इंदौर के ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर में न्यूरोलॉजिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया की 73वीं वार्षिक कॉन्फ्रेंस (NSICON 2025) की विधिवत शुरुआत हो गई है। मुख्य आयोजन से पहले आज प्री-कांफ्रेंस सत्रों का आयोजन किया गया। यह आयोजन चिकित्सा जगत के लिए इसलिए भी खास रहा क्योंकि एनएसआईकॉन के इतिहास में पहली बार एक ही दिन और एक ही स्थल पर न्यूरोलॉजी की सात वर्कशॉप्स आयोजित की गई।
इन सत्रों का उद्देश्य न केवल वैज्ञानिक विचार-विमर्श था, बल्कि न्यूरोसर्जन और नर्सेज़ के लिए वास्तविक प्रशिक्षण और कौशल विकास का मंच तैयार करना भी था।
नर्सेज़ और मेडिकल स्टाफ के लिए विशेष प्रशिक्षण
कॉन्फ्रेंस की शुरुआत दो महत्वपूर्ण प्रशिक्षण कार्यक्रमों से हुई। पहला सत्र न्यूरोलॉजिस्ट और न्यूरोसर्जन्स के लिए था, जबकि दूसरा विशेष सत्र न्यूरो नर्सेज़ के लिए आयोजित किया गया। न्यूरो नर्सेज़ का प्रशिक्षण इंदौर के सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में न्यूरोलॉजी और न्यूरोसर्जरी विभाग के सहयोग से हुआ।
एमजीएम मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. अरविंद घनघोरिया ने सुझाव दिया कि स्थानीय नर्सेज़ को भी उच्च स्तरीय प्रशिक्षण मिलना चाहिए ताकि शहर की चिकित्सा व्यवस्था सुदृढ़ हो सके। इस वर्कशॉप का संचालन डॉ. ओमप्रकाश लेखरा के मार्गदर्शन में डॉ. सोनाली कुमावत और सुश्री विद्या मेनन ने किया।
अत्याधुनिक तकनीकों का प्रदर्शन
श्री अरविंदो इंस्टिट्यूट ऑफ़ मेडिकल साइंस (SAIMS) और आईआरसीएडी (IRCAD) जैसे अंतरराष्ट्रीय स्तर के प्रशिक्षण केंद्र में अन्य तकनीकी सत्र आयोजित किए गए। यहाँ आयोजित वर्कशॉप्स में प्रतिभागियों को मस्तिष्क की जटिल संरचनाओं और सर्जरी की आधुनिक तकनीकों से रूबरू कराया गया।
प्रमुख वर्कशॉप्स में शामिल थे:
- 3डी इंट्रिंसिक ब्रेन एनाटॉमी: इसमें त्रिआयामी वीडियो के जरिए मस्तिष्क की सूक्ष्म परतों और डिसेक्शन प्रक्रिया को समझाया गया।
- बोटुलिनम टॉक्सिन थेरेपी: लकवे या चोट के कारण मांसपेशियों की अकड़न को कम करने के लिए बोटॉक्स के इस्तेमाल पर चर्चा हुई।
- एंडोवैस्कुलर वर्कशॉप: बिना चीरा लगाए नसों के इलाज की आधुनिक विधियों का प्रदर्शन किया गया।
- एंडोस्कोपिक स्पाइन और स्कल बेस सर्जरी: दूरबीन तकनीक से रीढ़ और मस्तिष्क के जटिल ऑपरेशन्स की जानकारी दी गई।
विशेषज्ञों का क्या कहना है?
आयोजन समिति के चेयरमैन डॉ. वसंत डाकवाले ने इस मौके पर विज्ञान और मानवीय संवेदनाओं के संतुलन पर जोर दिया।
“एनएसआइकॉन 2025 की भावना यही है कि विज्ञान और मानवीय संवेदनाएँ साथ मिलकर आगे बढ़ें। ब्रेन और स्पाइन केयर तब ही पूर्ण होती है जब इसकी नींव मजबूत प्रशिक्षण, आधुनिक तकनीक और संवेदनशील देखभाल पर आधारित हो।” — डॉ. वसंत डाकवाले, ऑर्गनाइजिंग चेयरमैन
वहीं, ऑर्गनाइजिंग सेक्रेटरी डॉ. जे. एस. कठपाल ने बताया कि इन वर्कशॉप्स का अंतिम लक्ष्य मरीजों की देखभाल में सुधार लाना है।
“प्री कॉन्फ्रेंस वर्कशॉप्स का उद्देश्य केवल ज्ञान प्रदान करना नहीं है। इसका उद्देश्य ऐसा प्रशिक्षण उपलब्ध कराना है जो सीधे मरीजों की बेहतर देखभाल में परिवर्तित हो सके। इंदौर में एक ही दिन में सात वर्कशॉप्स का सफल आयोजन हमारी टीम की प्रतिबद्धता का प्रमाण है।” — डॉ. जे. एस. कठपाल, ऑर्गनाइजिंग सेक्रेटरी
राज्यपाल करेंगे मुख्य कॉन्फ्रेंस का उद्घाटन
एनएसआईकॉन 2025 की मुख्य वैज्ञानिक कॉन्फ्रेंस 11 से 14 दिसंबर तक ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर में चलेगी। इसका औपचारिक उद्घाटन 11 दिसंबर को दोपहर 12 बजे मध्य प्रदेश के राज्यपाल मंगुभाई सी. पटेल करेंगे। अगले चार दिनों तक देश-विदेश के विशेषज्ञ ब्रेन और स्पाइन केयर से जुड़ी चुनौतियों और भविष्य की तकनीकों पर गहन मंथन करेंगे।