शनि प्रदोष पर महाकाल मंदिर में धनतेरस की भव्य पूजा, कुबेर देव की नाभि में लगाया इत्र

Ujjain News : उज्जैन के श्री महाकालेश्वर मंदिर में शनिवार को शनि प्रदोष और धनतेरस के शुभ संयोग पर भव्य महापूजन हुआ। इस अवसर पर भगवान महाकाल, कुबेर देव और चांदी के सिक्कों का पूजन-अभिषेक किया गया।

मंदिर के पुरोहित परिवार ने विश्व शांति, जनकल्याण, सुख-समृद्धि और आरोग्यता की कामना करते हुए महालक्ष्मी और गणपति पूजन, पंचामृत स्नान तथा रुद्राभिषेक संपन्न कराया।

सुबह से ही मंदिर परिसर में भक्तों की भीड़ उमड़ी रही। नंदी हॉल में सुबह 10 बजे से पूजा आरंभ हुई, जिसमें संभाग आयुक्त आशीष सिंह, कलेक्टर रौशन कुमार सिंह और एसपी प्रदीप कुमार सहित कई अधिकारी शामिल हुए। पूजन के बाद गर्भगृह की देहरी पर दीपक अर्पित कर भगवान महाकाल का आशीर्वाद लिया गया। धनतेरस के प्रतीक चांदी के सिक्के भगवान को अर्पित किए गए।

महाकाल मंदिर प्रशासन के अनुसार, 20 अक्टूबर को दिवाली और अन्नकूट पर्व का आयोजन होगा। इस दिन पुजारी परिवार की महिलाएं भगवान महाकाल को उबटन लगाएंगी और गर्भगृह में 56 भोग का अन्नकूट लगाया जाएगा। शाम को कोटितीर्थ कुंड पर हजारों दीप प्रज्ज्वलित कर महाआरती होगी। वहीं, 22 अक्टूबर को गोवर्धन पूजा का पर्व मनाया जाएगा।

इधर, श्री सांदीपनि आश्रम परिसर के कुंडेश्वर महादेव मंदिर में भी विशेष आयोजन हुआ। यहां 84 महादेवों में से एक कुंडेश्वर महादेव के गर्भगृह में स्थापित प्राचीन कुबेर देव की प्रतिमा का आभूषणों से श्रृंगार कर पूजन किया गया। साल में केवल एक बार धन त्रयोदशी पर इस प्रतिमा की पूजा होती है।

पौराणिक मान्यता है कि इस दिन कुबेर की नाभि में इत्र लगाने से धन और समृद्धि की प्राप्ति होती है। श्रद्धालुओं ने कुबेर देव की नाभि में इत्र चढ़ाकर मिष्ठान और अनार का भोग अर्पित किया। मंदिर के शिखर पर स्थापित श्री यंत्र श्रद्धालुओं के आकर्षण का केंद्र रहा।