प्रदेश में एक बार फिर चौंका देने वाला मामला सामने आया है। देश-प्रदेश के मेडिकल कॉलेज में आरक्षित NRI सीटों को मेडिकल कॉलेजो ने अपनी मनमर्जी के रेट से बेच दिया है। मेडिकल कॉलेज की सीटें बेचने में इंदौर शहर के ही कई कॉलेजों के नाम सामने आ गए है। इस धांधली में इंडेक्स,अरविंदो,चिरायु,एलएन,आरडीगार्डी,पीपुल्स,अमलतास सहित अन्य मेडिकल कॉलेज शामिल है।
इस मामले का खुलासा एक मीडिया के स्ट्रिंग आपरेशन में खुलकर सामने आया है। बताया जा रहा है कि यह कार्य करने में कंसलटेंसी कंपनियों का बड़ा हाथ है। यह कंपनियां शहर में रहने वाले कई परिवारों के बच्चों को मेडिकल कालेजो में एडमिशन दिलाने का खेल, खेल रही है। प्रदेश में लगातार मेडिकल कॉलेज में एडमिशन लेने में होने वाले घोटाले सामने आ रहै है।
यह पहला मामला नहीं है जब प्रदेश में मेडिकल सीटों को लेकर घोटाला हुआ है। कड़ी मेहनत करके एमबीबीएस करने के प्रयास करने वाले छात्रों को यह रुपए के दम पर बायपास करके एडिमिशन लेने वाले छात्र ढेंगा दिखाते है। यह उन सैकड़ों छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने जैसा है जो इन सीटों को खाली होने पर अपनी योग्यता रखने पर प्रवेश ले सकते थे। यह NRI सीटें खाली रहने पर आर्थिक रूप से असक्षम छात्रों के लिए रिजर्व रहना चाहिए लेकिन इसके विपरीत यह NRI सीटें मेडिकल कॉलेज के संचालकों और कंसलटेंसी एजेंसियों के लिए लाखों कमाने का साधन बन गई है।
प्रदेश सरकार नहीं कर पाती ठोस कार्रवाई
मेडिकल कॉलेजों की सीटों पर होने वाली सौदेबाजी को रोकने का जहां प्रदेश सरकार प्रयास नहीं कर पाती यहीं जब इस तरह के घोटाले सामने भी आ जाते है तो प्रदेश सरकार इन मेडिकल कालेज के संचालकों की कॉलर पर हाथ तक नहीं डाल पाती है। बरसों तक इन केसों को फाइलों में दबा दिया जाता है जिसके चलते सभी घोटालेंबाज इस जुर्म से सफेद कॉलर लिए ही बाहर आ जात है। लेकिन इस मेडिकल कॉलेज घोटाले के चलते कई योग्य़ छात्र अपनी आगामी पढ़ाई नहीं कर पाते। जिसका खमियाजा आगामी आने वाले समय में देश-प्रदेश को ही भुगतना पड़ता है।
ऐसा है मामला
मामले के अनुसार मध्यप्रदेश के मेडिकल कॉलेजों में एनआरआई (NRI) सीटों को अवैध रूप से बेचे जाने का है। कंसलटेंसी कंपनियों दावा है कि वे इंदौर, भोपाल और अन्य के मेडिकल कॉलेजों में एनआरआई सीट के लिए प्री-बुकिंग करती हैं। यहीं ये कंपनिया इसके लिए लगभग 85 लाख से 2 करोड़ रुपए तक की रकम वसूलती हैं। इन कंपनियों का कहना है कि मध्यप्रदेश में एनआरआई सीटों के लिए नियम लचीले हैं। वे दस्तावेजों के जरिए इसे आसानी से उपलब्ध करवा सकती हैं, भले ही उम्मीदवार वास्तविक NRI न हो।
ये हैं वो कॉलेज जिनमें बेची जा रही है सीटें
इन कंसलटेंसी कंपनियों ने व्हाट्सएप के जरिए बताया है कि अरविंदो कॉलेज के एनआरआई सीट के लिए 1.55 करोड़ रुपए, एलएन कॉलेज के लिए 1.2 करोड़ रुपए, और इंडेक्स मेडिकल कॉलेज के लिए 1.1 करोड़ रुपए की कीमत है। इसके अलावा, अन्य कॉलेजों जैसे चिरायु, पीपुल्स, और अमलतास के लिए भी बड़ी रकम ली जा रही है। ये कंपनियां इन सीटों के लिए प्री-बुंकिंग करती है। जिन्हें भी यह सीटें खरीदनी होती है वह इन कंसलटेंसी एजेंसियों से संपर्क करके सीट के लिए सौदा कर लेते है। जो जितना पैसा देते है उन्हें उस कॉलेज में सीट मिल जाती है।
कागज भी तैयार करवा रही कंपनियां
कंपनियां यह भी दावा करती हैं कि वे एनआरआई के लिए कागजात तैयार करवा सकती हैं, जैसे कि विदेश में किसी रिश्तेदार का पासपोर्ट और दस्तावेज, ताकि छात्र एनआरआई कोटा में एडमिशन ले सकें। जिसके लिए उन्हें केवल सर्टिफिकेट की जरूरत होती है, और फीस भारतीय मुद्रा में ही जमा होती है। इसलिए उन्हें परेशानी नहीं आती है। संभावना तो यह भी है कि इस घोटाले में देश- विदेश तक के लोग जुड़े है।
यह होता है NRI कोटा
एनआरआई कोटा- NRI, OCI, PIO या NRI द्वारा प्रायोजित भारतीय नागरिक पात्र हैं. अगर उम्मीदवार NRI नहीं है तो प्रायोजक (माता-पिता, भाई-बहन या प्रथम डिग्री रिश्तेदार का NRI स्टेटस (पासपोर्ट, वीज़ा, रोजगार प्रमाण) जरूरी है. इसके लिए 12वीं में 50% अंक और प्रवेश परीक्षा में क्वॉलिफाइंग मार्क्स होने चाहिए.