One Nation One Election: पहले होंगे लोकसभा और विधानसभा के चुनाव

स्वतंत्र समय, नई दिल्ली

वन नेशन वन इलेक्शन ( One Nation One Election ) पर विचार के लिए बनाई गई पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली कमेटी ने गुरुवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को अपनी रिपोर्ट सौंप दी। 18,626 पन्नों की रिपोर्ट में पहले चरण में लोकसभा और विधानसभा के चुनाव तथा दूसरे चरण में लोकल वॉडी के चुनाव 2029 से कराने की सिफारिश की है।

One Nation One Election 47 राजनीतिक दलों ने दी राय

इस मौके पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी उपस्थित थे। रिपोर्ट में कहा गया है कि एक देश-एक चुनाव ( One Nation One Election ) पर 47 राजनीतिक दलों ने कमेटी को अपनी राय दी। इनमें से 32 ने पक्ष में और 15 ने विपक्ष में अपनी बात रखी। सभी राज्य विधानसभाओं का कार्यकाल अगले लोकसभा चुनाव यानी 2029 तक बढ़ाया जाए। हंग हाउस, नो कॉन्फिडेंस मोशन होने पर बाकी 5 साल के कार्यकाल के लिए नए सिरे से चुनाव कराए जा सकते हैं। पहले फेस में लोकसभा-विधानसभा चुनाव एकसाथ कराए जा सकते हैं, उसके बाद दूसरे फेस में 100 दिनों के भीतर लोकल बॉडी के इलेक्शन कराए जा सकते हैं। चुनाव आयोग लोकसभा, विधानसभा, स्थानीय निकाय चुनावों के लिए राज्य चुनाव अधिकारियों के परामर्श से सिंगल वोटर लिस्ट और वोटर आई कार्ड तैयार करेगा। कोविंद कमेटी ने एकसाथ चुनाव कराने के लिए उपकरणों, जनशक्ति और सुरक्षा बलों की एडवांस प्लानिंग की सिफारिश की है।

7 देशों की चुनाव प्रकिया पर किया रिसर्च…

कोविंद कमेटी ने एक देश-एक चुनाव (One Nation One Election) पर रिपोर्ट तैयार करने से पहले 7 देशों की चुनाव प्रक्रिया पर स्टडी की। इनमें दक्षिण अफ्रीका, जर्मनी, स्वीडन, बेल्जियम, जापान, इंडोनेशिया, फिलीपींस शामिल हैं। कमेटी के मुताबिक एक साथ चुनाव के लिए अन्य देशों का तुलनात्मक विश्लेषण किया गया। जिसका उद्देश्य चुनावों में निष्पक्षता और पारदर्शिता के लिए सबसे बेहतर अंतर्राष्ट्रीय प्रथाओं की स्टडी और उन्हें अपनाना था।

विरोध में राजनीतिक दल ही नहीं, हाईकोर्ट के पूर्व जज भी शामिल

कोविंद कमेटी ने जो रिपोर्ट दी है उसमें यह भी बताया है कि किस-किस ने इसका विरोध किया है। 15 राजनीतिक दलों के अलावा 3 रिटायर्ड हाईकोर्ट के जजों के अलावा और एक पूर्व राज्य चुनाव आयुक्त भी शामिल थे। इनमें दिल्ली हाईकोट के पूर्व चीफ जस्टिस अजीत प्रकाश शाह, कलकत्ता हाईकोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस गिरीश चंद्र गुप्ता और मद्रास के पूर्व चीफ जस्टिस संजीब बनर्जी का नाम शामिल है। वहीं, तमिलनाडु के चुनाव आयुक्त वी पलानीकुमार ने भी एक देश एक चुनाव का विरोध किया। इनके अलावा सुप्रीम कोर्ट के सभी चार रिटायर सीजेआई जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस शरद अरविंद बोबडे और जस्टिस यूयू ललित एक साथ चुनाव कराने के पक्ष में थे।