One Nation One Election Bill : देश में संसद का शीतकालीन सत्र चल रहा है, और इसी दौरान मोदी सरकार ने मंगलवार को लोकसभा में ‘वन नेशन वन इलेक्शन’ बिल पेश किया। यह बिल केंद्र सरकार द्वारा किए गए एक अहम कदम के रूप में देखा जा रहा है, जिसका उद्देश्य देश में लोकसभा और राज्य विधानसभा चुनावों को एक ही समय पर कराने की दिशा में एक ठोस पहल करना है। हालांकि, भाजपा ने इस बिल के समर्थन में व्हिप जारी किया था, ताकि पार्टी के सभी सांसद सदन में उपस्थित रहें, लेकिन इसके बावजूद भाजपा के 11 सांसद सदन से अनुपस्थित रहे।
एनडीए सरकार द्वारा लोकसभा में पेश किए गए “वन नेशन वन इलेक्शन” बिल के पक्ष में कुल 269 वोट पड़े, जो सरकार के लिए एक चिंता का विषय बन सकता है। कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा कि जब केंद्र साधारण बहुमत भी नहीं जुटा पा रहा है, तो फिर यह कैसे उम्मीद कर सकते हैं कि उन्हें दो तिहाई बहुमत मिलेगा। उनका यह बयान उस समय आया जब सरकार को इस बिल के समर्थन में पर्याप्त संख्या में सांसदों की मौजूदगी की आवश्यकता थी।
भाजपा के 11 सांसदों के अनुपस्थित होने पर पार्टी में नाराजगी
लोकसभा से गैरहाजिर रहने वाले भाजपा सांसदों में कई वरिष्ठ नेता शामिल हैं, जिनमें केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, ज्योतिरादित्य सिंधिया, गिरिराज सिंह, शांतनु ठाकुर, और जगदंबिका पाल प्रमुख हैं। इसके अलावा, भाजपा के अलावा एनडीए के घटक दलों में जनसेना पार्टी से सांसद वल्लभनेनी बालाशोरी भी इस दिन सदन में उपस्थित नहीं थे। इस घटनाक्रम को लेकर पार्टी के अंदर असंतोष और नाराजगी का माहौल है, और अब पार्टी हाईकमान इन सांसदों से व्हिप उल्लंघन के बारे में जवाब मांगेगा।
नोटिस जारी करेगा BJP
सूत्रों के मुताबिक, भाजपा के नेतृत्व ने इन सांसदों के अनुपस्थित रहने को लेकर गंभीर चिंता व्यक्त की है और अब पार्टी इन्हें नोटिस जारी करेगी। भाजपा के अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि पार्टी अपने सांसदों से इस बारे में स्पष्टीकरण मांगेगी और यह सुनिश्चित किया जाएगा कि भविष्य में इस तरह की घटनाएं न घटें।
गैरहाजिर रहने वाले प्रमुख भाजपा सांसद
- नितिन गडकरी (केंद्रीय मंत्री)
- ज्योतिरादित्य सिंधिया (केंद्रीय मंत्री)
- गिरिराज सिंह (केंद्रीय मंत्री)
- शांतनु ठाकुर
- जगदंबिका पाल
- बी राघवेंद्र
- विजय बघेल
- उदय राजे भोंसले
- भागीरथ चौधरी (जो राजस्थान में पीएम के कार्यक्रम में थे)
- जागरनाथ सरकार
- जयंत रॉय