स्वतंत्र समय, इंदौर
इंदौर हाईकोर्ट ने कहा है कि ज्ञानवापी के बाद अब मध्य प्रदेश के धार जिले में स्थित भोजशाला का एएसआई ( ASI ) सर्वे होगा। इस मामले में सामाजिक संगठन ‘हिंदू फ्रंट फॉर जस्टिस’ ने याचिका दाखिल की थी। हाई कोर्ट ने इसके लिए एएसआई को 5 सदस्यीय कमेटी गठन करने के आदेश दिए हैं। हिंदू फ्रंट फॉर जस्टिस ने धार में स्थित करीब 1,000 साल पुराने भोजशाला परिसर की वैज्ञानिक जांच अथवा सर्वेक्षण , खुदाई या ग्राउंड पेनेट्रेटिंग रडार (जीपीआर) सर्वेक्षण समयबद्ध तरीके से करने की मांग की थी। भोजशाला में सरस्वती मंदिर होने के अपने दावे के समर्थन में हिंदू पक्ष ने हाईकोर्ट के सामने इस परिसर की रंगीन तस्वीरें भी पेश की हैं। भोजशाला केंद्र सरकार के अधीन एएसआई का संरक्षित स्मारक है। एएसआई के सात अप्रैल 2003 के आदेश के अनुसार चली आ रही व्यवस्था के मुताबिक हिंदुओं को प्रत्येक मंगलवार भोजशाला में पूजा करने की अनुमति है, जबकि मुस्लिमों को हर शुक्रवार इस जगह नमाज अदा करने की इजाजत दी गई है। मुस्लिम समुदाय भोजशाला परिसर को कमाल मौला की मस्जिद बताता है।
ASI सर्वे के आदेश पर हिंदू संगठनों ने मनाई खुशी
मंगलवार और शुक्रवार के अलावा बाकी अन्य दिनों में सूर्योदय से सूर्यास्त तक पर्यटकों के लिए भोजशाला सशुल्क खुली रहती है। इंदौर हाईकोर्ट के एएसआई (ASI ) आदेश के बाद हिंदू संगठनों में खुशी की लहर है। संगठन के कार्यकर्ताओं ने भोजशाला के सामने आतिशबाजी कर खुशी मनाई। लोगों ने भोजशाला के अंदर लगाए राजाभोज के जयकारे, एक-दूसरे को खिलाई मिठाई। वहीं, भोपाल में संस्कृति बचाओ मंच ने भी धार की भोजशाला पर कोर्ट के निर्णय का स्वागत किया। संस्कृति बचाओ मंच के अध्यक्ष चंद्रशेखर तिवारी ने कोर्ट के निर्णय का स्वागत किया है।