Nursing scam में मंत्री ही नहीं, एसीएस सुलेमान और कमिश्नर वरवड़े भी

स्वतंत्र समय, भोपाल

प्रदेश में हुए नर्सिंग घोटाले ( Nursing scam ) की परतें लगातार खुलती जा रही है। सीबीआई जांच के बाद 111 छोटे अधिकरियों और कर्मचारियों को तो विभागों ने नोटिस जारी कर दिए हैं, लेकिन अब युवक कांग्रेस ने इस घोटाले में एसीएस चिकित्सा शिक्षा मोहम्मद सुलेमान और तत्कालीन आयुक्त निशांत वरवड़े के खिलाफ भी आरोप लगाए हैं।

Nursing scam में शिक्षा विभाग के आला अफसरों के नाम भी

मुख्यमंत्री ने यह नर्सिंग घोटाला ( Nursing scam ) सामने आने के बाद सख्ती दिखाते हुए इसमें शामिल अधिकारियों को बर्खास्त करने के निर्देश दिए थे। लेकिन अभी तक एसडीएम, तहसीलदार और नायब तहसीलदारों को ही नोटिस दिए गए हैं। सूत्रों के अनुसार, बहुचर्चित नर्सिंग घोटाले में अभी तक सिर्फ सीबीआई के हत्थे चढ़े जांच अधिकारी, कॉलेज संचालक के अलावा नर्सिंग काउंसिल के पूर्व रजिस्ट्रार और कॉलेजों की नपती करने वाले तहसीलदार सहित अन्य अधिकारियों के नाम सामने आए हैं। युवक कांग्रेस ने इस घोटाले में तत्कालीन चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग को भी कटघरे में खड़ा किया है, क्योंकि ये घोटाले उनके कार्यकाल में ही हुए है। अब सरकार के चिकित्सा शिक्षा विभाग के आला अफसरों के नाम भी उछले हैं। युवा कांग्रेस ने चिकित्सा शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव मोहम्मद सुलेमान, उच्च शिक्षा विभाग के पूर्व आयुक्त निशांत वरवड़े पर भी नर्सिंग घोटाले में मिलीभगत के आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग की है। दरअसल, निशांत वरवड़े आयुक्त चिकित्सा शिक्षा रहे हैं। इनके कार्यकाल में भी ही नर्सिंग कॉलेजों को फर्जी मान्यता देने का घोटाला सामने आया था।

Nursing scam में अभी सिर्फ नोटिस भेजने की खानापूर्ति

नर्सिंग घोटाले में सीबीआई रिश्वत कांड उजागर होने के बाद चिकित्सा शिक्षा विभाग ने अभी तक सिर्फ नर्सिंग काउंसिल के पूर्व रजिस्ट्रार सहित 111 अधिकारियों तथा कर्मचारियों को नोटिस भेजने की खानापूर्ति की है। नोटिस भेजने के बाद किसी पर भी कार्रवाई नहीं की है। मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद भी अभी तक किसी अधिकारी को निलंबित तक नहीं किया। अब मामले को दबाने की कोशिश तेज हो गई है। वहीं नर्सिंग घोटाले में नर्सिंग काउंसिल के अलावा मप्र आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय के कुलपति और रस्ट्रिार की भूमिका कठघरे में हैं। विश्वविद्यालय ने भी फर्जी नर्सिंग कॉलेजों को मान्यता देने से रोकने में रुचि नहीं ली। इसी तरह मेडिकल विवि के वर्तमान कुलपति अशोक खंडेलवाल और रजिस्ट्रार पुष्पराज सिंह बघेल की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठ रहे हैं। खबर है कि दोनों पदाधिकारियों को मेडिकल विवि से हटाया जा सकता है। इस मामले में युवक कांग्रेस ने एसीएस सुलेमान और निशांत वरवडेÞ के खिलाफ कार्रवाई करने रविवार को प्रदर्शन किया है।