मुख्यमंत्री निवास का घेराव और अनशन के लिए ओबीसी महासभा ने अनुमति मांगी

भोपाल / इंदौर : ओबीसी महासभा ने आज मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री, डॉ. मोहन यादव, को एक पत्र लिखकर पिछड़ा वर्ग विभाग में जारी अनियमितताओं और भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़ा कदम उठाने की मांग की है। महासभा ने पिछड़ा वर्ग विभाग मुख्यालय में हो रही अनैतिक कार्यवाहियों के विरोध में मुख्यमंत्री निवास का घेराव और अहिंसात्मक अनशन करने की अनुमति मांगी है।

पत्र में उल्लेख किया गया है कि पशुपालन विभाग से प्रतिनियुक्ति पर आए डॉ. नीलेश देसाई, जो एक वेटनरी सर्जन हैं, ने पिछड़ा वर्ग विभाग में अपने कार्यकाल के दौरान गंभीर अनियमितताओं को अंजाम दिया है। उनके खिलाफ 150 से अधिक शिकायतें मुख्यमंत्री कार्यालय, मुख्य सचिव, मध्य प्रदेश पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग, और राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग में दर्ज की जा चुकी हैं। इसके बावजूद, उनके खिलाफ कोई ठोस कार्यवाही नहीं की गई है।

ओबीसी महासभा का मानना है कि डॉ. देसाई की अवैध गतिविधियों के चलते पिछड़ा वर्ग के छात्रों और अन्य हितधारकों के लिए निर्धारित योजनाओं में व्यवधान उत्पन्न हुआ है, जिससे समाज के लाखों लोगों को हानि पहुँची है।

ओबीसी महासभा के रंजीत सिंह जाट ने अपने पत्र में स्पष्ट किया है कि यदि डॉ. नीलेश देसाई की प्रतिनियुक्ति को तत्काल प्रभाव से समाप्त नहीं किया गया और उन्हें उनके मूल विभाग, पशुपालन विभाग में वापस नहीं भेजा गया, तो महासभा मुख्यमंत्री निवास का घेराव और अहिंसात्मक अनशन का कदम उठाने को मजबूर हो जाएगी।

उन्होंने कहा, “हमने हमेशा से पिछड़ा वर्ग के अधिकारों की रक्षा की है और इस मामले में भी हम पीछे नहीं हटेंगे। मुख्यमंत्री से हमारी अपील है कि वे इस मामले को गंभीरता से लें और जल्द से जल्द उचित कदम उठाएं।”

यह भी बताया गया कि डॉ. देसाई के कार्यकाल के दौरान पिछड़ा वर्ग विभाग में हो रहे काले कारनामों को मीडिया द्वारा भी उजागर किया गया है। ओबीसी महासभा ने मुख्यमंत्री से इस मामले में त्वरित कार्रवाई की मांग की है और उम्मीद जताई है कि मुख्यमंत्री, जो स्वयं पिछड़ा वर्ग से हैं, इस मामले को गंभीरता से लेते हुए उचित कदम उठाएंगे।

सम्पर्क:
रणजीत सिंह जाट
राष्ट्रीय कार्यकारिणी, ओबीसी महासभा
पता: 202, वरुण विक्ट्री, न्यू RTO रोड, पालदा, इंदौर, मध्य प्रदेश 452020
मोबाइल: +91-9165919796

अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें:
ईमेल: obc.mahasabha.indore@gmail.com

ओबीसी महासभा के अधिकार सुरक्षित
यह प्रेस नोट मीडिया में प्रकाशन के लिए जारी किया गया है। मूल पत्र इस प्रकार है – दिनांक: 8 अगस्त, 2024

प्रति,
डॉ. मोहन यादव,
मुख्यमंत्री,
मध्य प्रदेश शासन,
भोपाल

विषय: पिछड़ा वर्ग विभाग मुख्यालय में जारी अनियमितताओं एवं अनैतिक कार्यवाही के विरोध में मुख्यमंत्री निवास का घेराव एवं अनशन की अनुमति देने हेतु निवेदन पत्र

महोदय,

यह पत्र आपके ध्यानार्थ यह सूचित करने हेतु लिखा जा रहा है कि पिछड़ा वर्ग विभाग में जारी अनियमितताओं और भ्रष्टाचार के मामले ने गंभीर रूप ले लिया है। पशुपालन विभाग से प्रतिनियुक्ति पर आए डॉ. नीलेश देसाई, जो की एक वेटनरी सर्जन हैं, उन्होंने पिछड़ा वर्ग विभाग में 22 जुलाई 2020 से 21 जुलाई 2022 तक के लिए प्रतिनियुक्ति प्राप्त की थी। इसके बाद इनका कार्य असंतोषजनक पाए जाने के बावजूद पिछड़ा वर्ग आयुक्त कार्यालय में पदस्थ उच्च अधिकारियो ने इनसे धन लेकर इनकी प्रतिनियुक्ति 2 वर्ष के लिए बड़ा दी थी. इसके बाद अब दिनांक 20 जुलाई 2024 को इनकी प्रतिनियुक्ति की अवधि समाप्त होने के बावजूद, डॉ. नीलेश देसाई अभी भी पिछड़ा वर्ग विभाग के मुख्यालय पर अवैध रूप से जमे हुए हैं और लगातार नियमों के विरुद्ध कार्य कर रहे हैं। इनको सैलरी कहा से मिल रही है ये आप ही जानो मुख्यमंत्री जी ?

डॉ. देसाई द्वारा नियमों का पालन न करने से पिछड़ा वर्ग की विभिन्न योजनाओं पर गंभीर प्रभाव पड़ा है, जिससे पिछड़ा वर्ग के हितधारकों में भय और असंतोष उत्पन्न हुआ है। उनके खिलाफ 150 से अधिक शिकायतें माननीय मुख्यमंत्री कार्यालय, मुख्य सचिव, मध्य प्रदेश पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग, और राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग में दर्ज की जा चुकी हैं। इसके बावजूद, उनके खिलाफ कोई ठोस कार्यवाही नहीं की गई है, जो अत्यंत चिंताजनक है।

ओबीसी महासभा, जो कि पिछड़ा वर्ग के अधिकारों की रक्षा के लिए समर्पित है, इस मामले को अत्यंत गंभीरता से ले रही है। महासभा का मानना है कि डॉ. देसाई की वर्तमान स्थिति पिछड़ा वर्ग विरोधी मानसिकता को दर्शाती है, और उनके द्वारा पिछड़ा वर्ग के छात्रों एवं अन्य हितधारकों के लिए निर्धारित योजनाओं में व्यवधान उत्पन्न किया जा रहा है। इसके चलते हमारे समाज के लाखों लोगों को हानि पहुँच रही है।

इस परिस्थिति में, ओबीसी महासभा ने यह निर्णय लिया है कि यदि डॉ. नीलेश देसाई की प्रतिनियुक्ति को तत्काल प्रभाव से समाप्त नहीं किया गया और उन्हें उनके मूल विभाग, पशुपालन विभाग में वापस नहीं भेजा गया, तो महासभा मुख्यमंत्री निवास का घेराव करने और अहिंसात्मक रूप से अनशन पर बैठने का कदम उठाने को मजबूर हो जाएगी।

महोदय, हम जानते हैं कि आप स्वयं पिछड़ा वर्ग से हैं और हमारे समाज की समस्याओं को गहराई से समझते हैं। इसलिए हम आपसे निवेदन करते हैं कि इस मुद्दे पर संज्ञान लें और इसे शीघ्रता से सुलझाने के लिए त्वरित कदम उठाएं। हमें आशा है कि आप इस पत्र का संज्ञान लेकर हमारे समुदाय की समस्याओं को गंभीरता से लेंगे और त्वरित कार्यवाही करेंगे।

डा. नीलेश देसाई के काले कारनामो को मीडिया ने भी उजागर किया है जो की इस पत्र के साथ संलग्न है ।

कृपया इस पत्र का जवाब देते हुए हमें सूचित करें कि क्या ओबीसी महासभा को मुख्यमंत्री निवास के घेराव और अहिंसात्मक अनशन की अनुमति दी जा सकती है? हमारी महासभा आपकी अनुमति की प्रतीक्षा करेगी और आपके दिशा-निर्देशों के अनुसार आगे की कार्यवाही करेगी। चूँकि आप स्वयं एक किसान, पशुपालक एवं पिछड़ा वर्ग के लीडर है एवं हम आपके पत्र के जवाब का इंतज़ार करेंगे ।