registrar office में स्लाट संख्या बढ़ी, नहीं हो पा रही रजिस्ट्रियां

स्वतंत्र समय, भोपाल

एक अप्रैल से नई गाइड लाइन के आधार पर बढ़ी हुई कीमतों से रजिस्ट्रियां होना शुरू होगी, उसके पहले ही पुरानी दरों पर आवेदकों ने रजिस्ट्री कराने के लिए स्लाट की बुकिंग तो कर ली, लेकिन ( registrar office) कई रजिस्ट्रियां नहीं हो पा रही है। निगम की लापरवाही के चलते सम्पत्तिकर के पुराने खातों की जानकारी नहीं मिलने के कारण आवेदकों को रजिस्ट्रार कार्यालय से लेकर नगर निगम तक के चक्कर काटना पड़ रहे है।

registrar office से नगर निगम के चक्कर काटना पड़ रहे

जमीनों की नई गाइड लाइन 1 अप्रैल से लागू होने वाली हैे। उसके पूर्व ही रजिस्ट्रार कार्यालय ( registrar office ) में वित्तीय वर्ष की समाप्ति का ध्यान रखते हुए शनिवार और रविवार को भी रजिस्ट्री करने की प्रक्रिया शुरू कर रखी है, लेकिन आवेदकों को सम्पत्ति रजिस्ट्री कराने के पहले ऐड़ी चोटी का जोर लगाना पड़ रहा है। शनिवार और रविवार को स्लाट बुकिंग की संख्या तो बढ़ गई है, लेकिन रजिस्ट्री में शहरी क्षेत्र में नगर निगम की सम्पत्ति कर की पावती नहीं मिलने के कारण कई आवेदकों को रजिस्ट्रार कार्यालय से लेकर नगर निगम तक के चक्कर काटना पड़ रहे हैं।

नगर निगम में अपडेशन की प्रक्रिया से परेशानी

ज्ञात हो कि रजिस्ट्री में सम्पत्तिकर की पावती आवश्यक की गई है। स्वामित्व के मामलों में भी सम्पत्तिकर का जमा होना आवश्यक है। ऐसे में नगर निगम के सर्वर के हैक होने के बाद से ही इसके अपडेशन की प्रक्रिया लगातार की जा रही है। लेकिन इसका खामियाजा आम आवेदकों को भुगतना पड़ रहा है। अभी तक पुराने खातों की जानकारी सामने नहीं आने के कारण सम्पत्तिकर नई रसीदों के आधार पर भरा जा रहा है, जिससे पूर्ण बकाया राशि सामने नहीं आ रही है और आवेदक परेशान हो रहे हैं। जिन आवेदकों ने सम्पत्तिकर भर दिया है, उन्हें भी रसीद नहीं मिल रही है। ज्ञात हो कि निगम अधिकांश लोगों को सम्पत्तिकर बकाया होने का नोटिस थमा रहा है, ऐसी स्थिति में सम्पत्तिकर जमा नहीं होने का सीधा असर रजिस्ट्री पर पड़ रहा है। सम्पत्तिकर में नामांतरण होने के बावजूद भी अभी भी पुराने नाम सामने आ रहे हैं, जिसके चलते लोग रजिस्ट्री नहीं करवा पा रहे हैं।