अब सरकारी हो जाएगी आतंकवादियों Terrorist की सम्पत्ति !

Terrorist आतंकी और नक्सली संगठन से जुड़े लोगों के परिजन भी उनकी संपत्ति नहीं बेच सकेंगे।आतंकी और नक्सली पर लगाम कसने के लिए केंद्र सरकार एक और बड़ा निर्णय लेने जा रही है।जिससे आतंकियों की वित्तीय कमर टूट जाएगी |

Terrorist आतंकी और नक्सली को वित्तीय मदद करने वालों का उनकी संपत्ति से मालिकाना हक खत्म कर दिया जायेगा | इसका सबसे ज्यादा असर जम्मू-कश्मीर, छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, पूर्वोत्तर के राज्यों और ओडिशा में पड़ेगा।

Terrorism आतंकवाद जैसी गतिविधियों में शामिल लोगों की संपत्ति बेचकर उसका इस्तेमाल टेरर फंडिंग में होता है। ज्यादातर जम्मू-कश्मीर में 4000 से अधिक लोग आतंकी गतिविधियों के संचालन के लिए पाक-अधिकृत कश्मीर चले गए। उनके परिजन और रिश्तेदार उनकी संपत्ति बेचते हैं। इनमें मकान, दुकान, जमीन, वाहन, बैंक बैलेंस आदि हैं।

सरकारी दस्तावेजो में जमीन के मालिक नही रहेंगे आतंकी Terrorist,
इन लाेगाें का लैंड रिकार्ड से नाम हटा दिया जाएगा और 7 साल बाद रिकार्ड से भी खारिज कर दिया जाएगा। संबंधित राज्यों के पटवारियों को यह अधिकार दिया जा रहा है कि वह ऐसी संपत्ति का रिकार्ड रखें, जिसका असली मालिक (आतंकवाद-नक्सलवाद से जुड़ा) खेती करने नहीं आता है। सात साल तक ऐसा होने के बाद मालिक को मृत दिखाकर कलेक्टर की अनुमति लेकर उसका नाम भूमि रिकार्ड से हटा दिया जाएगा।

मंत्रालय राज्य सरकारों से सहमति ले रहा ,
आतंकवाद Terrorist में शामिल बहुत से लोग भूमिगत हैं। इनके नाम की संपत्ति को परिजनों या रिश्तेदारों द्वारा बेच दी जाती है।पीएफआई और सिमी जैसे संगठनों से जुड़े लोगों पर भी इस नियम का विस्तार किया जाए | इस संबंध में राज्य सरकारों से सहमति ली जा रही है |

भारत में नक्सलवाद की बड़ी घटनाएँ

  • 2007 छत्तीसगढ़ के बस्तर में 300 से ज्यादा विद्रोहियों ने 55 पुलिसकर्मियों को मौत के घाट पर ‌उतार दिया था।
  • 2008 ओडिसा के नयागढ़ में नक्सलवाद‌ियों ने 14 पुलिसकर्मियों और एक नागरिक की हत्या कर दी।
  • 2009 महाराष्ट्र के गढ़चिरोली में हुए एक बड़े नक्सली हमले में 15 सीआरपीएफ जवान शहीद हो गये।
  • 2010 नक्सलवादियों ने कोलकाता-मुंबई ट्रेन में 150 यात्रियों की हत्या कर दी।
  • 2010 पश्चिम बंगाल के सिल्दा केंप में घुसकर नक्सलियों ने हमला कर दिया जिसमें अर्द्धसैनिक के 24 जवान शहीद हो गए।
  • 2011 छत्तीसगढ के दंतेवाड़ा में हुए एक बड़े नक्सलवादी हमले में कुल 76 जवान शहीद हो गए जिसमें सीआरपीएफ के जवान समेत पुल‌िसकर्मी भी
    शामिल थे।
  • 2012 झारखंड के गढ़वा जिले के पास बरिगंवा जंगल में 13 पुलिसकर्मीयों की हत्या कर दी|
  • 2013 छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में नक्सलियों ने कांग्रेस के नेता समेत 27 व्यक्तियों की हत्या कर दी।
  • 2021 में छत्तीसगढ़ के बीजापुर में सुरक्षा बलों के 23 जवान शहीद हो गए और 31 जवान घायल हुए।
.