MP के स्कूलों में ‘एक पेड़ माँ के नाम’ अभियान का आगाज, 50 लाख पौधे लगाएंगे विद्यार्थी

मध्यप्रदेश में पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक अभिनव पहल की जा रही है। राज्य के स्कूल शिक्षा विभाग ने आगामी मानसून सीजन को ध्यान में रखते हुए ‘एक पेड़ माँ के नाम 2.0’ अभियान की शुरुआत की है। यह अभियान विद्यार्थियों की भागीदारी से न केवल प्रकृति को हरा-भरा बनाने की दिशा में कार्य करेगा, बल्कि मातृत्व को सम्मान देने का संदेश भी देगा।

अभियान की शुरुआत 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर की जाएगी। राज्यभर के विद्यालयों में ईको क्लब्स के माध्यम से पौधरोपण का कार्य प्रारंभ होगा। लक्ष्य है कि 30 सितम्बर तक छात्र-छात्राओं की मदद से प्रदेशभर में कुल 50 लाख पौधे लगाए जाएं। प्रत्येक जिले को एक लाख पौधे लगाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।

पर्यावरणीय जागरूकता को मिलेगा बल

इस अभियान का मुख्य उद्देश्य बच्चों और युवाओं को पर्यावरण संरक्षण और सतत् विकास के प्रति जागरूक करना है। विद्यार्थियों को पौधों की प्रजातियों, उनके लाभ और जैव विविधता के महत्व की जानकारी दी जाएगी। स्थानीय और क्षेत्रीय प्रजातियों को प्राथमिकता दी जाएगी ताकि पारिस्थितिकी तंत्र में संतुलन बना रहे।

संगठित ढांचा और क्रियान्वयन की कार्ययोजना

शिक्षा विभाग ने इस अभियान के सुचारु क्रियान्वयन के लिए प्रत्येक जिले में एक समिति गठित करने के निर्देश दिए हैं। कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित इस समिति में वन विभाग, शिक्षा विभाग, स्कूल प्राचार्य और समाज के प्रमुख नागरिक शामिल होंगे। जिला शिक्षा अधिकारी इस अभियान के नोडल अधिकारी होंगे जबकि जिला परियोजना समन्वयक सहायक नोडल अधिकारी के रूप में कार्य करेंगे।

पौधरोपण की रणनीति और स्थान

पौधरोपण के लिए स्कूल परिसर, स्कूलों तक जाने वाली सड़कों के किनारे, सार्वजनिक स्थानों और अमृत सरोवर के आसपास की भूमि को चिन्हित किया गया है। 4 जून तक पौधरोपण की तैयारियां पूरी करने के निर्देश दिए गए हैं। पौधों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए जिम्मेदारियां भी तय की जाएंगी।

स्मृति चिन्ह के रूप में पौधे और डिजिटल जानकारी

प्रत्येक लगाए गए पौधे के साथ एक पट्टिका लगाई जाएगी जिसमें छात्र और उसकी माता का नाम अंकित होगा। इसके अतिरिक्त, पौधों की जानकारी के डिजिटलीकरण हेतु प्रत्येक प्रजाति के लिए एक क्यूआर कोड भी विकसित किया जा सकता है, जिससे छात्र बॉटनिकल जानकारियों को सरलता से प्राप्त कर सकें।

कक्षा 9 से 12 तक के विद्यालयों में इस अभियान की निगरानी जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा की जाएगी जबकि कक्षा 6 से 8 तक की निगरानी का कार्य जिला परियोजना समन्वयक को सौंपा गया है। ग्रीष्म अवकाश के बाद, विद्यार्थियों को पौधों के महत्व पर प्रतिदिन प्रार्थना सभा में जानकारी देने के भी निर्देश दिए गए हैं।