Curie Money के साथ मिलकर शुरू की गई है।
क्यों खास है ‘Pay with Mutual Fund’?
तुरंत लिक्विडिटी
लिक्विड फंड वैसे भी तुरंत पैसे उपलब्ध कराने के लिए जाने जाते हैं क्योंकि ये शॉर्ट-टर्म इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश करते हैं। अब इस फीचर के साथ आपको पहले पैसे बैंक में ट्रांसफर करने की जरूरत नहीं — सीधे पेमेंट के लिए रिडीम करें।
बैंक सेविंग से बेहतर रिटर्न
जहाँ सेविंग अकाउंट पर 3–4% का ब्याज मिलता है, वहीं लिक्विड फंड से 6–7% तक रिटर्न मिलने की संभावना रहती है। यानी पैसों की पार्किंग भी और बेहतर कमाई भी।
सीधा UPI से पेमेंट
अब रोज़मर्रा के पेमेंट जैसे बिल, शॉपिंग या सब्सक्रिप्शन के लिए UPI का इस्तेमाल करते समय आप अपने लिक्विड फंड से भी पेमेंट कर सकते हैं — बिना ऐप स्विच किए, बिना बैंक ट्रांसफर किए।
फ्लेक्सिबल मनी मैनेजमेंट
यह सुविधा ना सिर्फ व्यक्तियों के लिए, बल्कि बिजनेस के लिए भी फायदेमंद है। बिजनेस अपने वर्किंग कैपिटल को लिक्विड फंड में रखकर जरूरत पड़ने पर तुरंत उपयोग कर सकते हैं।
क्या सेविंग अकाउंट से बेहतर है ये विकल्प?
कई मायनों में हां — खासकर तब जब आप थोड़ा जोखिम उठाने को तैयार हैं।
सेविंग अकाउंट पूरी तरह सुरक्षित (₹5 लाख तक इंश्योर्ड) और प्रेडिक्टेबल रिटर्न वाला होता है। लेकिन रिटर्न बहुत कम मिलता है।
लिक्विड फंड में थोड़ा बाजार जोखिम जुड़ा होता है, लेकिन रिटर्न अधिक मिलता है। अगर आप कुछ दिनों, हफ्तों या महीनों के लिए पैसे पार्क करना चाहते हैं और थोड़ा रिस्क ले सकते हैं, तो यह फीचर सेविंग अकाउंट से ज्यादा फायदेमंद साबित हो सकता है।
क्या ध्यान में रखें इस सुविधा का इस्तेमाल करते समय?
- अपने म्यूचुअल फंड स्कीम का औसत रिटर्न, रिडेम्प्शन टाइम और एक्सपेंस रेशियो ज़रूर समझें।
- टैक्स ट्रीटमेंट भी बैंक अकाउंट से अलग हो सकता है — खासकर यदि आप कम अवधि में निवेश कर रहे हैं।
- पूरी तरह इमरजेंसी फंड के रूप में इस पर निर्भर ना हों। कुछ रकम सेविंग अकाउंट में रखना समझदारी होगी।
- यह तय करें कि कितनी राशि आप लिक्विड फंड में रखना चाहते हैं जिसे पेमेंट के लिए इस्तेमाल किया जा सके।
नए युग का कैश मैनेजमेंट
‘Pay with Mutual Fund’ फीचर से म्यूचुअल फंड अब केवल निवेश का जरिया नहीं रह गया, बल्कि अब यह पारंपरिक बैंकिंग का स्मार्ट विकल्प बनता जा रहा है। यह फाइनेंशियल टेक्नोलॉजी का एक ऐसा कदम है, जो मनी मैनेजमेंट को और भी सहज, स्मार्ट और प्रोडक्टिव बना देगा।