उच्च न्यायालय के अधीनस्थ न्यायालय में सूचीबद्ध विचाराधीन प्रकरणों का समय सीमा में निराकरण के लिए दिए गए निर्देशों को समाप्त किए जाने की है अधिवक्ताओं की मांग
शिवनारायण कुरोलिया/अशोकनगर।उच्च न्यायालय के अधीनस्थ न्यायालय में सूचीबद्ध विचाराधीन प्रकरणों का समय सीमा में निराकरण के लिए दिए गए निर्देशों को समाप्त किए जाने की मांग को लेकर शुक्रवार को मध्य प्रदेश बार एसोसिएशन के आव्हान पर जिले के सभी वकील एक दिवसीय हड़ताल पर रहेंगे।अभिभाषक संघ के जिला अध्यक्ष महेंद्र यादव ने बताया कि इस दौरान मुख्य न्यायाधीश जबलपुर के नाम जिला एवं सत्र न्यायाधीश को ज्ञापन दिया जाएगा।
उन्होंने बताया कि उच्च न्यायालय के निर्देशों के फल स्वरुप प्रकरण शीघ्रता से निराकृत किए जा रहे हैं, जिससे आम लोगों को न्याय प्राप्त नहीं होगा, बल्कि केवल प्रकरणों का निराकरण होगा। उक्त निर्देश आम पक्षकार एवं अधिवक्ताओं पर विपरीत प्रभाव डालने वाले हैं, शीघ्र सुनवाई से अधिवक्ताओं एवं न्यायाधीश पर मानसिक व शारीरिक दबाव रहेगा। इस कारण नए महत्वपूर्ण मामलों की सुनवाई पर बल नहीं दिया जायेगा। जिससे नए प्रकरण पिछड़ते जाएंगे। न्याय का उद्देश्य विफल हो जाएगा।
उच्च न्यायालय की उक्त पॉलिसी के कारण अधिवक्ताओं व पक्षकारों में असंतोष बन रहा है। उन्होंने बताया कि पुराने सूचीबद्ध प्रकरणों को समयावधि में निराकृत किए जाने संबंधी निर्देश को समाप्त किया जाए। जिससे पक्षकारों को उनके प्रकरणों में सार भूत न्याय प्राप्त हो सके। एवं सभी अधिवक्ता जन न्यायिक प्रक्रिया में सहभागी बन अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर सकें। अतः उपरोक्त पॉलिसी के संबंध में उचित निर्णय लिया जाना चाहिए।
इसके अलावा मध्य प्रदेश प्रोटेक्शन एक्ट लागू करने सहित प्रदेश के वकीलों पर हो रहे हमलों के विरोध में सभी वकील एक दिवसीय हड़ताल पर रहेंगे। उन्होंने बताया कि हड़ताल के संबंध में जिले के सभी न्यायालयों में सूचना भेज दी गई है। जिले के करीब 18 न्यायालयों में करीब पंद्रह सौ संभावित प्रकरणों की तारीखें लगीं हैं,इससे पक्षकारों एवं वकीलों को आर्थिक नुकसान के साथ राजस्व का भी नुकसान होगा।