धनतेरस पर ‘मोहन’ ने अन्नदाताओं के साथ की भगवान धन्वंतरि की पूजा-अर्चना

धनतेरस के पावन पर्व पर आज मुख्यमंत्री आवास का अदभूत नजारा था। जहां पर प्रदेश के मुखिया डॉं मोहन यादव, सीएम के तामझाम से दूर अन्नदाताओं के पास बैठे थे। मानों वह अन्नदाताओं की हर पीड़ा को दूर कर देना चाहते हो। यदि किसी की पीड़ा जानना हो तो उसके करीब जाना होता है। कुछ ऐसा ही विचार शायद सीएम मोहन के मन में भी बसा होगा। जिसके चलते आज सीएम निवास का दृश्य कुछ अलग ही था।

प्रदेश के मुखिया मोहन अन्नदाताओं के चेहरे पर खुशियां बिखेरने की उम्मीद के साथ अन्नदाताओं बीच थे। मानों परिवार के साथ भगवान धन्वंतरि को मनाना चाहते हो। यहां सीएम मोहन ने किसानों के साथ पूजा-अर्चना के बाद वर्चुअल माध्यम से नीमच के हितग्राहियों का गृहप्रवेश कराया इसके बाद पूरे परिसर में “जय किसान” की गूंज सुनाई दी।

सुखे खेत को पानी मिल जाए तो बन जाता है सोना
आज का दिन सिर्फ धनतेरस का नहीं था, बल्कि किसानों की उम्मीदों के चमकने का भी दिन था। सबसे भावनात्मक पल तब आया जब किसानों के बीच ही मोहन यादव ने साफ कहा कि “सूखे खेत को पानी मिल जाए तो फसल सोना बन जाती है। इसलिए हम धनतेरस पर यह संकल्प लेते है कि  हम हर खेत तक पानी पहुँचाएंगे  इसके साथ ही कहा कि “जिसे घर की छत मिलती है, उसे जीवन की सबसे बड़ी सुरक्षा मिलती है।”आज का दिन, उनके लिए था जिन्होंने सपनों में अपना घर देखा और सीएम मोहन के हाथों से पाया।

सोलर पंप पर मिलेगी 90 प्रतिशत सब्सिडी
सीएम ने कहा कि अब सोलर पंप लगाने पर किसानों को केवल 10 प्रतिशत राशि देनी होगी, जबकि 90 प्रतिशत सब्सिडी सरकार देगी। पहले सरकार 60 प्रतिशत ही देती थी, लेकिन अब मुख्यमंत्री ने कहा कि“हम किसान को आत्मनिर्भर बनाना चाहते हैं, ताकि वो अपनी बिजली खुद बनाए और अपनी मेहनत का फल खुद पाए।”

अन्नदाताओं की भावना का सम्मान
डॉ. मोहन यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में किसानों के खातों में सीधे राशि पहुंचाई जा रही है। “सोयाबीन तो अब कटी है, लेकिन नुकसान का पैसा पहले ही किसानों के खाते में पहुंच चुका है।”मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सिर्फ सरकार की नीति नहीं, किसानों की भावना का सम्मान है।

कांग्रेस ने नहीं सौंपी किसान के बेटे को कमान
“1956 में मध्यप्रदेश बना, लेकिन कांग्रेस ने कभी किसी किसान के बेटे को मुख्यमंत्री नहीं बनने दिया। हमारी पार्टी किसान परिवार से निकली पार्टी है, किसान की पीड़ा को समझने वाली पार्टी है।”हम हमेशा किसानों का सम्मान करते है।

नदियों का मायका है मध्यप्रदेश
सीएम मोहन यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश को नदियों का मायका माना जाता है। जहां नदियों का पानी भरपूर है लेकिन कांग्रेस सरकारों ने कभी उस पानी का उपयोग किसानों तक नहीं पहुँचने दिया। उन्होंने कहा — अब नदी जोड़ो अभियान के माध्यम से हर खेत तक पानी पहुंचाया जाएगा, ताकि प्रदेश का हर खेत लहलहा उठे, और किसान के चेहरे पर मुस्कान लौट आए। इस समय 52 लाख हेक्टेयर में सिंचाई हो रही है, लेकिन आने वाले समय में यह क्षमता 100 लाख हेक्टेयर तक बढ़ाई जाएगी।

नदियों का बूंद-बूंद पहुंचेगा खेतों तक
सीएम मोहन ने कहा कि “नदी की एक-एक बूंद खेत तक पहुंचे, यही हमारी सरकार का संकल्प है।”मुख्यमंत्री ने गर्व से कहा कि कृषि उत्पादन में मध्यप्रदेश देश में नंबर एक है। संतरा, मसाला, लहसुन, अदरक, और धनिया में प्रदेश शीर्ष पर है। मटर, प्याज और अमरूद में दूसरे नंबर पर, और फूल व औषधीय पौधों में तीसरे नंबर पर है। यह वही धरती है जहाँ मेहनत भी फलती है और आशीर्वाद भी।

उपज का सही मूल्य दिलाने का प्रयास
किसानों की फूड फसलों की खरीद के लिए फूड प्रोसेसर प्लांट लगाए जाएंगे, ताकि किसान को उनकी उपज का सही मूल्य मिल सके। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने धनतेरस पर भगवान धन्वंतरि की पूजा-अर्चना की और किसानों के साथ विशेष किसान सम्मेलन में शामिल हुए। कार्यक्रम में भाजपा प्रदेशाध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल, कृषि मंत्री, राज्यमंत्री कृष्णा गौर, सांसद दर्शन सिंह चौधरी और राज्यसभा सांसद माया नारोलिया मौजूद रहे। किसानों को भावांतर योजना, सोलर पंप सब्सिडी और फूड प्रोसेसिंग प्लांट से जुड़ी घोषणाएं भी कीं।