स्वतंत्र समय, भोपाल
मप्र विधानसभा सत्र के दूसरे दिन बजट सत्र के दूसरे दिन गुरुवार को हरदा विस्फोट कांड को लेकर जोरदार गूंज सुनाई दी। सत्ता पक्ष ने हरदा कांड को लेकर की गई सरकार की कार्यवाही पर पीठ थपथपाई। वहीं विपक्ष ने हरदा कांड पर अफसरों को बचाने का आरोप लगाया। कांग्रेस के लाए स्थगन प्रस्ताव पर सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच तीखी नोंकझोंक हुई। इसी दौरान हरदा से आरके दोगने ने कहा कि मैं वहां का विधायक हूं और मेरा संरक्षण अगर हो तो मुझे फांसी की सजा दे दो, नहीं तो मेरे पहले जो विधायक या मंत्री रहा है, उसको भी फांसी की सजा दी जाना चाहिए। कलेक्टर और एसपी पर भी एफआइआर होना चाहिए। कलेक्टर ने लाइसेंस निरस्त कर दिया और कमिश्नर ने एक महीने का स्टे दे दिया। इसके बाद भी फैक्ट्री दो साल तक फिर चल गई और किसी को पता तक नहीं लगा। हरदा कांड को लेकर नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने आरोप लगाकर कहा कि औपचारिकता करके ट्रांसफर करके अफसरों को सरकार बचा रही है। वहीं सदन के नेता डॉ. मोहन यादव ने अपने भाषण में साफ कहा कि इस मामले में कोई कितना भी बड़ा अधिकारी होगा अगर दोषी पाया जाएगा तो वह बचेगा नहीं।
तोमर का नवाचार: विस समाप्त होने पर भी मिलेगा लंबित प्रश्नों का उत्तर
मप्र विस अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर ने लोकहित में महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए प्रश्न एवं अल्प सूचना प्रश्न की कंडिका में बदलाव किया है। अब विधानसभा के विघटन के बाद भी लंबित प्रश्नों के जवाब सरकार द्वारा संबंधित सदस्य को प्रदान किए जाएंगे। इस महत्वपूर्ण निर्णय से पहले जहां विधानसभा का कार्यकाल समाप्त होने पर पूर्व के सत्रों के लंबित प्रश्नों के अपूर्ण उत्तर नहीं दिए जाते थे, और इससे लोकहित के कई विषयों पर कार्यवाही नही हो पाती थी, किंतु अब नए संशोधन से लंबित प्रश्नों के उत्तर विधानसभा कार्यकाल समाप्त होने के बाद भी दिया जाएगा।
हरदा ब्लास्ट मामले में हंगामा, अनुपूरक बजट पेश
विधानसभा में हरदा मामले में जमकर हंगामा हुआ। कांग्रेस ने पटाखा फैक्ट्री में ब्लास्ट मामले की न्यायिक जांच की मांग की। जिसे नहीं मानने पर गुस्साए विपक्षी सदस्यों ने सदन से वॉकआउट कर दिया। हंगामे के कारण स्पीकर ने सदन की कार्यवाही कुछ देर के लिए स्थगित कर दी। सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू होने पर उपमुख्यमंत्री और वित्त एवं वाणिज्यिक कर मंत्री जगदीश देवड़ा ने द्वितीय अनुपूरक बजट पेश किया। विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर ने इस पर चर्चा के लिए 9 फरवरी को 2 घंटे का समय तय किया है। इसके पहले अध्यक्ष की सहमति से मंत्री गौतम टेटवाल ने मध्यप्रदेश माल और सेवा कर संशोधन अध्यादेश 2024 को पटल पर रखा। इसके बाद उपमुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा ने भारत के नियंत्रक महा लेखा परीक्षक के अलग-अलग प्रतिवेदनों को सदन के पटल पर रखा। फिलहाल सदन में राज्यपाल के अभिभाषण पर कृतज्ञता प्रस्ताव पर चर्चा हो रही है।
सुतली बम पहन कर विधानसभा पहुंचे विधायक
हरदा बम ब्लास्ट की ओर ध्यान केंद्रित कराने के उद्देश्य से हरदा के कांग्रेस विधायक सुतली बम की माला पहनकर विधानसभा पहुंचे हैं। बता दें हरदा से कांग्रेस विधायक आरके दोगने का सोशल मीडिया पर एक वीडियो जमकर वायरल हो रहा है। विधानसभा में भी हरदा हादसे को लेकर मामला गूंज उठा। इस वीडियो में कांग्रेस विधायक हरदा वासियों से अपील करते दिख रहे हैं कि जिस के पास भी बोलेरो, मारुति वैन हो या अन्य चार पहिया वाहन वे तुरंत हरदा के जिला अस्पताल पहुंचे और घायलों को हमीदिया अस्पताल ले जाने में मदद करें। हरदा के कांग्रेस विधायक वायरल वीडियो में रोते हुए हरदा वासियों से यह मार्मिक अपील करते देखे जा रहे हैं तो अब हरदा विधायक विधानसभा सत्र में सुतली बम की पहनकर पहुंचे हैं।
ऐसे मामले में विपक्ष साथ दे: सीएम
स्थगन प्रस्ताव का जवाब देते हुए सीएम मोहन यादव ने कहा कि मंत्रालय में कैबिनेट की बैठक चल रही थी। तभी सूचना मिली कि हरदा में पटाखा फैक्ट्री में विस्फोट हुआ है। उसका वीडियो देखकर ऐसा लगा मानो परमाणु बम फूट गया हो। तत्काल मंत्री उदय प्रताप सिंह, दो वरिष्ठ अधिकारियों को मौके पर भेजा। राहत के काम में पूरी टीम लगाई। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को सूचना दी, क्योंकि तब तक कुछ पता नहीं था कि आतंकी वारदात है या क्या हुआ। इस मामले में कितना ही बड़ा अधिकारी क्यों न हो, दोषी है तो बचेगा नहीं। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने गुरुवार को विस में कांग्रेस द्वारा लाए स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा के जवाब में कहा कि उन्होंने ऐसी घटनाएं न हों, इसके लिए पक्ष-विपक्ष की समिति बनाने की बात भी रखी पर विपक्ष ने न्यायिक जांच की घोषणा न किए जाने पर लीपापोती का आरोप लगाया।
लाखों रुपए आ रहे तो अधिकारी क्यों करेंगे निरीक्षण: उमंग
नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने आरोप लगाया कि जब अधिकारियों के पास 5-10 लाख रुपये आ रहे थे तो फिर वे निरीक्षण करने के लिए क्यों जाएंगे। जब नियम छह माह या एक वर्ष में निरीक्षण का है तो फिर क्यों नहीं किया गया। खानापूर्ति के लिए अधिकारी हटाए जाते हैं। धार, झाबुआ, बैतूल सहित अन्य जगहों से लोग अपनों की तलाश में वहां भागे-भागे जा रहे हैं। अभी तक सूचना केंद्र तक नहीं बनाया गया। सारे सबूत वहां से हटा दिए। जांच के नाम पर मजाक चल रहा है। अधिकारियों को हटाना लीपापोती करने जैसा है। न्यायिक जांच की घोषणा करें और जिन्होंने हादसे में अपने हाथ या पांव गंवा दिए हैं, उन्हें जितना मुआवजा दे सकते हैं, उतना दें। राम निवास रावत ने कहा कि सरकारें आती-जाती रहती हैं, लेकिन ऐसे कामों के लिए हम कभी संरक्षण न दें। चाहे कोई राजनैतिक व्यक्ति हो जिसने संरक्षण दिया हो, वह चाहे उस पक्ष का हो या इसका, ऐसे लोगों के खिलाफ आवश्यक कार्यवाही होना चाहिए।
कांग्रेस विधायक बोले- हमारे साथ हो रहा पक्षपात
कांग्रेस विधायक दल ने राज्यपाल से मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की शिकायत की है। कांग्रेस का आरोप है कि सीएम कांग्रेस के सांसदों और विधायकों के साथ पक्षपात पूर्ण व्यवहार कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने विकास कार्यों के लिए केवल भाजपा सांसदों से 50 करोड़ रुपए और विधायकों से 15 करोड़ रुपए तक के प्रस्ताव मांगे है। जबकि कांग्रेस के सांसदों और विधायकों की उपेक्षा करक उनके साथ पक्षपात किया जा रहा है। कांग्रेस ने सीएम पर पद की शपथ का उल्लंघन करने का आरोप लगाते हुए राज्यपाल से कार्रवाई की मांग की है।
सारंग ने अपराधियों को जी बोला, वापस लेने पड़े शब्द
सहकारिता मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि राजेश अग्रवाल जी, सोमेश अग्रवाल जी, रफीक, अरविंद आदि के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की गई है। इस पर कांग्रेस के सदस्यों ने आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि अपराधियों को जी लगाया जा रहा है। वे सम्मान के लायक नहीं हैं। सारंग ने तत्काल बात संभाली और कहा कि मैं अपने शब्द वापस ले रहा हूं। हेमंत कटारे ने भी यही बोला है।