एक building, तीन महापौर, फिर भी अधूरी

स्वतंत्र समय, इंदौर

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव द्वारा इंदौर नगर निगम को नई बिल्डिंग ( building ) का काम पूरा करने के लिए 50 करोड़ रुपए देने की घोषणा तो की गई, लेकिन यह पैसा अब तक नहीं मिला है। परिणाम स्वरूप निगम की नई बिल्डिंग का काम अधूरी हालत में ही बंद हो गया है। इस मामले में महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने मुख्यमंत्री को राशि देने के लिए पत्र लिखा है, ताकि बिल्डिंग का निर्माण कार्य जल्द से जल्द पूरा हो सके। पूर्व महापौर कृष्ण मुरारी मोघे, पूर्व महापौर मालिनी गौड़ के लगातार प्रयास के बाद भी बिल्डिंग पूरी नहीं बन सकी। अब वर्तमान महापौर पुष्यमित्र भार्गव बिल्डिंग को पूरा करवाने में जुटे हैं।

नगर निगम की नई building का निर्माण मोघे के कार्यकाल में हुआ था शुरू

नगर निगम की इस नई बिल्डिंग ( building ) का निर्माण पूर्व महापौर मोघे के कार्यकाल में शुरू हुआ था। नगर निगम ने उसी समय इस बिल्डिंग के निर्माण में आने वाली लागत की पूरी राशि अलग एफडी के रूप में जमा करा दिया था। निगम की ओर से यह दावा किया गया था कि अब इस बिल्डिंग का काम कभी नहीं रुकेगा और पूरा काम हो जाएगा। तत्कालीन महापौर मोघे ने कहा था कि 2 साल के भीतर निगम परिषद की बिल्डिंग तैयार हो जाएगी, लेकिन निगम के पास पर्याप्त बजट नहीं होने के कारण बिल्डिंग का निर्माण अधूरा ही रह गया।

कभी काम होता, कभी रुकता, अब भी अधूरा

कृष्ण मुरारी मोघे का कार्यकाल पूरा होने के बाद निगम की कमान पूर्व महापौर मालिनी गौड़ ने संभाली। उन्होंने भी अपने कार्यकाल के दौरान बिल्डिंग को पूरा काम करवाने का प्रयास किया। उनका कार्यकाल गुजर गया, पर बिल्डिंग नहीं बन पाई। पूर्व महापौर मालिनी गौड़ के कार्यकाल में इस बिल्डिंग का काम कभी रुकता तो कभी चलता नजर आ रहा था। इस बिल्डिंग को देखकर तो ऐसा लग रहा था कि मानो अभिशप्त हो गई हो। इस बिल्डिंग का काम 10 दिन होता था तो 2 महीने बंद रहता था। अब वर्तमान महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने इस बिल्डिंग के काम को तेज गति से पूरा करने का ऐलान किया था। इसी बिल्डिंग में निगम का नया परिषद सभागार बनाया गया है।

बिल्डिंग के लिए सीएम ने 50 करोड़ देने का किया था ऐलान

जानकारी के मुताबिक परिषद के इस सभागार का उद्घाटन करने जब मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव आए तो उन्होंने इस बिल्डिंग के काम को पूरा करने के लिए राज्य सरकार की ओर से 50 करोड़ रुपए देने का ऐलान किया था। सीएम की घोषणा के बाद उम्मीद जागी थी कि यह राशि आ जाएगी तो उसे इस बिल्डिंग का काम पूरा हो जाएगा। सरकार की ओर से घोषित की गई यह राशि अब तक इंदौर नगर निगम को नहीं मिल सकी है। इसी का यह परिणाम है कि इस बिल्डिंग का काम अधूरा का अधूरा ही है। अभी भी यह काम बंद है। इस बिल्डिंग पर लोहे के जंगलें लगे हुए हैं। ठेकेदार को भुगतान मिलेगा तो वह आगे का काम करेगा। ठेकेदार का कहना है कि निगम पर वैसे भी बकाया राशि बहुत ज्यादा है जब तक पैसा नहीं मिलेगा तब तक काम नहीं किया जा सकता है।