NSICON 2025 का भव्य समापन, इंदौर मॉडल बना देशभर के लिए प्रेरणा

इंदौर के ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर में आयोजित न्यूरोलॉजिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया के 73वें वार्षिक सम्मेलन NSICON 2025 का रविवार, 14 दिसंबर 2025 को गरिमामय समापन हुआ। चार दिनों तक चले इस अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में देश-विदेश से आए 1600 से अधिक न्यूरोलॉजिस्ट, न्यूरोसर्जन, शोधकर्ता, न्यूरो नर्सेस और अन्य मेडिकल प्रोफेशनल्स ने सक्रिय भागीदारी की। यह सम्मेलन न केवल वैज्ञानिक चर्चा का मंच बना, बल्कि न्यूरोसाइंस को सामाजिक जिम्मेदारी और जन-जागरूकता से जोड़ने का सशक्त उदाहरण भी प्रस्तुत करता नजर आया।

वैज्ञानिक सत्रों में उभरे न्यूरोसाइंस के नए आयाम

सम्मेलन के दौरान ब्रेन स्ट्रोक, ब्रेन ट्यूमर, एपिलेप्सी, स्पाइन से जुड़ी बीमारियां, न्यूरो ट्रॉमा, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, रोबोटिक सर्जरी और न्यूरो नर्सिंग जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर गहन वैज्ञानिक सत्र आयोजित किए गए। करीब 200 शोध पत्र प्रस्तुत किए गए, जिनका मुख्य उद्देश्य इलाज को अधिक सुरक्षित, प्रभावी और आम लोगों के लिए सुलभ बनाना रहा। इन प्रस्तुतियों ने भविष्य की न्यूरोलॉजिकल चिकित्सा की दिशा और संभावनाओं को स्पष्ट किया।

पब्लिक अवेयरनेस बनी NSICON 2025 की पहचान

NSICON 2025 की सबसे बड़ी विशेषता इसका जन-जागरूकता पर केंद्रित दृष्टिकोण रहा। ‘न्यूरोथॉन इंदौर – रन फॉर ब्रेन, वियर हेलमेट’ जैसे कार्यक्रमों के माध्यम से सड़क सुरक्षा, हेड इंजरी की रोकथाम और आईएसआई मार्क हेलमेट के महत्व का संदेश सीधे आम जनता तक पहुंचाया गया। बड़ी संख्या में नागरिकों ने हेलमेट पहनने और सड़क सुरक्षा नियमों का पालन करने की सामूहिक शपथ ली, जिससे यह आयोजन समाज से सीधे जुड़ता दिखाई दिया।

आयोजन समिति ने जताया सहयोग और समर्थन के लिए आभार

NSICON 2025 के ऑर्गनाइजिंग चेयरमैन डॉ. वसंत डाकवाले ने सम्मेलन की सफलता को सामूहिक प्रयासों का परिणाम बताते हुए आयोजन समिति, डॉक्टरों, स्वयंसेवकों, मीडिया प्रतिनिधियों और इंदौर के नागरिकों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि यह सम्मेलन इस बात का प्रमाण है कि चिकित्सा का उद्देश्य केवल इलाज तक सीमित नहीं है, बल्कि समाज को सुरक्षित और जागरूक बनाना भी इसकी अहम जिम्मेदारी है।

इंदौर की मेजबानी को मिली विशेष सराहना

सम्मेलन के समापन अवसर पर ऑर्गनाइजिंग सेक्रेटरी डॉ. जे. एस. कठपाल ने इंदौर शहर के सहयोग और अपनत्व की सराहना की। उन्होंने कहा कि जिस तरह से इंदौर ने NSICON 2025 की मेजबानी की, उसने यह साबित कर दिया कि यह शहर अब न्यूरोसाइंस जैसे बड़े राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय आयोजनों के लिए एक मजबूत केंद्र बनकर उभर रहा है।

ब्रेन डेथ और अंगदान पर जागरूकता की जरूरत

ब्रेन डेथ और अंगदान पर आयोजित विशेष वर्कशॉप में एससीटीआईएमएसटी तिरुवनंतपुरम के न्यूरोसर्जरी विभागाध्यक्ष डॉ. ईश्वर एच. वी ने स्पष्ट किया कि ब्रेन डेथ पूरी तरह कानूनी और वैज्ञानिक प्रक्रिया है। उन्होंने बताया कि एक ब्रेन डेथ मरीज अंगदान के माध्यम से 7 से 8 लोगों को नया जीवन दे सकता है। डॉक्टरों की भूमिका है कि वे सही जानकारी देकर इस जीवनरक्षक प्रक्रिया को आगे बढ़ाएं।

डीप ब्रेन स्टिमुलेशन और एपिलेप्सी सर्जरी पर जोर

डीप ब्रेन स्टिमुलेशन और एपिलेप्सी सर्जरी की आवश्यकता पर चर्चा करते हुए डॉ. पूजा चौधरी ने कहा कि मध्यप्रदेश और इंदौर में इन उन्नत सर्जरी सुविधाओं की अत्यधिक जरूरत है। समय पर सर्जरी से कई मरीजों को लंबे समय तक दवाइयों पर निर्भर रहने से राहत मिल सकती है। उन्होंने उम्मीद जताई कि भविष्य में प्रदेश के मरीजों को इलाज के लिए बाहर नहीं जाना पड़ेगा।

डॉक्टरों के मानसिक स्वास्थ्य पर गंभीर चर्चा

सम्मेलन में डॉक्टरों के मानसिक स्वास्थ्य जैसे संवेदनशील विषय पर भी खुलकर चर्चा हुई। सीआईएमएस नागपुर के डायरेक्टर डॉ. लोकेन्द्र सिंह ने कहा कि डॉक्टर भी इंसान हैं और वर्षों तक इलाज किए गए मरीजों को खोने का दर्द वे भीतर ही भीतर सहते हैं। उन्होंने भावनाओं को साझा करने और मजबूत सपोर्ट सिस्टम विकसित करने की आवश्यकता पर जोर दिया।

न्यूरो नर्सिंग सम्मेलन SINNCON 2025 का सफल समापन

SINNCON 2025 के समापन अवसर पर सोनाली कुमावत ने कहा कि यह सम्मेलन यह स्पष्ट करता है कि मरीज की देखभाल में प्रशिक्षित न्यूरो नर्सेस की भूमिका कितनी अहम है। उन्होंने इसे नर्सिंग समुदाय को सशक्त बनाने की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल बताया।

राष्ट्रीय नेतृत्व ने इंदौर को बताया प्रेरणास्रोत

न्यूरोलॉजिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया के अध्यक्ष डॉ. मानस पाणिग्रही और नव निर्वाचित अध्यक्ष डॉ. श्रीधर ने कहा कि इंदौर में NSICON 2025 का आयोजन पूरे देश के लिए एक उदाहरण है। वैज्ञानिक सत्रों के साथ जन-जागरूकता अभियानों को जोड़ना विशेष रूप से प्रेरणादायक रहा। ‘रन फॉर ब्रेन’ जैसे अभियानों को देश के अन्य शहरों में भी लागू करने की योजना पर काम किया जाएगा।

सड़क सुरक्षा पोस्टर्स रहे आकर्षण का केंद्र

रन फॉर ब्रेन मैराथन के दौरान लगाए गए सड़क सुरक्षा से जुड़े पोस्टर्स ने आम लोगों को सरल और प्रभावशाली संदेश दिए। ‘हेलमेट कोई बोझ नहीं’, ‘गर्दन पर अतिरिक्त दबाव नहीं पड़ता’, ‘देखने और सुनने में बाधा नहीं आती’ जैसे संदेशों ने हेलमेट को लेकर फैली भ्रांतियों को दूर किया। साथ ही नशा मुक्त जीवन और स्वस्थ मस्तिष्क से जुड़े संदेशों ने लोगों को जिम्मेदार जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित किया।

इंदौर के डॉक्टरों और नर्सेस के योगदान की सराहना

सम्मेलन के अंतिम सत्रों में इंदौर के न्यूरोलॉजिस्ट और न्यूरोसर्जनों द्वारा प्रस्तुत शोध पत्रों को विशेषज्ञों ने सराहा। न्यूरोनर्सेस एसोसिएशन ने एम.वाय. अस्पताल की न्यूरो नर्स डॉ. (पीएचडी) सोनाली कुमावत, विद्या मेनन तथा एम.वाय. अस्पताल और सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल की सभी न्यूरो नर्सेस के योगदान की प्रशंसा करते हुए आभार व्यक्त किया।

इंदौर ने रचा न्यूरोसाइंस में नई मिसाल

न्यूरोलॉजिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया के 75वें संस्थापक वर्ष का समारोह भी इंदौर में सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। इस अवसर पर यह भावना प्रबल रूप से सामने आई कि इस ऐतिहासिक आयोजन के लिए इंदौर से बेहतर स्थान और कोई नहीं हो सकता। NSICON 2025 का समापन इस संदेश के साथ हुआ कि आधुनिक न्यूरोसाइंस केवल ऑपरेशन थिएटर तक सीमित नहीं है, बल्कि यह समाज, जागरूकता, संवेदना और जिम्मेदारी का साझा मंच है—और इंदौर ने इस दिशा में एक नई मिसाल कायम की है।