सीताराम ठाकुर, भोपाल
फील्ड में पदस्थ अफसरों ने ठेकेदारों को करीब 30 करोड़ का एक्सेस पेमेंट ( access payment ) यानी अतिरिक्त भुगतान कर सरकार को चूना लगाने का मामला सामने आया है। इस खेल में भ्रष्टाचार और अनियमितताएं भी जमकर हुई है। मामले की जानकारी सीएजी को मिलते ही उसने मप्र सरकार को लिखा। इसके बाद एसीएस जल संसाधन डॉ. राजेश राजौरा ने फील्ड के अफसरों से रिपोर्ट तलब की है।
access payment के विभाग में हड़कंप
जल संसाधन विभाग के अधीन फील्ड में पदस्थ कार्यपालन यंत्री और प्रभारी चीफ इंजीनियरों ने ठेकेदारों को करीब 30 करोड़ का एक्सेस पेमेंट ( access payment ) करने के बाद विभाग में हडक़ंप मचा हुआ है। वैसे फील्ड में पदस्थ अफसरों को इसकी कतई चिंता नहीं है। खासकर चीफ इंजीनियर रीवा के अधीन शहडोल में चल रहे सिंचाई प्रोजेक्ट में ठेकेदार को 80.47 लाख का अतिरिक्त भुगतान कर दिया गया। वहीं, रिवर प्रोजेक्ट मैनेजमेंट शिवपुरी में यूएसके में निचले स्तर पर उसी वस्तु की दर की उपलब्धता के बावजूद यूनिफाइड शेड्यूल ऑफ रेट्स के पुराने संस्करण से एक आइटम की दर अपनाने की वजह से 5.34 करोड़ की चपत सरकार को लगी है।
गलती नहीं… अफसरों की मिलीभगत से खेल
जल संसाधन विभाग में पदस्थ अफसरों ने गलती नहीं, बल्कि ठेकेदारों के साथ साठगांठ कर सरकार को 30 करोड़ से अधिक का चूना लगाया है। इसमें अफसरों को भी एक मुश्त राशि ठेकेदारों द्वारा उपलब्ध कराई गई है। सूत्र बताते है कि इस खेल में कार्यपालन यंत्री और चीफ इंजीनियर की भूमिका पर सवाल खडेÞ हो रहे हैं। सीएजी की जानकारी में यह मामला आते ही 31 जुलाई को विभाग प्रमुख को पत्र लिखा गया। इस मुद्दे पर वित्तीय सलाहकार ने 18 अगस्त को एसीएस डॉ. राजौरा को लिखा, जिसके बाद आनन-फानन में विभाग हरकत में आया और फील्ड से रिपोर्ट तलब की गई, लेकिन बैनगंगा बेसिन सिवनी के चीफ इंजीनियर डहेरिया को इसकी कोई जानकारी नहीं है। जबकि यह खेल 2023 और 2024 में हुआ है।
सिंचाई प्रोजेक्ट में सरकार को लगाया जा रहा चूना
सूत्रों के मुताबिक, बैनगंगा सिवनी के सिंचाई प्रोजेक्ट में अतिरिक्त मात्रा के लिए 4.43 करोड़ के कार्य में 3 करोड़ की अनियमितता की गई है। वहीं, डब्ल्यूआरडी उज्जैन में कराए जा रहे कार्य में आधार सूचकांक को गलत तरीके से अपनाने की वजह से सरकार को 4.63 करोड़ का नुकसान हुआ है। जबकि इंजीनियरों ने इसका भुगतान भी ठेकेदार को कर दिया। इधर, चीफ इंजीनियर धसान के अधीन पवई में निर्मित सिंचाई प्रोजेक्ट में गलत गणना करने की वजह से ठेकेदार को एक करोड़ 7 लाख रुपए का एक्सेस पेमेंट करने का गड़बड़झाला सामने आया है। इसके अलावा बैनगंगा प्रोजेक्ट में नहर खुदाई से उपलब्ध कठोर चट्टान (पत्थर ) को बांध और संबंद्ध कार्यों के लिए जारी करने में विफलता की वजह से ठेकेदार को 2.39 करोड़ का अतिरिक्त भुगतान कर दिया गया। इसके अलावा सीई गंगा बेसिन रीवा द्वारा आधार सूचकांक को गलत तरीके से अपनाने, मूल्य समायोजन की गणना के लिए ठेकेदार से किए गए समझौते के कारण कार्यपालन यंत्री ने 8.95 करोड़ का अतिरिक्त भुगतान कर सरकार को चूना लगाया है।