Operation Sindoor: भारत-पाकिस्तान सीमा पर बढ़ते तनाव को देखते हुए राजस्थान के बाड़मेर जिले में प्रशासन ने सुरक्षा के मद्देनज़र बड़ा कदम उठाया है। गुरुवार को बाड़मेर में रात 9 बजे से सुबह 4 बजे तक अनिवार्य ब्लैकआउट लागू किया गया है, ताकि किसी संभावित हवाई हमले से बचाव किया जा सके। यह निर्णय पूरी तरह एहतियात के तौर पर लिया गया है, जिससे नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
जिला कलेक्टर टीना डाबी ने बढ़ते सुरक्षा खतरे के मद्देनज़र बाड़मेर के निवासियों के लिए सख्त निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने सभी घरेलू और बाहरी लाइटों के साथ-साथ स्ट्रीट लाइट्स को बंद रखने और रोशनी वाले होर्डिंग व बैनर हटाने के आदेश दिए हैं। ब्लैकआउट को प्रभावी बनाने के लिए लोगों से इनवर्टर तक बंद रखने की अपील की गई है, ताकि पूरे क्षेत्र में पूर्ण अंधकार बना रहे।
साथ ही, सीमावर्ती गांवों के निवासियों से बीएसएफ और पुलिस के साथ पूरा सहयोग करने को कहा गया है। प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि घबराने की आवश्यकता नहीं है, लेकिन सभी को आधिकारिक निर्देशों का सख्ती से पालन करना चाहिए। जिले में प्रशासनिक सतर्कता बनाए रखने के लिए सभी अधिकारियों और कर्मचारियों की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं। प्रशासन लगातार लोगों से संयम बनाए रखने और शांति बनाए रखने की अपील कर रहा है।
जोधपुर जिला कलेक्टर गौरव अग्रवाल ने भी सुरक्षा के मद्देनज़र ब्लैकआउट के सख्त पालन की आवश्यकता पर बल दिया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि लोग निर्देशों का पालन नहीं करते हैं तो यह हजारों लोगों की जान के लिए खतरा बन सकता है। अग्रवाल ने बताया कि संभावित हवाई हमले या अन्य खतरे की स्थिति में पहला सायरन खतरे की चेतावनी देगा, जबकि दूसरा सायरन यह संकेत होगा कि खतरा समाप्त हो चुका है।
कलेक्टर ने लोगों से अपील की है कि ब्लैकआउट के दौरान घरों से बाहर न निकलें, घर के अंदर और बाहर की सभी लाइटें बंद रखें, और वाहनों की लाइटों का भी इस्तेमाल न करें। उन्होंने ब्लैकआउट को केवल एक निर्देश नहीं, बल्कि एक जीवन रक्षक उपाय मानने का आग्रह किया है।