Indore News : ओबीसी महासभा के युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष, राधे जाट, ने आज मुख्यमंत्री मोहन यादव को एक महत्वपूर्ण पत्र सौंपा। इस पत्र में उन्होंने पिछड़ा वर्ग तथा अल्पसंख्यक कल्याण विभाग में बाहरी विभागों से प्रतिनियुक्ति पर कार्यरत अधिकारियों और कर्मचारियों के कारण उत्पन्न हो रही समस्याओं पर गहरी चिंता व्यक्त की।
राधे जाट ने बताया कि कैसे पशुपालन विभाग जैसे तकनीकी क्षेत्रों से आए अधिकारी, जो पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग में प्रतिनियुक्ति पर कार्यरत हैं, विभाग की योजनाओं और नीतियों को सही ढंग से लागू करने में असमर्थ साबित हो रहे हैं। उनका मानना है कि इन अधिकारियों का पिछड़ा वर्ग की समस्याओं के प्रति उचित संवेदनशीलता और समझ का अभाव होने के कारण पिछड़ा वर्ग के हितों को भारी नुकसान हो रहा है।
उन्होंने कहा, “बाहरी विभागों से आए अधिकारी, जो पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग में कार्यरत हैं, अक्सर अपने पद का दुरुपयोग करते हुए व्यक्तिगत लाभ की ओर ध्यान केंद्रित करते हैं, जिससे विभाग की योजनाओं का लाभ सही ढंग से वंचित और पिछड़े वर्गों तक नहीं पहुँच पाता।”
राधे जाट ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि पिछड़ा वर्ग तथा अल्पसंख्यक कल्याण विभाग में प्रतिनियुक्ति पर बाहरी विभागों से आने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों की नियुक्ति पर आजीवन प्रतिबंध लगाया जाए। इसके साथ ही, उन्होंने सुझाव दिया कि विभाग में नियमित अधिकारियों की नियुक्ति की जानी चाहिए, जो पिछड़ा वर्ग के कल्याण के प्रति पूरी तरह से समर्पित और जागरूक हों।
पत्र में उन्होंने विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करने का भी सुझाव दिया, ताकि वे पिछड़ा वर्ग की समस्याओं और आवश्यकताओं को गहराई से समझ सकें और उनके कल्याण के लिए प्रभावी ढंग से कार्य कर सकें।
राधे जाट ने यह भी मांग की है कि विभाग के कार्यों की नियमित रूप से समीक्षा की जानी चाहिए और जिम्मेदार अधिकारियों को उनके प्रदर्शन के आधार पर प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। उन्होंने पिछड़ा वर्ग के नागरिकों की भागीदारी को बढ़ावा देने की भी अपील की, ताकि वे विभागीय निर्णयों और नीतियों में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे सकें। ओबीसी महासभा ने इस पत्र के माध्यम से मुख्यमंत्री से इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार करने और पिछड़ा वर्ग के कल्याण के लिए आवश्यक कदम उठाने की अपील की है।