Rohit Sharma: 16 जून 2019 का दिन भारतीय क्रिकेट प्रशंसकों के लिए एक यादगार दिन है, जब रोहित शर्मा की शानदार 140 रनों की पारी ने आईसीसी विश्व कप 2019 में पाकिस्तान के खिलाफ भारत को शानदार जीत दिलाई। मैनचेस्टर के ओल्ड ट्रैफर्ड में खेले गए इस मुकाबले में भारत ने अपने चिर-प्रतिद्वंद्वी को 89 रनों (DLS मेथड) से हराकर विश्व कप में पाकिस्तान के खिलाफ अपनी सातवीं लगातार जीत दर्ज की। उस समय विराट कोहली की कप्तानी में भारतीय टीम ने एक बार फिर अपनी बादशाहत साबित की थी।
Rohit Sharma ने बनाए थे 140 रन
मैनचेस्टर में उस दिन आसमान बादलों से घिरा था, और पाकिस्तान ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी का फैसला किया। लेकिन यह निर्णय उनके लिए भारी पड़ गया, क्योंकि रोहित शर्मा ने उनकी तेज गेंदबाजी की धज्जियां उड़ा दीं। इस स्टाइलिश दाएं हाथ के बल्लेबाज ने 113 गेंदों में 140 रन ठोके, जिसमें 14 चौके और 3 छक्के शामिल थे। उनकी इस पारी का स्ट्राइक रेट 123.89 रहा। रोहित ने सलामी बल्लेबाज केएल राहुल (78 गेंदों में 57 रन) के साथ पहले विकेट के लिए 136 रनों की शानदार साझेदारी की, जिसने भारत के मध्यक्रम के लिए मजबूत आधार तैयार किया।
नंबर 3 पर उतरे कप्तान विराट कोहली ने 65 गेंदों में 77 रनों की धमाकेदार पारी खेली और रोहित के साथ दूसरी साझेदारी में 98 रन जोड़े। हार्दिक पांड्या (26 रन) के जल्दी आउट होने से भारत की पारी में थोड़ा ठहराव आया, लेकिन फिर भी भारत ने 50 ओवर में 5 विकेट पर 336 रनों का विशाल स्कोर खड़ा किया। पाकिस्तान की ओर से केवल मोहम्मद आमिर (3/47) ही कुछ प्रभाव छोड़ पाए, जबकि बाकी गेंदबाज निराशाजनक रहे।
लक्ष्य का पीछा करने उतरी पाकिस्तानी टीम शुरू से ही दबाव में दिखी। बारिश की आशंका के बीच उन्हें DLS मेथड के तहत तेजी से रन बनाने की जरूरत थी, लेकिन नियमित अंतराल पर विकेट गिरने से उनकी उम्मीदें धराशायी हो गईं। सलामी बल्लेबाज फखर जमान (62 रन) और नंबर 3 पर बल्लेबाजी करने वाले बाबर आजम (48 रन) ने कुछ प्रतिरोध दिखाया, लेकिन दोनों के आउट होने के बाद पाकिस्तान की पारी बिखर गई। अंत में इमाद वसीम की 46 रनों की पारी भी बेकार गई, और पाकिस्तान 89 रनों से लक्ष्य से चूक गया।
भारत की गेंदबाजी में कई सकारात्मक पहलू देखने को मिले। विश्व कप में डेब्यू करने वाले ऑलराउंडर विजय शंकर ने 22 रन देकर 2 विकेट लिए, जबकि कलाई के स्पिनर कुलदीप यादव (2/32) और स्टार ऑलराउंडर हार्दिक पांड्या (2/44) ने भी दो-दो विकेट झटके। इस जीत ने 2011 की विश्व चैंपियन भारतीय टीम को टूर्नामेंट के सेमीफाइनल की ओर एक बड़ा कदम बढ़ाने में मदद की, जो उनकी चार मैचों में तीसरी जीत थी।