ओ. पन्नीरसेल्वम : तमिलनाडु में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं। इससे पहले सियासी हलचल तेज हो गई है। पूर्व मुख्यमंत्री ओ पन्नीरसेल्वम की एआईएडीएमके कैडर राइट्स रिट्रीवल कमेटी ने भाजपा की अगुवाई वाले एनडीए से नाता तोड़ लिया है। यह फैसला मुख्यमंत्री एम के स्टालिन से मिलने के कुछ घंटों बाद लिया गया। समिति के वरिष्ठ नेता पनरुट्टी एस रामचंद्रन ने बताया कि अब यह कमेटी एनडीए का हिस्सा नहीं रहेगी।
ओपीएस ने की प्रेस कॉन्फ्रेंस, तमिलनाडु में नए गठबंधन की संभावना
इस बात की जानकारी देने के लिए प्रेस कॉन्फ्रेंस में पूर्व मुख्यमंत्री ओ पन्नीरसेल्वम (ओपीएस) भी मौजूद थे। समिति ने बताया कि ओपीएस राज्य के कई इलाकों का दौरा करेंगे। वे राजनीतिक स्थिति को समझकर भविष्य में गठबंधन के बारे में फैसला करेंगे। इस फैसले से तमिलनाडु की राजनीति में नए बदलाव आने की उम्मीद है, खासकर 2026 के विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखकर।
इस कारण बढ़ा विवाद और तनाव
सूत्रों के अनुसार, असली नाराजगी की वजह यह है कि ओपीएस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर मिलने का आग्रह किया था, लेकिन उन्हें मौका नहीं मिला। इस निराशा के बाद ओपीएस ने केंद्र सरकार पर सरव शिक्षा अभियान (SSA) के फंड देने में देरी के लिए सोशल मीडिया पर आलोचना की। माना जा रहा है कि ये घटनाएं ही गठबंधन टूटने की मुख्य वजह बनीं।
टीवीके गठबंधन को लेकर संशय
ओपीएस ने अभिनेता विजय की पार्टी तमिलागा वेत्त्री कझगम (टीवीके) के साथ गठबंधन की बात पूरी तरह से नहीं नकारा। उन्होंने कहा कि वक्त आने पर यह साफ होगा, अभी चुनाव में समय है। ओपीएस पहले एआईएडीएमके के बड़े नेता थे, लेकिन पार्टी के अंदर झगड़े के बाद उन्होंने अपनी अलग टीम बनाई। अब एनडीए से उनका अलग होना तमिलनाडु की राजनीति में नए बदलाव दिखा रहा है, खासकर 2026 के चुनाव से पहले।