अब अंग प्रत्यारोपण के लिए बाहरी राज्य और 65 साल से अधिक उम्र के मरीज भी करवा सकेंगे रजिस्ट्रेशन

स्वतंत्र समय, इंदौर

केंद्र सरकार ने अंगदान को लेकर एक्ट में बदलाव किया है। इसके तहत अब 65 साल से अधिक उम्र के मरीजों का रजिस्ट्रेशन भी हो सकेगा। यहां के अस्पतालों में रजिस्ट्रेशन के लिए मप्र का मूल निवासी होना अनिवार्य नहीं है। यह शर्त भी हटाई जा रही है। नियमों में बदलाव के बाद स्टेट ऑर्गन टिशू एंड ट्रांसप्लांट ऑर्गनाइजेशन (सोटो) ने राज्य शासन को पत्र लिख दिया है। हाल में एमजीएम मेडिकल कॉलेज में अंगदान को प्रोत्साहित करने और ब्रेन डेड की सूचनाएं नहीं मिलने को लेकर बैठक बुलवाई गई थी। इसमें ऑर्गन ट्रांसप्लांट एक्ट में हुए संशोधनों पर भी बात हुई। अभी तक अस्पताल अंगों के लिए जरूरतमंद मरीजों में सिर्फ 65 वर्ष तक के मरीजों के ही रजिस्ट्रेशन करते हैं। अब 65 वर्ष से अधिक उम्र के मरीजों के भी रजिस्ट्रेशन हो सकेंगे।

नेत्रदान और देहदान अच्छी संख्या में हो रहे

डीन डॉ. संजय दीक्षित की अध्यक्षता में बैठक में सीएमएचओ डॉ. बीएस सैत्या, रजिस्टर्ड ऑर्गन ट्रांसप्लांट सेंटर्स, आईसीयू के डॉक्टर्स, इंचार्ज और ट्रांसप्लांट को-आर्डिनेटर्स मौजूद थे। डॉ. दीक्षित ने कहा नेत्रदान व देहदान तो अच्छी संख्या में हो रहे हैं, लेकिन लिवर, किडनी सहित अन्य अंगों के मामले में स्थिति पिछड़ गई है। कई महीनों से कोई कैडेवर ऑर्गन डोनेशन नहीं हुआ है। निजी अस्पतालों के डायरेक्टर्स को सूचना दी गई कि संभावित ब्रेन डेड की स्थिति में तुरंत सूचित करें, ताकि सर्टिफिकेशन की प्रक्रिया को बढ़ाया जा सके।