गणपति विसर्जन की अंतिम रात में महाराणा प्रताप चौक पर भक्ति संध्या में इंदौरवासियों ने लिया आध्यात्मिक आनंद

गणपति विसर्जन की अंतिम रात, जब आसमान से लगातार तेज बारिश बरस रही थी, उसी समय महाराणा प्रताप चौक पर भक्ति की ऐसी वर्षा हो रही थी, जिसमें हर श्रद्धालु भीगकर धन्य हो रहा था। महापौर पुष्यमित्र भार्गव के आयोजन में सजी इस भजन संध्या ने इंदौरवासियों को एक अद्भुत आध्यात्मिक अनुभव दिया।

मंच पर जब हनुमान भक्त रसराज महाराज ने अपने मधुर स्वरों में सुंदरकांड का संगीतमय पाठ प्रारंभ किया, तो पूरा वातावरण ‘जय श्रीराम’ और ‘हनुमानजी’ के जयकारों से गूंज उठा। संगीत की लहरों में डूबकर हजारों श्रद्धालु देर रात तक मंत्रमुग्ध होकर बैठे रहे। बारिश की बूंदें मानो तालियों की तरह साथ दे रही थीं, और भक्तों का उत्साह इस भक्ति रस में और गहरा होता चला गया।

गजानन भगवान के दगडूशेठ स्वरूप के दर्शन के लिए भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी। हर कोई यही कह रहा था कि इस भजन संध्या ने गणेशोत्सव की विदाई को और अधिक अविस्मरणीय बना दिया।

महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कहा—
“यह आयोजन केवल भजन संध्या नहीं, बल्कि इंदौर की आस्था और एकता का प्रतीक है। जब लोग भक्ति में डूबते हैं, तो समाज और भी पवित्र बन जाता है।”

विसर्जन की रात, भक्ति और संगीत का यह संगम, इंदौरवासियों के हृदय में लंबे समय तक गूंजता रहेगा।