अब पुराने Vallabh Bhavan के रेनोवेशन पर खर्च होंगे 107 करोड़, पहले भी किए खर्च

स्वतंत्र समय, भोपाल

मंत्रालय एनेक्सी के निर्माण पर मप्र सरकार ने करीब 700 करोड़ रुपए खर्च किए थे, लेकिन अब पुराने वल्लभ भवन ( Vallabh Bhavan ) जो वीबी-1 के नाम से जाना जाता है, उसके रेनोवेशन के लिए 107 करोड़ रुपए की मंजूरी दी गई है। उधर, कैबिनेट मंत्रियों की तरह विधानसभा स्पीकर नरेंद्र सिंह तोमर तथा नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार भी स्वयं इनकम टैक्स जमा करेंगे। अभी ये राशि विस सचिवालय द्वारा वहन की जाती थी।

Vallabh Bhavan में दो बार आग लग चुकी है

विधानसभा में सोमवार को हुई कैबिनेट बैठक की जानकारी देते हुए नगरीय विकास एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने बताया कि वल्लभ भवन क्रमांक एक में दो बार आग लग चुकी है। नेशनल बिल्डिंग कोड के अनुसार इस बिल्डिंग में सारे प्रावधान नहीं हैं। इसके लिए 107 करोड़ रुपए कैबिनेट ने मंजूर किए हैं। इससे भवन में सुधार कार्य कराए जाएंगे। मोहन कैबिनेट की पिछली बैठक में फैसला लिया गया था कि मंत्रियों के वेतन भत्ते पर लगने वाले इनकम टैक्स की राशि खुद मंत्री भरेंगे। इसके लिए विधानसभा में संशोधन विधेयक लाया जाएगा। इस विधेयक को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। उन्होंने बताया- मंत्रिमंडल ने तय किया है कि मंत्री खुद अपना इनकम टैक्स देंगे और इसके लिए 1972 में लाए गए विधेयक को बदलने संशोधन विधेयक को मंजूरी कैबिनेट ने दी है।

लघु वनोपज संघ का पैसा आदिवासी कार्यों में ही होगा खर्च

लघु वनोपज आदिवासी समुदाय संग्रहीत करता है। इस पर राजस्व के रूप में बड़ा अंश राज्य शासन के पास एकत्र होता है और आदिवासियों को योजनाओं के रूप में दिया जाता है। कैबिनेट ने इस पर तय किया गया है कि जो पैसा इस मद में आएगा वह आदिवासी क्षेत्रों पर ही खर्च होगा। इस पैसे से आदिवासी क्षेत्रों की सडक़ों और अन्य सुविधाओं में सुधार और विस्तार किया जाएगा। इसे कहीं और खर्च नहीं किया जाएगा।

सदन में उठा इनकम टैक्स का मुद्दा

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कैबिनेट के जरिए खुद और मंत्रियों का आयकर स्वयं जमा करने के निर्णय का सोमवार को विधानसभा में स्पीकर नरेंद्र सिंह तोमर ने प्रश्नकाल के बाद विशेष उल्लेख किया। इस निर्णय का सदस्यों ने मेज थपथपाकर स्वागत किया। विधानसभा अध्यक्ष तोमर ने कहा कि वे स्वयं भी अब अपना इनकम टैक्स जमा करेंगे। इस पर नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा कि वे भी अपना आयकर स्वयं जमा करेंगे। सदस्यों ने इस फैसले पर भी मेज थपथपाकर स्वागत किया।

इन विधेयकों को कैबिनेट ने दी मंजूरी

  • मप्र विश्वविद्यालय संशोधन विधेयक को मंजूरी दी है। जिसमें राज्यपाल ने यह फैसला लिया था कि विश्वविद्यालयों के कुलपति अब कुलगुरु कहे जाएंगे।
  • नलकूप खनन के बोरवेल खुले छोडऩे के लिए विधेयक लाया जाएगा। इसे भी कैबिनेट ने मंजूरी दी है। खोदे गए नलकूप को खनन करने वाले को बंद करना है और नहीं किया तो बोर कराने वाले और ठेकेदार दोनों पर कार्रवाई होगी। अगर सरकार ने बोर बंद किया तो इसकी राशि नलकूप खनन कराने वाले और ठेकेदार से की जाएगी। इस विधेयक को भी कैबिनेट ने मंजूरी दी है।
  • गोवंश परिवहन करने वालों पर कार्रवाई के अधिकार कलेक्टरों को दिए गए। जिस तरह आबकारी और माइनिंग में अवैध परिवहन करने पर कलेक्टरों को वाहन राजसात करने का अधिकार है, उसी तरह कलेक्टर गोवंश परिवहन करने वाले वाहन को राजसात कर सकते हैं।