सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर तेजी से बढ़ रही अश्लील सामग्री और अभद्र कंटेंट को नियंत्रित करने के लिए सरकार अब एक सख्त और निर्णायक कदम उठाने जा रही है। डिजिटल दुनिया में बढ़ती इस समस्या को रोकने के लिए यूजर्स के लिए बनाए गए एथिक्स कोड में बड़े बदलाव की तैयारी की जा रही है, ताकि अश्लील कंटेंट फैलाने पर सीधे कानूनी कार्रवाई की जा सके।
सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी के बाद सरकार सक्रिय
यह मामला यूट्यूबर रणवीर इलाहाबादी से जुड़े एक केस की सुनवाई के दौरान सामने आया, जहाँ सुप्रीम कोर्ट ने डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर कंटेंट से जुड़े नियमों को और कठोर बनाने का सुझाव दिया था। कोर्ट ने कहा था कि ऑनलाइन माध्यमों पर बढ़ती अश्लीलता को रोकने के लिए ऐसे नियमों की जरूरत है जो सभी डिजिटल उपयोगकर्ताओं पर लागू हों। इसी सुझाव को आधार बनाकर सरकार अब नए और सख्त प्रावधान तैयार कर रही है।
अब सोशल मीडिया यूजर्स भी आएंगे कानून के दायरे में
अभी तक IT एक्ट की धारा 67 मुख्य रूप से टीवी और डिजिटल स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म्स पर लागू होती थी, लेकिन जल्द ही इसका दायरा विस्तार किया जाएगा। नए नियम लागू होने के बाद सोशल मीडिया पर भी वही कानूनी प्रावधान लागू होंगे। यानी, यदि कोई यूजर अश्लील कंटेंट पोस्ट करता है, किसी को अभद्र तरीके से प्रदर्शित करता है या जानबूझकर ऐसी सामग्री बढ़ावा देता है, तो उस पर सीधे कार्रवाई की जा सकेगी। डिजिटल मीडिया कोड ऑफ एथिक्स में भी कई बदलाव शामिल किए जाएंगे।
कड़े नियमों से सोशल मीडिया यूजर्स को मिलेगी कड़ी चेतावनी
सरकार के अनुसार, नए नियम लागू होने से यूजर्स पोस्ट शेयर करने से पहले कई बार सोचने के लिए मजबूर होंगे। इससे गलत, अभद्र और अश्लील कंटेंट की बाढ़ रोकने में काफी मदद मिलेगी। कोई भी व्यक्ति यदि किसी महिला या किसी भी अन्य व्यक्ति को गलत तरीके से प्रदर्शित करता है या अश्लील सामग्री परोसता है, तो इसे गंभीर अपराध माना जाएगा।
IT एक्ट की धारा 67 के तहत सख्त दंड
सरकार का इरादा है कि IT एक्ट की धारा 67 के तहत ऐसे लोगों पर सीधे और त्वरित कार्रवाई की जाए। नए नियम बनाकर सोशल मीडिया पर कंटेंट पोस्ट करने वालों की जवाबदेही तय की जाएगी, ताकि डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर सुरक्षित और जिम्मेदार वातावरण बनाया जा सके।