इंदौर में 4 दिसंबर 2025 को आयोजित समीक्षा बैठक में निगमायुक्त दिलीपकुमार यादव ने उद्यान विभाग के कार्यों की विस्तार से समीक्षा की। सिटी बस कार्यालय में हुई इस बैठक में अपर आयुक्त रोहित सिसोनिया, मनोज पाठक, उद्यान अधिकारी शांतिलाल यादव सहित सभी उद्यान सुपरवाइजर और दरोगा मौजूद रहे। बैठक का मुख्य उद्देश्य शहर की हरियाली, उद्यानों के रखरखाव और ग्रीन बेल्ट को और प्रभावी बनाने पर चर्चा करना था।
शहर के सौंदर्य में उद्यानों की अहम भूमिका
आयुक्त ने स्पष्ट कहा कि इंदौर की खूबसूरती में उद्यान विभाग की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण है। उन्होंने निर्देश दिए कि शहर के डिवाइडर, ग्रीन बेल्ट, रोटरी, चौराहों और उद्यानों में किया गया कार्य जमीन पर स्पष्ट दिखना चाहिए। सभी सुपरवाइजर्स को अपने क्षेत्रों में लगन और जिम्मेदारी के साथ हरियाली बढ़ाने का निर्देश दिया गया। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि किसी कर्मचारी को उद्यान विकास में रुचि नहीं है तो उसे सफाई विभाग में स्थानांतरित कर दिया जाएगा।
अनुशासनहीनता पर कार्रवाई: 7 दिन का वेतन कटा
समीक्षा के दौरान उद्यान सुपरवाइजर पवन राठौर की अनुपस्थिति को गंभीरता से लेते हुए आयुक्त ने उनका सात दिन का वेतन काटने के निर्देश दिए। यह कदम विभाग में कार्यशैली और अनुशासन को मजबूत करने की दिशा में उठाया गया।
हर सप्ताह होगी समीक्षा बैठक
आयुक्त ने बताया कि उद्यान विभाग की साप्ताहिक समीक्षा अब नियमित रूप से की जाएगी। उन्होंने सभी सुपरवाइजर्स और दरोगाओं को निर्देश दिए कि वे अपने-अपने झोनल अधिकारियों के अधीन समन्वय में कार्य करें। हर झोन/वार्ड के डिवाइडर, ग्रीन बेल्ट, रोटरी और उद्यान विकास के कार्यों की फोटो सहित एक विस्तृत पीपीटी तैयार करने को कहा गया, जिसमें किए गए कार्य और आगे की योजनाएँ दोनों शामिल हों।
अवैध निर्माण पर तत्काल कार्रवाई का आदेश
आयुक्त ने स्पष्ट निर्देश दिया कि यदि किसी भी ग्रीन बेल्ट, डिवाइडर या उद्यान क्षेत्र में अवैध निर्माण होता है तो संबंधित अधिकारी तत्काल कार्रवाई करें। यदि कार्रवाई नहीं की जाती है, तो उसकी जिम्मेदारी उसी अधिकारी की होगी।
खुली भूमि को नर्सरी और उद्यान के रूप में विकसित करने पर जोर
बैठक में यह भी निर्देश दिया गया कि सभी झोन क्षेत्रों में उपलब्ध शासकीय खुली भूमि को चिन्हित किया जाए और इन स्थलों पर पौधारोपण एवं ग्रीनरी को प्राथमिकता दी जाए। जहां आवश्यक हो, वहाँ बाड़बंदी करके इन क्षेत्रों को नर्सरी के रूप में विकसित किया जाए।
किफायती व मौसम अनुकूल पौधों के विकास के निर्देश
निगम की नर्सरियों में ऐसे पौधों के उत्पादन पर जोर दिया गया जो मौसम के अनुसार आसानी से विकसित हो सकें। पेंटास, चम्पा, हाइब्रिड प्रजातियों और कम पानी में पनपने वाले पौधों को प्राथमिकता देने की बात कही गई।
उन्होंने यह भी कहा कि डिवाइडर में अनावश्यक मिट्टी न डाली जाए क्योंकि इससे धूल की समस्या बढ़ती है। साथ ही घास के विकल्प के रूप में अन्य पौध प्रकारों पर भी नर्सरी विभाग को शोध और विकास करने के निर्देश दिए गए।