स्वतंत्र समय, भोपाल
कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुए विधायक रामनिवास रावत ( Ramniwas Rawat ) को सोमवार सुबह राजभवन में मंत्री पद की शपथ दिलाई जानी थी, लेकिन इसमें गफलत हो गई। रावत ने 9.03 बजे राज्यमंत्री के रूप में शपथ ली और जब यह पकड़ में आई तो फिर कैबिनेट मंत्री के रूप में राज्यपाल ने रावत को पुन: शपथ दिलाई। यानी 15 मिनट के अंदर रावत ने दो बार शपथ ली।
68 दिन पहले Ramniwas Rawat ने भाजपा जॉइन की थी
मप्र के इतिहास में संभवत: ऐसा पहली बार हुआ जब किसी विधायक को 15 मिनट के अंदर दो बार मंत्री पद की शपथ दिलाई गई। इसकी वजह भी दिलचस्प रही। सिर्फ ‘के’शब्द नहीं बोलने की वजह से विधायक रामनिवास रावत ( Ramniwas Rawat ) को ऐसा करना पड़ा। शपथ लेते समय वे कांग्रेस से विधायक थे। शपथ के बाद उन्होंने विधानसभा पहुंचकर विधायकी से इस्तीफा दे दिया। दरअसल, 68 दिन पहले भाजपा जॉइन करने वाले रामनिवास रावत को सोमवार को डॉ. मोहन यादव सरकार में शामिल किया गया। उन्हें कैबिनेट मंत्री के तौर पर शपथ दिलाई जानी थी। राजभवन को दी गई सूचना से लेकर सभी दस्तावेज में कैबिनेट मंत्री का जिक्र था। रावत शपथ लेने के दौरान बड़ी गलती कर गए। शपथ पत्र में उन्हें राज्य के मंत्री के रूप में शपथ लेने की बात लिखी गई, लेकिन उन्होंने इसे राज्यमंत्री पढ़ दिया। हालांकि, पहला कार्यक्रम रिकॉर्ड में नहीं लिया गया। चूंकि रावत ने जिन दस्तावेजों में हस्ताक्षर किए उनमें भी कैबिनेट मंत्री दर्ज था, इसलिए तकनीकी रूप से दस्तावेजों में कोई बदलाव करने की जरूरत नहीं पड़ी। न ही उन्होंने राज्यमंत्री के तौर पर चार्ज लिया, इसलिए भी कोई अड़चन नहीं आई।
राज्यमंत्री पद से इस्तीफे की जरूरत क्यों नहीं पड़ी
राजभवन के सूत्रों ने बताया कि चूंकि रामनिवास रावत राज्य के मंत्री (कैबिनेट) के रूप में शपथ लेने वाले थे। उन्होंने राज्यमंत्री के रूप में शपथ लेना पढ़ दिया था, लेकिन राज्यपाल के सामने उन्होंने हस्ताक्षर राज्य के मंत्री के रूप में ही किए, इसलिए दोबारा शपथ करानी पड़ी। ये गड़बड़ी तुरंत पकड़ में आ गई और रावत शपथ लेने के बाद राजभवन से बाहर नहीं गए थे। राज्यमंत्री के रूप में चार्ज भी नहीं लिया था, इसलिए उनके राज्यमंत्री के पद से इस्तीफे की जरूरत ही नहीं पड़ी।
विस के रिकॉर्ड में रावत अभी भी कांग्रेस विधायक
कांग्रेस से भाजपा में आए श्योपुर जिले की विजयपुर विधानसभा सीट से विधायक रामनिवास रावत सोमवार को डॉ. मोहन यादव की सरकार में कैबिनेट मंत्री बन गए। उन्हें राज्य मंत्रालय वल्लभ भवन में कमरा भी आवंटित हो गया, लेकिन विधानसभा के रिकॉर्ड में अब तक वे कांग्रेस के ही विधायक हैं। विधानसभा रिकॉर्ड में न तो उनका इस्तीफा हुआ है और न उनकी सीट ही खाली हुई है। विधानसभा के वेब पोर्टल में छह बार के विधायक रावत आज भी कांग्रेस के ही सदस्य हैं। यह वेबसाइट सोमवार 8 जुलाई की तिथि में अपडेट भी है। यानि इसमें दर्ज व प्रदर्शित जानकारी सोमवार 8 जुलाई तक की है। इस वेबसाइट के मुताबिक प्रदेश की केवल दो विधानसभा सीटें रिक्त हैं। एक अमरवाड़ा जो 29 मार्च 2024 को कांग्रेस विधायक रहे कमलेश शाह के इस्तीफे के कारण रिक्त हुई है। दूसरी सीट पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान की बुदनी है, जो 18 जून को खाली हुई है। लोकसभा चुनाव जीतने के बाद सांसद बने चौहान ने संसद की शपथ लेने के पहले ही भोपाल आकर इस्तीफा दिया था।