Omkarashwar Temple: नए साल पर ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग दर्शन यात्रा पर जाने से पहले जान लीजिए ये नियम, नहीं तो लौटना पड़ेगा वापस!

Omkarashwar Temple: भगवान ओंकारेश्वर और ममलेश्वर ज्योतिर्लिंग के दर्शन के लिए भक्तों की भारी भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने विशेष इंतजाम किए हैं। 31 दिसंबर और 1 जनवरी को यहां दो लाख से अधिक श्रद्धालुओं के पहुंचने की संभावना है। मंदिर ट्रस्ट, पुलिस, और नगर परिषद ने सुचारू व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए वीआईपी दर्शन और ऑनलाइन बुकिंग पर अस्थायी रूप से रोक लगा दी है। इसका उद्देश्य सभी श्रद्धालुओं को समान रूप से दर्शन का अवसर प्रदान करना है। सभी भक्तों को कतार में खड़े होकर दर्शन करने होंगे। इसके अतिरिक्त, भीड़ प्रबंधन, सुरक्षा, और श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं, जिसमें भोजन, जल आपूर्ति, और स्वास्थ्य सेवाएं शामिल हैं।

भीड़ को नियंत्रित करने और दर्शन को सुव्यवस्थित करने के लिए जेपी चौक पर जिगजैग बैरिकेडिंग की गई है। इस व्यवस्था के तहत, सीमित संख्या में श्रद्धालुओं को भेजा जाएगा, और वे पुराने ब्रिज से होकर साधारण दरवाजे से मंदिर में प्रवेश करेंगे। मंदिर ट्रस्ट के पं. आशीष दीक्षित ने बताया कि श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए रात के समय मंदिर के पट आम दिनों की तुलना में लगभग दो घंटे देरी से बंद हो रहे हैं। वहीं, सुबह साढ़े चार बजे से मंदिर के पट दर्शनार्थियों के लिए खोले जाएंगे, ताकि अधिक से अधिक श्रद्धालु दर्शन कर सकें।

ओंकारेश्वर में चार स्थानों पर वाहन पार्किंग की व्यवस्था की गई है, क्योंकि आम दिनों की तुलना में तीन से चार गुना अधिक वाहन आने की संभावना है। पुलिस प्रशासन ने मोरटक्का से ओंकारेश्वर के बीच पार्किंग की व्यवस्था की है ताकि वाहनों को सही जगह पर रोका जा सके। वाहनों को नए बस स्टैंड के पहले ही रोका जाएगा, और जैसे ही भीड़ बढ़ेगी, वाहनों को कोठी पार्किंग में भी रोक दिया जाएगा। मंदिर पहुंचने के लिए श्रद्धालुओं को करीब चार किलोमीटर पैदल चलना होगा। इस व्यवस्था से भीड़ नियंत्रित रखने और पार्किंग की समस्या को हल करने की कोशिश की गई है।

श्रद्धालुओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए, नर्मदा के घाटों से लेकर नगर के विभिन्न पॉइंट्स पर पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है। इसके अलावा, होम गार्ड और गोताखोरों की टीमें भी नर्मदा के घाटों पर निगरानी रख रही हैं, ताकि किसी भी प्रकार के हादसे से बचा जा सके। नर्मदा में नाव संचालन पर आगामी आदेश तक रोक लगा दी गई है, यह सुरक्षा के लिहाज से आवश्यक कदम उठाया गया है ताकि श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।

भीड़ को नियंत्रित करने के लिए विशेष पर्वों की तरह जरूरी व्यवस्थाएं की गई हैं। इनमें वीआईपी दर्शन पर प्रतिबंध और नाव संचालन पर रोक शामिल है। इसके अलावा, वाहनों की पार्किंग नगर से बाहर करवाई जाएगी, ताकि श्रद्धालुओं और वाहनों की भारी भीड़ से निपटा जा सके और सुरक्षा व्यवस्था को सुनिश्चित किया जा सके।